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पटना: बिहार में सोमवार को मानसून ने दस्तक दे दी है. सामान्य तौर पर बिहार में मानसून 13 जून को प्रवेश करता है लेकिन इस बार 1 दिन पूर्व 12 जून को ही दक्षिण पश्चिम मॉनसून का आगमन प्रदेश में हो गया है. इससे पूर्व समय से पहले बिहार में 17 वर्ष पहले 6 जून 2006 को मानसून की एंट्री हुई थी.
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बिहार पहुंचा मानसून: मानसून की उत्तरी रेखा अररिया से होकर गुजर रही है और इसका प्रभाव अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज के जिलों में देखा जा सकता है. मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने जानकारी दी है कि मानसून के असर के कारण वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ेगी और अधिकतम तापमान 30 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा.
समय से एक दिन पहले मानसून ने दी दस्तक : वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ने और पूर्वी और पश्चिमी हवा के सम्मिश्रण से अगले 24 घंटों के दौरान पूर्णिया, किशनगंज, अररिया कटिहार और इनके सीमावर्ती जिलों में तेज आंधी और मेघ गर्जना के साथ बारिश का भी पूर्वानुमान है. मौसम विभाग ने कहा है कि मानसून के समय वज्रपात और आंधी तूफान के लिए अनुकूल परिस्थिति उत्पन्न होती है. ऐसे में लोगों को इस स्थिति में सतर्क रहने की सलाह दी जाती है.
लोगों से सतर्क रहने की अपील: मौसम विभाग ने कहा है कि मानसून के समय आंधी तूफान और वज्रपात के साथ बारिश के कारण जानमाल की हानि होने की संभावना बनी रहती है, इसके अलावा निचले स्तरों में जल जमाव, यातायात बाधित और बिजली सेवा बाधित होने के साथ-साथ नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने की भी संभावना बनी रहती है. ऐसे में नागरिकों को उचित सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
बिजली चमकने या गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देने पर किसानों और नागरिकों को पक्के मकानों में शरण लेने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही इस समय विशेष रूप से पेड़ों के नीचे आश्रय ना लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह बिजली के सुचालक होते हैं. आंधी तूफान और मेघ गर्जन के समय कंप्यूटर, लैपटॉप, गेम सिस्टम, रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन, एयर कंडीशनर इत्यादि की बिजली आपूर्ति बंद करने की सलाह दी जाती है क्योंकि तूफान के दौरान इन उपकरणों में उच्च शक्ति की बिजली भी प्रवाहित हो सकता है.