ETV Bharat / state

गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित बिंदेश्वर पाठक का पटना पहुंचने पर भव्य स्वागत

author img

By

Published : Mar 13, 2019, 5:47 AM IST

स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिंदेश्वर पाठक का नाम बिहार में काफी विख्यात है.

बिंदेश्वर पाठक

पटना: गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद पटना लौटने पर बिंदेश्वर पाठक का लोगों ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया. 26 फरवरी को बिंदेश्वर पाठक के लिये गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा की गई. जिसके बाद सोमवार को वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित हुए. बिंदेश्वर पाठक को स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये यह सम्मान दिया गया.

बिंदेश्वर पाठक ने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की थी, जिससे लोगों को शौचालय की सुविधा मिलनी शुरू हुई. हर घर शौचालय के लिए बिंदेश्वर पाठक वर्षों से काम करते आ रहे हैं. स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिंदेश्वर पाठक का नाम बिहार में काफी विख्यात है.

बिंदेश्वर पाठक

काफी कठियाइयों के बाद इस मुकाम पर पहुंचे

गांधी शांति पुरस्कार पाने के बाद बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि उन्होंने जब सुलभ इंटरनेशनल नाम के संस्था की शुरुआत की थी तो उस समय उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि उनके पास खाने को पैसे नहीं थे. रेलवे स्टेशन पर सोया करते थे. पत्नी के गहने और अपनी जमीन तक बेच दिए. लेकिन इतनी कठिनाइयों के बाद जब सफलता मिली तो अच्छा लग रहा है.

लोगों ने किया स्वागत

उन्होंने शौचालय के लिए केंद्र की योजनाओं की भी तारीफ की और कहा कि बिहार सरकार ने भी लक्ष्य रखा है कि दिसंबर तक सभी घरों में शौचालय बना दिये जाएंगे. पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद पटना एयरपोर्ट पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया.

पटना: गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद पटना लौटने पर बिंदेश्वर पाठक का लोगों ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया. 26 फरवरी को बिंदेश्वर पाठक के लिये गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा की गई. जिसके बाद सोमवार को वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित हुए. बिंदेश्वर पाठक को स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये यह सम्मान दिया गया.

बिंदेश्वर पाठक ने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की थी, जिससे लोगों को शौचालय की सुविधा मिलनी शुरू हुई. हर घर शौचालय के लिए बिंदेश्वर पाठक वर्षों से काम करते आ रहे हैं. स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिंदेश्वर पाठक का नाम बिहार में काफी विख्यात है.

बिंदेश्वर पाठक

काफी कठियाइयों के बाद इस मुकाम पर पहुंचे

गांधी शांति पुरस्कार पाने के बाद बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि उन्होंने जब सुलभ इंटरनेशनल नाम के संस्था की शुरुआत की थी तो उस समय उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि उनके पास खाने को पैसे नहीं थे. रेलवे स्टेशन पर सोया करते थे. पत्नी के गहने और अपनी जमीन तक बेच दिए. लेकिन इतनी कठिनाइयों के बाद जब सफलता मिली तो अच्छा लग रहा है.

लोगों ने किया स्वागत

उन्होंने शौचालय के लिए केंद्र की योजनाओं की भी तारीफ की और कहा कि बिहार सरकार ने भी लक्ष्य रखा है कि दिसंबर तक सभी घरों में शौचालय बना दिये जाएंगे. पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद पटना एयरपोर्ट पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया.

Intro: गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद पटना लौटने पर बिंदेश्वर पाठक को पटना एयरपोर्ट पर लोगों ने फूल माला पहनाकर जमकर स्वागत किया
बिंदेश्वर पाठक ने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की थी जिसका काम लोगों को शौचालय के प्रति जागरूक करना था. बिंदेश्वर पाठक हर घर शौचालय के लिए वर्षों से काम करते आ रहे हैं. स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिंदेश्वर पाठक का नाम बिहार में काफी विख्यात है.


Body:26 फरवरी को बिंदेश्वर पाठक गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया जिसके बाद सोमवार को वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित हुए. बिंदेश्वर पाठक को स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनकी किए योगदान के कारण यह सम्मान से सम्मानित किया गया. बिंदेश्वर पाठक 1970 से ही हर घर शौचालय के लिए समाज से लड़ाई लड़ते रहे हैं.
गांधी शांति पुरस्कार पाने के बाद बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि उन्होंने जब सुलभ इंटरनेशनल नाम के अपने संस्था की शुरुआत की थी उस समय उन्हें काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि उनके पास खाने को पैसा नहीं था रेलवे स्टेशन पर सोया करते थे पत्नी के गहने और अपने जमीन तक बेच दिए कई रातों तक भूखे सोए सरकार में कोई काम के लिए पैरवी करना पड़ता था, लेकिन कठिनाइयों के बावजूद जब सफलता मिल गई तो अच्छा लगता है. उन्होंने शौचालय के लिए केंद्र की योजनाओं की भी तारीफ की और कहा कि बिहार सरकार ने भी लक्ष्य रखा है कि दिसंबर तक सभी घरों में शौचालय बन जाएंगे यह अच्छी बात है.


Conclusion:गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद जब पहली बार बिंदेश्वर पाठक पटना पहुंचे तो लोगों ने उन्हें जमकर सम्मान दिया और फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया। पटना एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.