पटना: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं को आरक्षण नहीं देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना होगी. लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना होगी, फिर परिसीमन आयोग बनेगा तब तक 2029 आ जाएगा. महिला आरक्षण के नाम पर जुमलेबाजी कर रहे हैं. उनकी इच्छा ही नहीं है कि महिला आरक्षण लागू करें.
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"महिला सशक्तीकरण पर उनका विश्वास है ही नहीं. यदि विश्वास रहता तो 9 साल में महिला आरक्षण का बिल क्यों नहीं लेकर आए. अब जब 6 महीना बच गया है चुनाव का तब महिला सशक्तीकरण की बात कर रहे हैं."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
आरक्षण में आरक्षण की मांगः ललन सिंह ने कहा कि आरक्षण में आरक्षण पूरे देश की मांग है. इसीलिए मांग हो रही है जाति आधारित जनगणना कराई जाए और जनगणना होने के बाद ही पता चलेगा कि समाज की क्या आबादी है. उसके हिसाब से उस पर महिला को आरक्षण दिया जा सकता है. ललन सिंह ने दलित पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब तबके की आरक्षण की वकालत की. अल्पसंख्यक समाज में भी दलित का काम नहीं करते हैं क्या जो स्वीपर का काम करते हैं उन्हें भी तो आरक्षण मिलना चाहिए.
पिछड़ा-अति पिछड़ा विरोधी है भाजपाः ललन सिंह ने कहा कि सुशील मोदी बीमारी से ग्रसित हैं. सुशील मोदी भाजपा का जो ऑफिशियल स्टैंड है वह बोल रहे हैं. और भाजपा का ऑफिशियल स्टैंड पिछड़ा-अति पिछड़ा विरोधी है. ललन सिंह ने सवाल उठाया कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे महिलाओं को आरक्षण दिए थे क्या. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी महिला आरक्षण का समर्थन किया है. जदयू की तरफ से आरक्षण में आरक्षण की मांग हो रही है.