पटना: बीजेपी के प्रवक्ता रामसागर सागर सिंह ने राजद कोटे के मंत्री के बयान को लेकर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि लालू के चरवाहा विश्वविद्यालय के प्रोडक्ट रहे शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर, सुरेंद्र यादव ने सेना को लेकर और आलोक मेहता ने अगड़ी जाति और लेकर स्वतंत्रता सेनानियों को लेकर बयान दिया है, इससे लगता है कि कहीं न कहीं यह राष्ट्रीय जनता दल की एक सोची-समझी रणनीति है.
'राजद मंत्रियों के विवादित बयानों पर बीजेपी का हमला': रामसागर सिंह ने कहा कि लालू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर तेजस्वी यादव को यह बताना चाहिए कि आखिर किस परिस्थिति में उनके मंत्री धर्म से लेकर जाति तक और सेना पर बयानबाजी कर रहे हैं. तेजस्वी यादव चुप्पी साधे हुए हैं. इसका मतलब साफ है आरजेडी समाज में विद्वेष फैलाना चाहती है. जनता जानना चाहती है कि यह जो कुछ हो रहा है सब तेजस्वी यादव के शह पर हो रहा है.
तेजस्वी की चुप्पी पर बीजेपी का हमला: राष्ट्रीय जनता दल समाज को बांट कर वोट की राजनीति कर रही है. यही कारण है कि उनके कोटे के मंत्री स्वतंत्रता संग्राम में भी अगड़ी जाति की भूमिका को लेकर तरह तरह के बयान देते हैं. उसके बाद उस बयान की पुष्टि दूसरे तरह से करते हैं. जानबूझकर राष्ट्रीय जनता दल पूरे समाज में जहर घोलने की कोशिश कर रही है और तेजस्वी यादव चुप्पी साधे हुए हैं. तेजस्वी यादव के इशारे पर इस तरह का बयान उनके मंत्री खुलेआम दे रहे हैं.- रामसागर सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
'अपने मंत्रियों को तेजस्वी ने रखी है छूट': उन्होंने कहा कि एक तरफ आरजेडी के नेता लगातार विवाद बयान दे रहे हैं और उनके समर्थन में राजद कार्यकर्ता जगह-जगह पोस्टर भी लगा रहे हैं. जनता उनसे (तेजस्वी यादव) सवाल पूछ रही है कि आखिर किन हालातों में वह अपने मंत्रियों को इस तरह का बयान देने की छूट दिए हुए हैं. कोई कारवाई नहीं करते हैं.
मंत्री सुरेंद्र यादव ने सेना को लेकर दिया था बयान: सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव से मीडिया कर्मियों ने पूछा था कि क्या 2024 में बीजेपी कुछ बड़ा करने जा रही है? तो उन्होंने पहले जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी का सुपड़ा 2024 में साफ होने वाला है. लेकिन उन्होंने 'पुलवामा अटैक' (Pulwama Attack 2019) की तरफ इशारा करके उसे बीजेपी द्वारा करवाया गया हमला बताने का संकेत देकर सियासत में भूचाल ला दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव के समय कुछ भी करवा सकती है. हो सकता है फिर से आर्मी पर हमला करवाया जाए या ये भी हो सकता है कि किसी देश पर हमला करे.
क्या कहा था मंत्री आलोक मेहता ने: राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने 10 फीसदी आरक्षण पाने वालों को अंग्रेजों का दलाल करार दे डाला. उन्होंने कहा कि ये लोग अंग्रेजों के जमाने में मंदिरों में घंटी बजाते थे. जगदेव बाबू ने दलित, शोषित, पिछड़े और वंचितों के उत्थान की लड़ाई लड़ी, जिनकी हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है. उन्हें समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता था. अंग्रेजों ने जाते वक्त सैकड़ों एकड़ जमीन देकर जमींदार बना दिया. जबकि मेहनत, मजदूरी करने वाले आज तक भूमिहीन बने हुए हैं. मंत्री आलोक मेहता का इशारा आर्थिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण (ईडब्ल्यूएस) में शामिल लोगों के लिए था.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का विवादित बयान: शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि 'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उनका हक दिलाने से रोकता है. मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया. मनुस्मृति को बाबा साहब अंबेडकर ने इसलिये जलाया क्योंकि वह दलितों और वंचितों के हक छीनने की बातें करती है.'