पटना: रेलवे में जमीन के बदले नौकरी केस में लालू एंड फैमिली पर ईडी और सीबीआई की बढ़ती दबिश से राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. बीजेपी की ओर से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग की जा रही है. साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि कम उम्र में इतनी संपत्ति के मालिक कैसे बन गए, फार्मूला बताना चाहिए. इससे बिहार के लोगों को लाभ होगा. बीजेपी के नेताओं ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि जब गलती किए हैं और लूटे हैं तो लौटाना भी पड़ेगा. वहीं आरजेडी नेता भी बीजेपी पर पलटवार कर रहे हैं.
सीएम नीतीश की जीरो टॉलरेंस की नीति: नौकरी के बदले जमीन लिखवाने और संपत्ति लेने का मामला पुराना है. इस बार भी लालू परिवार के 24 ठिकानों पर ईडी ने इसी को लेकर छापेमारी की. सीबीआई की तरफ से भी कार्रवाई हुई है. 5 साल पहले भी छापेमारी हुई थी और उस समय बिहार में महागठबंधन की सरकार गिर गई थी. नीतीश कुमार ने जीरो टॉलरेंस वाली नीति अपनाई और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सफाई देने के लिए कहा. तेजस्वी यादव सफाई नहीं दे पाए.
तेजस्वी पर ED का शिकंजा: इस बार भी महागठबंधन की सरकार है और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है. छापेमारी के बाद ईडी के तरफ से जो ट्वीट किया गया उसमें 600 करोड़ की अवैध संपत्ति की बात कही गई. एक करोड़ कैश मिलने की भी जानकारी दी गई लेकिन ईडी के तरफ से यह साफ नहीं किया गया कि इसमें तेजस्वी यादव की कितनी संपति है.
तेजस्वी की संपति का विवरण: ऐसे तेजस्वी यादव ने इस साल के शुरुआत में अपनी संपत्ति का विवरण जारी करते हुए जानकारी दी थी कि चल अचल संपत्ति 5 करोड़ से अधिक है. इसमें अचल संपत्ति 3.5 करोड़ से अधिक है. ईडी ने दिल्ली में छापेमारी की. चर्चा इस बात की है कि तेजस्वी यादव का 4 मंजिला मकान है, जो करोड़ों का है. बीजेपी अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले को लेकर तेजस्वी यादव पर आक्रमक है.
"पब्लिक है सब जानती है. किस व्यवसाय में इनको इतना लाभ हुआ. जब नाबालिग थे तब इतनी संपत्ति कैसे अर्जित कर ली, यह फार्मूला बिहार के लोगों को बताना चाहिए जिससे उनको भी लाभ हो. जब लूटा है तो लौटाना भी पड़ेगा."- हरी भूषण ठाकुर, विधायक बीजेपी
"ईडी को कुछ नहीं मिला है. यदि कुछ मिला है तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए. यह सब बीजेपी का केवल प्रचार है."- भाई बिरेंद्र,आरजेडी विधायक
"बीजेपी दुर्भावना से छापेमारी करवा रही है लेकिन इसका महागठबंधन और सरकार की सेहत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है. 2017 में भी रेड की गई थी कुछ नहीं मिला था. अभी जो बात कही जा रही हैं लेकिन उसमें भी कुछ साफ नहीं है. भाजपा के लोग तंग कर रहे हैं, यह साफ जरूर हो गया है."- जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार
"नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस की नीति तो है ही लेकिन बीजेपी की नीति क्या है? बीजेपी की नीति है कि माल्या नीरव मोदी को भगाओ, अडानी, अंबानी को मालामाल कर दो. अगर यही नीति है तो देश का संविधान खतरे में है. बीजेपी चुनाव के लिए तैयार है तो क्या हम भाग रहे हैं. जब मन करे चुनाव करा लें, उनके हाथ में है."- श्रवण कुमार, मंत्री, बिहार सरकार
भ्रष्टाचारियों पर सीएम नीतीश की कार्रवाई:ऐसे नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार को लेकर शुरू से जीरो टॉलरेंस की नीति रही है. आरोप लगने पर ही कई मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा है. महागठबंधन की सरकार में ही आरजेडी के दो मंत्रियों को अब तक इस्तीफा देना पड़ा है. उससे पहले भी कई मंत्री हैं जिन्हें शपथ ग्रहण के 24 घंटे और 48 घंटे तक में इस्तीफा देना पड़ा था. ऐसे में तेजस्वी यादव पर यदि कोई कार्रवाई होती है, तब बिहार की राजनीति में एक बार फिर से बड़ा उठापटक हो सकता है और मौजूदा सरकार पर भी असर पड़ सकता है.