पटनाः शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच खींचतानी शुरू हो गई है. शिक्षा विभाग की कमान संभालने के बाद केके पाठक कई तरह का आदेश निकाल रहे हैं और उसके कारण ही विवाद बढ़ रहा है. शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव के बीच विवाद पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि शिक्षा मंत्री ने जिस प्रकार से सचिव को पत्र भेजवाया है, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
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शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव ने भेजा पत्रः दरअसल में शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव कृष्णा नंद यादव ने 4 जुलाई को मंत्री के निर्देश पर पीत पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि निर्देशानुसार अवगत कराना है कि पिछले कई दिनों से शिक्षा मंत्री के द्वारा यह महसूस किया जा रहा है कि विभाग मीडिया में नकारात्मक खबरों से अधिक चर्चा में रहा है. विभाग से संबंधित कोई भी पत्र/संकल्प आदि विभागीय पदाधिकारियों/मंत्री कोषांग में पहुंचने से पूर्व ही सोशल मीडिया/युट्यूब चैनलों और विभिन्न वॉट्सऐप ग्रुप में पहुंच जाता है.
लाइव टेलीकास्ट करते देखे गए चैनल वालेः हद तो तब हो गई जब कार्यालय अवधि समाप्ति के पश्चात् कार्य कर रहे एक निदेशक के कक्ष से टीवी चैनल वाले लाइव टेलीकास्ट करते देखे गए. टी०वी० रिर्पोटर उनसे पूछताछ भी कर रहे थे और वे विश्रान्ति से जबाब दे रहे थे, यह भी संज्ञान में आया है कि कई रिर्पोटर/यू ट्यूबर को किसी अदृश्य व्यक्ति द्वारा विभागीय अधिकारी के दौरे/निरीक्षण की जानकारी पहले से ही प्राप्त हो जाती है और निरीक्षत स्थलों पर वे पहले से मौजूद रहते है.
विभाग की आन्तरिक खबरें भी जा रहीं बाहरः पत्र में भी कहा गया है कि वरीय अधिकारी द्वारा बंद कमरे में ली जा रही मीटिंग आदि से संबंधित खबर भी मीडिया में द्रुत गति से संचारित हो जाते है. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि किसी खास व्यक्ति द्वारा निहित स्वार्थों की पूर्त्ति अथवा सरकार की छवि कुप्रभावित करने के उद्देश्य से विभागीय आन्तरिक खबरों को मीडिया में प्लांट किया जा रहा है.
नकारात्मक खबरों से विभाग की छवि धूमिलः जनमानस से सरोकार रखने वाले खबरों को राज्य सरकार की घोषित नीति के अनुरूप प्रसारित करने पर किसी को आपत्ति नहीं है, लेकिन नकारात्मक खबरों से विभाग व सरकार की छवि धूमिल हो रही है. विभागीय अधिकारियों का उपरोक्त कृत्य बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली, 1976 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कसा तंजः इस पत्र से प्रोफेसर चंद्रशेखर एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं जो पहले से ही कई विवादों में घिरे रहे हैं और जब से केके पाठक आए हैं, तब से उनकी मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. दोनों के बीच उठे विवाद पर बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग के अशिक्षित मंत्री चंद्रशेखर ने जो पत्र भेजा है, वह बिहार के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
"अधिकारियों और कर्मचारियों को काम करने दीजिए और अपने आप को सुधारिये आप जिस पार्टी में हैं और जिस चरित्र के हैं वैसा चरित्र बिहार को मत दीजिए. सरकार को अपने हिसाब से काम करने दीजिए मुख्यमंत्री को तो शर्मसार कर ही रहे हैं शिक्षा विभाग को भी बर्बाद कर रहे हैं"- अरविंद सिंह, प्रवक्ता बीजेपी
'इस्तीफा क्यों नहीं दे देते हैं मंत्री'-अरविंद सिंह ने ये भी कहा कि शिक्षा मंत्री एक तरफ कहते हैं साइंस फैकेल्टी के टीचर नहीं मिल रहा है दूसरी तरफ पीत पत्र भेज रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर से कहा है कि उनसे विभाग नहीं संभल रहा है तो इस्तीफा क्यों नहीं दे देते हैं.
एक और मंत्री ने पाठक पर उठाए सवालः आपको बता दें कि बिहार सरकार के अनुसूचित जाति जनजाति मंत्री रत्नेश सदा ने भी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि केके पाठक दलित विरोधी हैं, वो सामंती विचारधारा के लोग है और विभाग में आने के बाद अपने विचारधारा को लागू करना चाहते हैं. यही कारण है कि महादलित टोले के शिक्षक जो महादलित के बच्चों को पढ़ाते हैं, उसको लेकर नया गाइडलाइन जारी कर उनके वेतन में कटौती के आदेश दिए हैं, जो गलत है.