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'तेजस्वी पढ़ाई-क्रिकेट और राजनीति में फेल.. आगे भी हर आंदोलन होगा असफल', प्रतिरोध मार्च पर BJP का हमला

बीजेपी ने तेजस्वी यादव के 7 मार्च को होने वाले प्रतिरोध मार्च पर निशाना (BJP attack on Tejashwi Yadav ) साधा है. प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि तेजस्वी कुछ भी कर लें कोई फायदा नहीं होगा. वह पढ़ाई, क्रिकेट और राजनीति में फेल हो चुके हैं. आगे भी किसी भी आंदोलन में सफलता नहीं मिलेगी.

BJP attack on Tejashwi Yadav for pratirodh march
BJP attack on Tejashwi Yadav for pratirodh march
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Published : Aug 3, 2022, 2:10 PM IST

पटना: 7 अगस्त को बिहार में महागठबंधन प्रतिरोध मार्च ( Mahagathbandhan Pratirodh March ) निकालेगा. इसकी तैयारी में महागठबंधन के नेता जुटे हुए हैं. बढ़ती महंगाई बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं और केंद्र की अग्निवीर योजना के साथ ही और भी कई मुद्दों को लेकर प्रतिरोध मार्च नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में निकाली जाएगी. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गयी है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल (BJP spokesperson Prem Ranjan Patel) ने कहा कि तेजस्वी यादव सभी मोर्चों पर फेल होते रहे हैं.

पढ़ें- 7 अगस्त को महागठबंधन का प्रतिरोध मार्च, गिले शिकवे भूल RJD के साथ सड़कों पर उतरेंगे कांग्रेस नेता

'तेजस्वी यादव पढ़ाई, क्रिकेट और राजनीति में फेल': प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि तेजस्वी यादव पढ़ाई में फेल रहे, क्रिकेट में भी फेल हुए और राजनीति में भी फेल हुए हैं. अब केंद्र सरकार के खिलाफ प्रतिरोध मार्च ( Pratirodh March On August 7 In Bihar) निकालने जा रहे हैं, उसमें भी वह फेल होंगे. जिस तरह की राजनीति तेजस्वी यादव कर रहे हैं उसमें कभी भी वह पास नहीं होने वाले हैं.

"केंद्र सरकार ने जिस तरह से किसानों के लिए योजना निकाली है. जिस तरह से गरीबों को कोरोना के समय मे फ्री राशन दिया है. उसके साथ-साथ कई योजनाएं गरीबों के लिए निकाली गई है. किसानों को जिस तरह से क्रेडिट कार्ड दिया गया है. किसान सम्मान योजना चलाया जा रहा है, उसके तहत पैसा दिया जा रहा है. इससे गरीब हो जा किसान हो सभी लाभांवित हुए हैं. विपक्ष जिस तरह की बयानबाजी नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर कर रही है वह गलत है. तेजस्वी अब तक हर मोर्चे में फेल हुए हैं और आगे भी होंगे."- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

'महागठबंधन का प्रतिरोध मार्च होगा फेल': उन्होंने साफ-साफ कहा कि कहीं ना कहीं विपक्ष जिन मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने की तैयारी कर रही है अभी से ही सभी विपक्षी दल अलग-अलग कार्यक्रम की घोषणा कर रहे हैं. हमें नहीं लगता है कि विपक्षी एकजुटता उसमें भी दिखेगी. अगर विपक्ष प्रतिरोध मार्च निकालता है तो आम जनता का साथ नहीं मिलने वाला है क्योंकि आम जनता केंद्र सरकार की नीति और योजना के साथ है.



प्रतिरोध मार्च की तैयारी में विपक्षः दरअसल आगामी अगस्त माह में केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ राजद की तरफ से एक प्रतिरोध मार्च प्रस्तावित है. इस प्रतिरोध मार्च में 10 ऐसी मांगें हैं जो महा गठबंधन की तरफ से की गई है. खास बात यह है कि इसके लिए जो हैंड बिल छापा गया है. उसमें राजद के तमाम नेताओं के साथ ही वाम दलों के प्रमुख नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी तस्वीर शामिल है.

हैंड बिल में विपक्षी एकता दिखाने का प्रयासः हैंडबील के सामने आने के साथ ही अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि, कुछ देर के लिए ही सही अलग-अलग रहने के बाद राजद और कांग्रेस एक बार फिर अब एक-दूसरे के नजदीक आ रहे हैं. दरअसल पिछले कुछ महीनों में अगर एक आध मौके को छोड़ दें तो बिहार में महागठबंधन की तरफ से कई ऐसे आयोजन हुए, जिसमें नाम तो महागठबंधन का था लेकिन उसमें कांग्रेस की तरफ से न तो कोई विधायक और न ही किसी वरिष्ठ नेता ने हिस्सा लिया.


संपूर्ण क्रांति दिवस महागठबंधन की एकता में दिखी थी कमीः हाल के दिनों में बिहार की चर्चित राजनीतिक घटनाक्रम को अगर देखा जाए तो उसमें महागठबंधन के नाम पर राजद के साथ वामदल भी साथ खड़े नजर आए. गत 5 जून को जब राजधानी के बापू सभागार में महागठबंधन की तरफ से संपूर्ण क्रांति दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया तो उसमें राजद के अलावा केवल वाम दलों के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया. तब उसमें कांग्रेस की तरफ से कोई भी विधायक या वरिष्ठ नेता शामिल नहीं हुए.

विधानसभा से राजभवन मार्च से कांग्रेस ने बनायी थी दूरीः इसी तरह 22 जून को तेजस्वी यादव (RJD LEADER TEJASHWI YADAV) ने विधानसभा से राजभवन मार्च का आयोजन किया गया था तो उसमें भी केवल वामदलों के विधायक और राजद के नेता ही सामने नजर आए थे. इस मौके पर भी कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं था. खबर यहां तक भी आई कि इस राजभवन मार्च के ठीक पहले ही कांग्रेस आलाकमान ने अपने सभी विधायकों को दिल्ली बुला लिया था.

2021 विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस और राजद में दिखी दूरियांः राजनीति के जानकारों की मानें तो दरअसल राजद और कांग्रेस के बीच तल्खी का एक और कारण राज्य में 2021 में हुए विधानसभा उपचुनाव को भी माना जाता है. तब तारापुर और कुशेश्वरस्थान में विधानसभा उपचुनाव होना था. राजद ने अपने दोनों सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था, जिसमें तारापुर से अरुण कुमार साह और कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती को टिकट दिया गया था. उसी के बाद कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करते हुए तारापुर से राजेश कुमार मिश्रा और कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार को उम्मीदवार घोषित कर दिया था.



पटना: 7 अगस्त को बिहार में महागठबंधन प्रतिरोध मार्च ( Mahagathbandhan Pratirodh March ) निकालेगा. इसकी तैयारी में महागठबंधन के नेता जुटे हुए हैं. बढ़ती महंगाई बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं और केंद्र की अग्निवीर योजना के साथ ही और भी कई मुद्दों को लेकर प्रतिरोध मार्च नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में निकाली जाएगी. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गयी है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल (BJP spokesperson Prem Ranjan Patel) ने कहा कि तेजस्वी यादव सभी मोर्चों पर फेल होते रहे हैं.

पढ़ें- 7 अगस्त को महागठबंधन का प्रतिरोध मार्च, गिले शिकवे भूल RJD के साथ सड़कों पर उतरेंगे कांग्रेस नेता

'तेजस्वी यादव पढ़ाई, क्रिकेट और राजनीति में फेल': प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि तेजस्वी यादव पढ़ाई में फेल रहे, क्रिकेट में भी फेल हुए और राजनीति में भी फेल हुए हैं. अब केंद्र सरकार के खिलाफ प्रतिरोध मार्च ( Pratirodh March On August 7 In Bihar) निकालने जा रहे हैं, उसमें भी वह फेल होंगे. जिस तरह की राजनीति तेजस्वी यादव कर रहे हैं उसमें कभी भी वह पास नहीं होने वाले हैं.

"केंद्र सरकार ने जिस तरह से किसानों के लिए योजना निकाली है. जिस तरह से गरीबों को कोरोना के समय मे फ्री राशन दिया है. उसके साथ-साथ कई योजनाएं गरीबों के लिए निकाली गई है. किसानों को जिस तरह से क्रेडिट कार्ड दिया गया है. किसान सम्मान योजना चलाया जा रहा है, उसके तहत पैसा दिया जा रहा है. इससे गरीब हो जा किसान हो सभी लाभांवित हुए हैं. विपक्ष जिस तरह की बयानबाजी नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर कर रही है वह गलत है. तेजस्वी अब तक हर मोर्चे में फेल हुए हैं और आगे भी होंगे."- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

'महागठबंधन का प्रतिरोध मार्च होगा फेल': उन्होंने साफ-साफ कहा कि कहीं ना कहीं विपक्ष जिन मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने की तैयारी कर रही है अभी से ही सभी विपक्षी दल अलग-अलग कार्यक्रम की घोषणा कर रहे हैं. हमें नहीं लगता है कि विपक्षी एकजुटता उसमें भी दिखेगी. अगर विपक्ष प्रतिरोध मार्च निकालता है तो आम जनता का साथ नहीं मिलने वाला है क्योंकि आम जनता केंद्र सरकार की नीति और योजना के साथ है.



प्रतिरोध मार्च की तैयारी में विपक्षः दरअसल आगामी अगस्त माह में केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ राजद की तरफ से एक प्रतिरोध मार्च प्रस्तावित है. इस प्रतिरोध मार्च में 10 ऐसी मांगें हैं जो महा गठबंधन की तरफ से की गई है. खास बात यह है कि इसके लिए जो हैंड बिल छापा गया है. उसमें राजद के तमाम नेताओं के साथ ही वाम दलों के प्रमुख नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी तस्वीर शामिल है.

हैंड बिल में विपक्षी एकता दिखाने का प्रयासः हैंडबील के सामने आने के साथ ही अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि, कुछ देर के लिए ही सही अलग-अलग रहने के बाद राजद और कांग्रेस एक बार फिर अब एक-दूसरे के नजदीक आ रहे हैं. दरअसल पिछले कुछ महीनों में अगर एक आध मौके को छोड़ दें तो बिहार में महागठबंधन की तरफ से कई ऐसे आयोजन हुए, जिसमें नाम तो महागठबंधन का था लेकिन उसमें कांग्रेस की तरफ से न तो कोई विधायक और न ही किसी वरिष्ठ नेता ने हिस्सा लिया.


संपूर्ण क्रांति दिवस महागठबंधन की एकता में दिखी थी कमीः हाल के दिनों में बिहार की चर्चित राजनीतिक घटनाक्रम को अगर देखा जाए तो उसमें महागठबंधन के नाम पर राजद के साथ वामदल भी साथ खड़े नजर आए. गत 5 जून को जब राजधानी के बापू सभागार में महागठबंधन की तरफ से संपूर्ण क्रांति दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया तो उसमें राजद के अलावा केवल वाम दलों के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया. तब उसमें कांग्रेस की तरफ से कोई भी विधायक या वरिष्ठ नेता शामिल नहीं हुए.

विधानसभा से राजभवन मार्च से कांग्रेस ने बनायी थी दूरीः इसी तरह 22 जून को तेजस्वी यादव (RJD LEADER TEJASHWI YADAV) ने विधानसभा से राजभवन मार्च का आयोजन किया गया था तो उसमें भी केवल वामदलों के विधायक और राजद के नेता ही सामने नजर आए थे. इस मौके पर भी कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं था. खबर यहां तक भी आई कि इस राजभवन मार्च के ठीक पहले ही कांग्रेस आलाकमान ने अपने सभी विधायकों को दिल्ली बुला लिया था.

2021 विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस और राजद में दिखी दूरियांः राजनीति के जानकारों की मानें तो दरअसल राजद और कांग्रेस के बीच तल्खी का एक और कारण राज्य में 2021 में हुए विधानसभा उपचुनाव को भी माना जाता है. तब तारापुर और कुशेश्वरस्थान में विधानसभा उपचुनाव होना था. राजद ने अपने दोनों सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था, जिसमें तारापुर से अरुण कुमार साह और कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती को टिकट दिया गया था. उसी के बाद कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करते हुए तारापुर से राजेश कुमार मिश्रा और कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार को उम्मीदवार घोषित कर दिया था.



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