पटना: राजधानी में जलजमाव के बाद डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है. लगातार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. सरकार और जिले की टीम पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है. डेंगू मरीजों की संख्या में रोजाना 100 से 150 की संख्या में वृद्धि हो रही है. ताजा आकंड़ों के मुताबिक अबतक 2000 मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं.
इस बीच प्रदेश में अब डेंगू पर सियासत तेज है. पक्ष-विपक्ष दोनों ओर से बयानबाजी हो रही है. एक ओर जहां विपक्ष सत्ता पक्ष को फेल बता रहा है तो वहीं, सत्ता पक्ष तत्परता से काम करने की दलील दे रहा है. विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी ने जेडीयू का बचाव किया है.
'सरकार तत्परता से कर रही काम'
बीजेपी प्रवक्ता अजफर शमशी ने कहा है कि प्रदेश सरकार लापरवाह नहीं है. सरकार सजग है. सभी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था की गई है. स्थिति नियंत्रित है. चिंता की कोई बात नहीं है. वहीं, जेडीयू के राजीव रंजन का कहना है कि इस बार डेंगू में बीते सालों की तरह आक्रमकता नहीं है. ऐसे सरकार शुरू से अलर्ट थी क्योंकि पता था कि जलजमाव के बाद यह स्थिति पैदा हो सकती है.
डेंगू के ताजा आकंड़े
जलजमाव के बाद हुए डेंगू से बीजेपी के दो विधायक पीड़ित हैं. मुख्यमंत्री के साथ रहने वाले अधिकारी भी डेंगू से पीड़ित हैं. पटना के छह अंचलों में सबसे अधिक 450 से अधिक डेंगू के मरीज पाटलिपुत्र अंचल में पाए गए हैं. वहीं, बांकीपुर अंचल में 400, कंकड़बाग में 300 से अधिक, नूतन राजधानी अंचल में 150 से अधिक, अजीमाबाद अंचल में 170 और पटना सिटी में 80 मरीज चिन्हित किये गए हैं.
इस जिले में अबतक पाए गए इतने मरीज
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे बिहार में एनएस-1 जांच में 328 और आईजीएस एलाइजा जांच में 2210 मरीज पाए गए हैं. इनमें सबसे अधिक 1916 डेंगू के मरीज पटना जिले में पाए गए हैं जबकि भागलपुर दूसरा सबसे प्रभावित शहर है.
- पटना - 1916 मरीज
- भागलपुर - 125 मरीज
- पूर्णिया - 22 मरीज
- नवादा - 54 मरीज
- जहानाबाद - 16 मरीज
- मधुबनी - 17 मरीज
- चंपारण - 16 मरीज
- बेगूसराय - 11 मरीज
- औरंगाबाद - 22 मरीज