पटना : अरुणाचल प्रदेश में जदयू को बड़ा झटका लगा है पार्टी के आधे दर्जन विधायक जदयू छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं. टूट के बाद से जदयू के अंदर बेचैनी है. पूरे मसले पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी मंथन का दौर जारी है. पर सवाल बीजेपी जेडीयू गठबंधन को लेकर खड़ा हो रहा है.
कहा जाता है कि नीतीश कुमार दबाव की राजनीति करते हैं लेकिन इस बार भाजपा नीतीश कुमार के दबाव में आना नहीं चाहती. अरुणाचल प्रदेश में टूट को अंजाम देकर भाजपा ने बिहार में भी जदयू को संकेत दे दिया कि वह इस पारी में जदयू के दबाव में काम करने वाले नहीं हैं.
जदयू नेताओं ने साधी चुप्पी
जदयू नेता ये कई बार कह चुके हैं कि हमारा भाजपा के साथ बिहार में गठबंधन है और हम दूसरे राज्यों में अलग चुनाव लड़ते हैं, अरुणाचल प्रदेश भी उसकी एक कड़ी है. जदयू के नेता पार्टी को राष्ट्रीय फलक पर ले जाना चाहते हैं. जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी से जब ईटीवी भारत संवाददाता ने टूट को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
राजद ने ली चुटकी
इस हालात पर राजद ने चुटकी ली है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है नीतीश कुमार को अभी समझ लेना चाहिए और उन्हें भूल सुधार कर तेजस्वी यादव के लिए कुर्सी छोड़ देनी चाहिए. नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में आना चाहिए.'दल बदला गठबंधन नहीं बदला'
वहीं, भाजपा प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा है जो विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं उससे भाजपा जदयू के रिश्तो में कोई खटास नहीं आई है. विधायकों ने गठबंधन नहीं बदला है वह एक ही फ्लैट में एक कमरे से दूसरे कमरे में आए हैं.
'भाजपा बिहार के अंदर अब अपनी शर्तों पर सरकार चलाएगी'
राजनीतिक विश्लेषक ललन सिंह का मानना है कि नीतीश कुमार को भाजपा ने बड़ा झटका दिया है. सतीश कुमार बिहार में दबाव की राजनीति करते हैं और भाजपा ने उन्हें यह संदेश दे दिया है कि अब वह उनके दबाव में आने वाली नहीं हैं. भाजपा बिहार के अंदर अब अपनी शर्तों पर सरकार चलाएगी.