पटना: बिहार में जातिगत जनगणना (Caste Census in Bihar) को लेकर बिहार में विवाद बरकरार है. विपक्ष ने जातिगत जनगणना के मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है. नीतीश कुमार ने भी पहल किया है. जातिगत जनगणना पर बीजेपी (BJP on Caste Census) से विरोध के स्वर फूटने लगे हैं. नीतीश कुमार जातिगत जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कह चुके हैं. बिहार में सरकार अपने खर्चे पर जातिगत जनगणना कराएगी, इस पर विमर्श जारी है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने यह जरूर संकेत दिया है कि जातिगत जनगणना होगी.
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जातिगत जनगणना के मसले पर भाजपा की तरफ से विरोध के स्वर फूटने लगे हैं. अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अजीत चौधरी ने जातिगत जनगणना पर विरोध प्रकट किया है. उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा कि, 'जातिगत जनगणना अगर बिहार सरकार कराती है, तो भाजपा को तत्काल अपने गठबंधन पर विचार करना चाहिए.'
जानकारी दें कि अजीत चौधरी पहले भी प्रदेश नेतृत्व के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं. उन्होंने शराबबंदी कानून को लेकर कहा था कि जिस तरीके से कृषि कानून को वापस लिया गया, उसी तरीके से शराबबंदी कानून को भी वापस लिया जाना चाहिए. शराबबंदी कानून के तहत सिर्फ गरीब शिकार हो रहे हैं.
आपको बताएं कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से शीतकालीन सत्र में भी ज्ञापन दिया गया था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की गई थी. उस समय भी मुख्यमंत्री ने 2 से 4 दिन में बैठक बुलाने का आश्वासन दिया था. इससे पहले तेजस्वी यादव के आग्रह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से भी जाकर शिष्टमंडल मिल चुका है, लेकिन केंद्र की ओर से साफ हो चुका है कि जातीय जनगणना अब वह नहीं कराएगी.
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