पटना : बिहार में पंचायत चुनाव को पार्टी सिंबल पर कराने को लेकर आवाज उठती रही है. लेकिन अब तक इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन पाई है. सत्ताधारी जदयू राज्य के अंदर पंचायत चुनाव दलगत आधार पर हो इसकी हिमायती नहीं है. वहीं, भाजपा चाहती है कि पंचायत चुनाव दलगत हों.
विधानसभा चुनाव के बाद बिहार के राजनीतिक दल पंचायत चुनाव को लेकर रणनीति बना रहे हैं. भाजपा और राजद लंबे समय से दलगत आधार के पंचायत चुनाव कराने को लेकर वकालत करती रहे हैं. लेकिन जदयू की इस मुद्दे पर अलग राय है.
बीजेपी तैयार!
पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा ने इस बार रणनीति तैयार कर ली है. पार्टी कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव में लड़ाने की तैयारी कर रही है. मिथिलेश तिवारी और राजेंद्र गुप्ता को पंचायत चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है. बिहारभर के कार्यकर्ताओं को पार्टी चिन्हित कर रही है और उन्हें अधिकृत तौर पर पार्टी चुनाव लड़ाएगी. भले ही उन्हें पार्टी का सिंबल नहीं दिया जाएगा.
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मैदान-ए-जंग में कूदने को तैयार आरजेडी
राष्ट्रीय जनता दल में पंचायत चुनाव को लेकर गंभीर है. पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को पंचायत स्तर पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि पंचायतों में हमारे प्रतिनिधि लंबे समय से जीतते आ रहे हैं और उनकी संख्या सबसे ज्यादा रहती है. इस बार भी हम अपने कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव लड़ाएंगे और हमें उम्मीद है कि हमारे सबसे ज्यादा प्रतिनिधि चुनाव जीतकर आएंगे.
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बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने भी पंचायत चुनाव को लेकर शंखनाद कर दिया है. कार्यकर्ताओं की बैठक में उपेंद्र यादव ने कहा कि हमें भाजपा के सिद्धांतों और केंद्र सरकार की योजनाओं को पंचायत स्तर तक ले जाना है. इसके लिए हमारे कार्यकर्ता स्थानीय निकाय के चुनाव में मजबूती से और सक्रिय होकर लड़े हमें यह सुनिश्चित करना है.
नए जेडीयू अध्यक्ष बोले- चल रहा मंथन
जदयू फिलहाल पशोपेश में है. पार्टी नेताओं ने अभी तक पंचायत चुनाव को लेकर ठोस निर्णय नहीं लिया है. प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि पार्टी इन सब मुद्दों पर मंथन कर रही है. फिलहाल, अब तक पंचायत चुनाव को लेकर पार्टी का स्टैंड स्पष्ट नहीं है.