पटनाः चार राज्यों में विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद ही सियासत शुरू हो गई है. तीन राज्य में कांग्रेस को हार मिली है. इसको लेकर बिहार में भी राजनीति शुरू है. भाजपा के नेता सीएम नीतीश कुमार को इस हार का दोषी मानते हैं. वहीं JDU के इस आरोप का करारा जवाब दिया है. कहा कि अगर नीतीश कुमार इसका कारण हैं तो क्या तेलांगना में प्रचार करने गए भाजपा नेता मुर्ख थे.
नीतीश कुमार के बयान को मुद्दा बनायाः बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के चुनाव प्रचार में नीतीश कुमार के बयान को मुद्दा बनाया था. उन्होंने नीतीश कुमार के द्वारा महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक बयान को हथियार बनाते हुए प्रचार प्रसार में इस्तेमाल किया था. जिस तरीके से नीतीश कुमार ने महिलाओं को लेकर विधानसभा में बयान दिया था, उसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी हमलावर थे. भाजपा को लगता है कि इसी कारण कांग्रेस को हार मिली है.
ललन सिंह को हटाएंगे नीतीश कुमार? भाजपा प्रवक्ता डॉक्टर रामसागर सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार ने महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए थे. दलित नेता जीतन राम मांझी को भी अपमानित करने का काम किया था. महिलाओं और दलितों ने नीतीश कुमार के बयान का सबक इंडिया गठबंधन को सिखाया है. भाजपा नेता ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद आरपी सिंह को नीतीश कुमार ने हटाया था. क्या इस बार ललन सिंह को हटाएंगे.
"नीतीश कुमार INDI गठबंधन के प्रमुख नेता थे. उन्होंने चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान सदन में महिलाओं के प्रति टिप्पणी और जीतन राम मांझी का अपमान किया. उसका बदला जनता ने INDI गठबंधन को हराकर लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब किसान को आगे बढ़ाने का काम किया है. मध्य प्रदेश में जदयू का जमानत जब्त हो गया. क्या नैतिकता के आधार पर ललन सिंह इस्तीफा देंगे?" -डॉक्टर रामसागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता
कुतर्क राजनीति कर रही भाजपा? भाजपा के इस आरोप का जदयू ने करारा जवाब दिया है. कहा कि भाजपा बिना कोई तर्क की राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता यह कहते हैं कि नीतीश कुमार का राजनीति में अब असर नहीं रह गया है तो क्या उनके बयान का असर भी बढ़ने लगा है. उन्होंने कहा कि बिहार के नेता को प्रचार प्रसार में क्यों नहीं बुलाया गया. जो लोग तेलंगाना गए प्रचार के लिए गए थे, इसका मतलब वे अयोग्य हैं, इसिलए हार मिली है.
"नीतीश कुमार जी के बारे में भाजपा कहती है कि राजनीति में इनकी कोई भूमिका नहीं है तो नीतीश कुमार का असर भी पड़ने लगा. हद है भाजपा तो सुविधा के अनुसार तर्क देती है. जो लोग बयान दे रहे हैं क्या उन्हें बुलाया गया था प्रचार के लिए. तेलांगना में जो बीजेपी नेता गए, क्या वे अयोग्य हैं? उनको अंग्रेजी बोलने नहीं आती है इसलिए सफलता नहीं मिली. कुतर्क से राजनीति नहीं चलता है." -नीरज कुमार, जदयू प्रवक्ता
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