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'हैलो... आंगनबाड़ी सेविका बहाली में अनियमितता हो रही है, गड़बड़ किया जा रहा है, जांचकर जल्दी एक्शन लीजिए'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आंगनबाड़ी सेविका बहाली में गड़बड़ी का मामला उठा. सीएम ने तुरंत इसपर कार्रवाई करने की बात कही. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Anganwadi Sevika
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Published : Oct 11, 2021, 1:55 PM IST

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार में आंगनबाड़ी सेविका की बहाली (Appointment of Anganwadi Sevika) में अनियमितता का मुद्दा उठा. मुजफ्फरपुर से आयी बिमल कुमारी ने कहा कि 2013 में अप्लाई की थी. फिर 2014 में इस पोस्ट के लिए फिर अप्लाई करने को कहा गया. काफी पैसा खाने के लिए ऐसा किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- जनता दरबार में छात्र ने नीतीश कुमार से कहा- रिसर्च स्कॉलर को दीजिए मंथली स्टाइपेंड

बिमल कुमारी की बात सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) के अधिकारियों को फोन लगाने को कहा. नीतीश कुमार ने फोन पर कहा, 'हैलो... मुजफ्फरपुर से महिला आयी हैं बिमल कुमारी, वो कह रही है कि आंगनबाड़ी सेविका की बहाली में अनियमितता की गयी है. उसको देखिए, क्या अनियमितता की जा रही है, क्या गड़बड़ किया जा रहा है, उसको देखकर जांच कर एक्शन जल्दी से लीजिए.'

देखें वीडियो.

जब बिमल कुमारी को अधिकारी के पास जाने को कहा गया तो महिला ने नीतीश कुमार से कहा कि आप जाकर जांच करवाइए. कहां-कहां गई हूं कोई जांच नहीं हुई है. बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2006 में जनता दरबार शुरू किया था. 10 सालों तक जनता दरबार कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. मई, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद नीतीश कुमार ने जनता दरबार कार्यक्रम को बंद कर दिया. 10 सालों में 241 जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. 10 सालों में 2,77,249 मामले सामने आए जिसका निष्पादन किया गया है. 5 साल बाद फिर जनता दरबार कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है.

ये भी पढ़ें- OBC के छात्रों ने कहा- 4 साल बीत चुके अब तक नहीं मिली प्रोत्साहन राशि, CM बोले- मेरे नाम का है... देख लीजिए

पहले मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार शुरू हुआ था और 10 सालों तक मुख्यमंत्री आवास परिसर में ही जनता दरबार लगता रहा. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं और दरबार से ही समस्याओं का निदान कराने की कोशिश होती रही है. पहले जनता दरबार में कई बार हंगामा भी हुआ और मुख्यमंत्री पर चप्पल तक फेंका गया. महागठबंधन में जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने जनता दरबार कार्यक्रम बंद नहीं किया.

महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सुना जाएगा. महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की बारी आएगी.

जबकि तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्या का निदान होगा.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार में आंगनबाड़ी सेविका की बहाली (Appointment of Anganwadi Sevika) में अनियमितता का मुद्दा उठा. मुजफ्फरपुर से आयी बिमल कुमारी ने कहा कि 2013 में अप्लाई की थी. फिर 2014 में इस पोस्ट के लिए फिर अप्लाई करने को कहा गया. काफी पैसा खाने के लिए ऐसा किया जा रहा है.

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बिमल कुमारी की बात सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) के अधिकारियों को फोन लगाने को कहा. नीतीश कुमार ने फोन पर कहा, 'हैलो... मुजफ्फरपुर से महिला आयी हैं बिमल कुमारी, वो कह रही है कि आंगनबाड़ी सेविका की बहाली में अनियमितता की गयी है. उसको देखिए, क्या अनियमितता की जा रही है, क्या गड़बड़ किया जा रहा है, उसको देखकर जांच कर एक्शन जल्दी से लीजिए.'

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जब बिमल कुमारी को अधिकारी के पास जाने को कहा गया तो महिला ने नीतीश कुमार से कहा कि आप जाकर जांच करवाइए. कहां-कहां गई हूं कोई जांच नहीं हुई है. बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2006 में जनता दरबार शुरू किया था. 10 सालों तक जनता दरबार कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. मई, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद नीतीश कुमार ने जनता दरबार कार्यक्रम को बंद कर दिया. 10 सालों में 241 जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. 10 सालों में 2,77,249 मामले सामने आए जिसका निष्पादन किया गया है. 5 साल बाद फिर जनता दरबार कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है.

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पहले मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार शुरू हुआ था और 10 सालों तक मुख्यमंत्री आवास परिसर में ही जनता दरबार लगता रहा. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं और दरबार से ही समस्याओं का निदान कराने की कोशिश होती रही है. पहले जनता दरबार में कई बार हंगामा भी हुआ और मुख्यमंत्री पर चप्पल तक फेंका गया. महागठबंधन में जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने जनता दरबार कार्यक्रम बंद नहीं किया.

महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सुना जाएगा. महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की बारी आएगी.

जबकि तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्या का निदान होगा.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

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