पटना: तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमले के फर्जी वीडियो मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप को मदुरै कोर्ट से राहत नहीं मिली है. मदुरै कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 17 मई तक बढ़ा दी है. आपको बता दें कि मनीष कश्यप को फिलहाल मदुरै सेंट्रल जेल में रखा गया है. यूट्यूबर मनीष कश्यप पर तमिलनाडु फर्जी वीडियो मामले में तमिलनाडु और बिहार में 5 मामले दर्ज हैं.
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मनीष पर दर्ज हैं कई मुकदमे : मनीष कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों की सुनवाई एक ही जगह हो, लेकिन अभी तक मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है. मनीष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अलग-अलग राज्यों के मामलों को आपस में जोड़ने की मांग की थी. साथ ही जमानत अर्जी भी दी. याचिका में यह भी आग्रह किया गया था कि अदालत पुलिस को सख्त कार्रवाई को रोकने के लिए निर्देश जारी करे. लेकिन राहत देने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से राहत का कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता है. हालांकि कोर्ट ने केंद्र, बिहार और तमिलनाडु सरकार को नोटिस भेजा है.
18 मार्च को मनीष ने किया था सरेंडरः मनीष कश्यप ने बिहार के बेतिया के जगदीशपुर ओपी में सरेंडर किया था. 18 मार्च की सुबह जब ईओयू और पुलिस की टीम उसके घर कुर्की करने पहुंची तो उसने जगदीशपुर ओपी पहुंचकर खुद को पुलिस को सौंप दिया. पहले बिहार में ईओयू ने उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की, फिर तमिलनाडु पुलिस मनीष कश्यप को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर अपने साथ चली गई. आपको बता दें कि मनीष कश्यप एक यूट्यूबर हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर कई फर्जी वीडियो वायरल हुए, जिसमें वह आरोपी हैं. मनीष कश्यप की यूट्यूब पर बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग हैं. वहीं, अभिनेता सोनू सूद भी उनके समर्थन में उतरे और उन्हें एक अच्छा इंसान बताया.