पटना: बिहार में रोजगार के मसले पर महागठबंधन और बीजेपी के बीच सियासत शुरू है. 10 जुलाई से मानसून सत्र शुरू हो रहा है. बीजेपी ने 13 जुलाई को विधानसभा मार्च की घोषणा की है. बीजेपी तेजस्वी यादव को उस वादे पर घेरने का फैसला किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पहली कैबिनेट में 10 लाख नौकरी देंगे. बीजेपी का कहना है कि 20 कैबिनेट की बैठक हो गई लेकिन अभी तक वादा पूरा नहीं किया गया. बीजेपी के मार्च पर जदयू की तरफ से निशाना साधा गया है.
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"देश की सत्ता पर काबिज हुए थे तो दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. इतने वर्षों में केवल ऊंट के मुंह में जीरा ही दिया है. अपने किसी भी किए वादों को पूरा नहीं किया है. दूसरी तरफ बिहार की सरकार है जो लगातार युवाओं को रोजगार दे रही है. लगातार वैकेंसी निकल रही है. लोगों की लगातार नियुक्तियां भी हो रही है."- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
मार्च निकालकर नौटंकी करेंगेः जदयू प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में बीजेपी के रूप में नकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने वाली पार्टी है जो घटिया और ओछी राजनीति करने में ही विश्वास करती है. बीजेपी को रोजगार और नौकरी पर बोलने का कोई हक नहीं है. बीजेपी के लोग अपनी बात सदन के अंदर नहीं कहेंगे मार्च निकालकर नौटंकी करेंगे, जनता का समय बर्बाद करेंगे. अभिषेक झा ने कहा कि बीजेपी के लोगों में क्षमता ही नहीं है कि सदन के अंदर सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाए.
तेजस्वी ने किया था वादाः बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने रोजगार देने का वादा किया था. उन्होंने कहा था कि पहली कैबिनेट में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देंगे. बाद में नीतीश कुमार ने भी 20 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था. बीजेपी इसी मुद्दे पर महागठबंधन सरकार को घेरना चाह रही है. वहीं जदयू का कहना है कि बीजेपी ने हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था.