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CBI स्वतंत्र एजेंसी है, राजद के हिसाब से काम नहीं करेगी: भारतीय जनता पार्टी

Bihar Politics पूर्व सीएम लालू यादव के खिलाफ आईआरसीटीसी घोटाले में सीबीआई जांच से सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. सीबीआई के खिलाफ राजद के बयान का भाजपा ने पटलवार किया. कहा कि CBI एक स्वतंत्र एजेंसी है. CBI राजद के हिसान से नहीं चलेगी. पढ़ें पूरी खबर...

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी
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Published : Dec 26, 2022, 4:21 PM IST

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी

पटनाः IRCTC घोटाला मामला में लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई (CBI investigation in IRCTC scam) ने एक बार फिर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. लालू प्रसाद यादव, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ जांच शुरू की गई है. सीबीआई की कार्रवाई शुरू होते ही राजद नेता आक्रमक होने लगे हैं. RJD का कहना है कि CBI केंद्र सरकार के इशारे में कार कर रही है. जिसपर भाजपा ने भी पलटवार किया है.

यह भी पढ़ेंः 'नीतीश कुमार 17 साल में कुछ नहीं कर सके.. अब क्या करेंगे', नित्यानंद राय का हमला

सीबीआई एक निष्पक्ष एजेंसीः भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने RJD पर निशाना साधा है. कहा कि CBI एक स्वतंत्र एजेंसी है, वह राजद के इसारे पर काम नहीं करेगी. सीबीआई किसी के दबाव में काम नहीं करती है. लालू परिवार के खिलाफ इतने सारे मामले दर्ज हैं कि पता ही नहीं चलता कि किस मामले में जांच चल रही है. भाजपा नेता ने कहा कि सीबीआई एक निष्पक्ष एजेंसी है और पूरी निष्पक्षता के साथ काम करती है.

नीतीश कुमार को भी निशाने परः वहीं, दूसरी ओर भाजपा नेता ने नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया. कहा कि केंद्र के संघीय ढांचा पर नीतीश का भरोसा नहीं है. नीतीश कुमार का अब फेडरल स्ट्रक्चर में भरोसा नहीं रह गया है. केंद्र द्वारा बुलाए गए महत्वपूर्ण बैठकों में भी वह नहीं जा रहे हैं. शायद वह तेजस्वी यादव को 2025 के लिए रिहर्सल करा रहे हैं. नीतीश कुमार को अब जाने में लाज लग रहा है. वे किस मुंह से जाएंगे. उनको BJP का भरोसा ही नहीं है.

"CBI एक स्वतंत्र एजेंसी है, वह किसी के इशारे में पर काम नहीं करती है. RJD के हिसाब से एजेंसी काम नहीं करेगी. वह अपने अनुसार सबूत के लिए जांच करती रहती है. लालू यादव अगर दूध के धुले हैं तो डरते क्यों हैं. जो ईमानदार है उसे डरना ही नहीं चाहिए." - मिथिलेश तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा

क्या है रेलवे परियोजनाओं से जुड़ा मामला: बताया जाता है कि इस मामले में कहा गया था कि लालू यादव ने रेलवे के प्रोजेक्ट्स निजी कंपनी को देने के एवज में दक्षिणी दिल्ली की एक प्रॉपर्टी रिश्वत के तौर पर हासिल की थी. आरोप था कि इस निजी कंपनी ने एक शेल कंपनी के जरिए प्रॉपर्टी काफी कम दाम में खरीदी और फिर इस शेल कंपनी को तेजस्वी यादव और लालू यादव के संबंधियों ने खरीद लिया. शेल कंपनी को खरीदने के लिए महज चार लाख रुपये की राशि शेयर ट्रांसफर के जरिए चुकाई गई.

सीबीआई ने खोला लालू के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस : बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में साल 2018 में जांच शुरू की थी और मई 2021 में जांच को बंद कर दिया गया था. बताया जाता है कि सीबीआई को लालू के खिलाफ आरोपों पर पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. इस मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनकी बेटी चंदा यादव और रागिनी यादव को भी अभियुक्त बनाया

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी

पटनाः IRCTC घोटाला मामला में लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई (CBI investigation in IRCTC scam) ने एक बार फिर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. लालू प्रसाद यादव, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ जांच शुरू की गई है. सीबीआई की कार्रवाई शुरू होते ही राजद नेता आक्रमक होने लगे हैं. RJD का कहना है कि CBI केंद्र सरकार के इशारे में कार कर रही है. जिसपर भाजपा ने भी पलटवार किया है.

यह भी पढ़ेंः 'नीतीश कुमार 17 साल में कुछ नहीं कर सके.. अब क्या करेंगे', नित्यानंद राय का हमला

सीबीआई एक निष्पक्ष एजेंसीः भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने RJD पर निशाना साधा है. कहा कि CBI एक स्वतंत्र एजेंसी है, वह राजद के इसारे पर काम नहीं करेगी. सीबीआई किसी के दबाव में काम नहीं करती है. लालू परिवार के खिलाफ इतने सारे मामले दर्ज हैं कि पता ही नहीं चलता कि किस मामले में जांच चल रही है. भाजपा नेता ने कहा कि सीबीआई एक निष्पक्ष एजेंसी है और पूरी निष्पक्षता के साथ काम करती है.

नीतीश कुमार को भी निशाने परः वहीं, दूसरी ओर भाजपा नेता ने नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया. कहा कि केंद्र के संघीय ढांचा पर नीतीश का भरोसा नहीं है. नीतीश कुमार का अब फेडरल स्ट्रक्चर में भरोसा नहीं रह गया है. केंद्र द्वारा बुलाए गए महत्वपूर्ण बैठकों में भी वह नहीं जा रहे हैं. शायद वह तेजस्वी यादव को 2025 के लिए रिहर्सल करा रहे हैं. नीतीश कुमार को अब जाने में लाज लग रहा है. वे किस मुंह से जाएंगे. उनको BJP का भरोसा ही नहीं है.

"CBI एक स्वतंत्र एजेंसी है, वह किसी के इशारे में पर काम नहीं करती है. RJD के हिसाब से एजेंसी काम नहीं करेगी. वह अपने अनुसार सबूत के लिए जांच करती रहती है. लालू यादव अगर दूध के धुले हैं तो डरते क्यों हैं. जो ईमानदार है उसे डरना ही नहीं चाहिए." - मिथिलेश तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा

क्या है रेलवे परियोजनाओं से जुड़ा मामला: बताया जाता है कि इस मामले में कहा गया था कि लालू यादव ने रेलवे के प्रोजेक्ट्स निजी कंपनी को देने के एवज में दक्षिणी दिल्ली की एक प्रॉपर्टी रिश्वत के तौर पर हासिल की थी. आरोप था कि इस निजी कंपनी ने एक शेल कंपनी के जरिए प्रॉपर्टी काफी कम दाम में खरीदी और फिर इस शेल कंपनी को तेजस्वी यादव और लालू यादव के संबंधियों ने खरीद लिया. शेल कंपनी को खरीदने के लिए महज चार लाख रुपये की राशि शेयर ट्रांसफर के जरिए चुकाई गई.

सीबीआई ने खोला लालू के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस : बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में साल 2018 में जांच शुरू की थी और मई 2021 में जांच को बंद कर दिया गया था. बताया जाता है कि सीबीआई को लालू के खिलाफ आरोपों पर पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. इस मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनकी बेटी चंदा यादव और रागिनी यादव को भी अभियुक्त बनाया

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