पटनाः बिहार में विपक्षी एकता की बैठक को लेकर सियासत जारी है. भाजपा इस बैठक को लेकर नीतीश कुमार पर चौतरफा हमला कर रही है. बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्षी एकता की बैठक से बीजेपी में घबराहट है. बीजेपी की बिना दूल्हे और बाराती वाली बात पर मंत्री ने कहा, सारी पॉलिसी अभी ही बता दें हम. फिर उसका क्या मतलब निकलेगा जो भी है प्रोसेस में है. उन्होंने कहा कि सब कुछ ट्रांसपेरेंट है.
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"किस एंगल से यह बैठक बीजेपी को सफल नहीं दिख रही, जो कुछ भी हो रहा है डेमोक्रेटिक प्रोसेस में हो रहा है जो अच्छी बात है देश के प्रजातंत्र के लिए और सब कुछ जनता की मांग पर हो रहा है"- आलोक मेहता, मंत्री
भाजपा में घबराहटः गृह मंत्री के फोटो सेशन वाले बयान पर मंत्री ने कहा, अमित शाह का जवाब हमारे पास नहीं है. विपक्ष अपने रास्ते पर काम कर रहा है और वो अपनी तरह से जनता के बीच बातों को कह रहे हैं. लेकिन घबराहट तो उनको है. बीजेपी के सभी नेता बैठक के सफल होने के बाद कुछ से कुछ बोल रहे हैं, ये तो सब देख रहा है. इसका मतलब क्या है वो भी आप समझ रहे हैं.
जनता जिसको चाहेगी सत्ता में लाएगी: आलोक मेहता ने कहा कि लोकतंत्र में सब कुछ जनता के हाथ में होता है. जनता जिसको चाहेगी उसे सत्ता में लाएगी. यही सब सोचकर अभी तक विपक्षी पार्टी ने चुनाव से पहले किसी भी पार्टी के नेता का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए घोषित नहीं किया है. चुनाव होगा. किस पार्टी का क्या परफॉर्मेंस रहेगा उसी के आधार पर सब कुछ होगा. इसको लेकर बीजेपी के लोग परेशान क्यों हैं.