पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद अब पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. दलगत आधार पर चुनाव हो, इस बात की वकालत भाजपा लंबे समय से कर रही है. भारतीय जनता पार्टी ने पंचायत चुनाव के जरिए वोट बढ़ाने की रणनीति तैयार की है.
विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भले ही 74 सीटों पर जीत हासिल की हो लेकिन पार्टी इतने से संतुष्ट नहीं है. पंचायत चुनाव के जरिए पार्टी नेता जनाधार बढ़ाना चाहते हैं. इसके लिए बकायदा रणनीति तैयार कर ली गई है और नेताओं को जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है. पंचायत चुनाव अगर दलगत आधार पर हो तो पार्टी उम्मीदवार उतारेगी, अगर नहीं भी हुए तो उसके लिए भी भाजपा ने एक्शन प्लान तैयार किया है.
अल्पसंख्यक वोट बैंक पर नजर
पंचायत चुनाव के जरिए भाजपा अल्पसंख्यक वोट बैंक साधने की तैयारी भी कर रही है. पार्टी की तरफ से वैसे समुदाय से भी उम्मीदवार तैयार किए जा रहे हैं, जो भाजपा का पारंपरिक वोट नहीं है. खास तौर पर पार्टी की नजर अल्पसंख्यकों की ओर है. उम्मीदवारों को चिन्हित कर अप्रत्यक्ष तौर पर पार्टी उन्हें मैदान में उतारा जाएगा और उन्हें दल का समर्थन भी हासिल होगा. प्रत्याशियों को तलाशने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है.
दलगत चुनाव को लेकर बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा कि अब तक पार्टियों ने कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. मामला विचाराधीन है कि दलगत चुनाव होंगे या नहीं. डिप्टी सीएम ने कहा कि कुछ उच्च पदों पर दलगत आधार पर पंचायतों में भी चुनाव होने चाहिए.
संगठन मजबूती पर भाजपा का ध्यान
भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि पंचायत चुनाव में भी बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता चुनाव में भाग्य आजमाते हैं. ये पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता होते हैं और पार्टी उन्हें पूरा समर्थन देती है. पंचायत चुनाव के जरिए बीजेपी अपना जनाधार बढ़ाएगी.
इस बार ईवीएम से होंगे चुनाव
बिहार में पंचायत चुनाव मई-जून में हो सकते हैं, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं, चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर रखी है. 'बिहार पंचायत चुनाव- 2021' को लेकर वार्डवार मतदाता सूची 12 जनवरी तक तैयार हो जाएगी. 13 से 18 जनवरी के बीच प्रारूप मतदाता सूची की छपाई (मुद्रण) और 19 को मतदाता सूची प्रकाशित कर दी जाएगी. इस बार चुनाव बैलेट पेपर की जगह ईवीएम से होंगे.