पटना: गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद पटना लौटने पर बिंदेश्वर पाठक का लोगों ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया. 26 फरवरी को बिंदेश्वर पाठक के लिये गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा की गई. जिसके बाद सोमवार को वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित हुए. बिंदेश्वर पाठक को स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये यह सम्मान दिया गया.
बिंदेश्वर पाठक ने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की थी, जिससे लोगों को शौचालय की सुविधा मिलनी शुरू हुई. हर घर शौचालय के लिए बिंदेश्वर पाठक वर्षों से काम करते आ रहे हैं. स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिंदेश्वर पाठक का नाम बिहार में काफी विख्यात है.
काफी कठियाइयों के बाद इस मुकाम पर पहुंचे
गांधी शांति पुरस्कार पाने के बाद बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि उन्होंने जब सुलभ इंटरनेशनल नाम के संस्था की शुरुआत की थी तो उस समय उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि उनके पास खाने को पैसे नहीं थे. रेलवे स्टेशन पर सोया करते थे. पत्नी के गहने और अपनी जमीन तक बेच दिए. लेकिन इतनी कठिनाइयों के बाद जब सफलता मिली तो अच्छा लग रहा है.
लोगों ने किया स्वागत
उन्होंने शौचालय के लिए केंद्र की योजनाओं की भी तारीफ की और कहा कि बिहार सरकार ने भी लक्ष्य रखा है कि दिसंबर तक सभी घरों में शौचालय बना दिये जाएंगे. पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद पटना एयरपोर्ट पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया.