पटनाः बिहार में ठंड की बढोतरी (Cold Increase In Bihar) शुरू हो गई है. इसके साथ ही राजधानी पटना में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा हुआ है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से अधिक जा रहा है. ऐसे में यह मौसम हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. चिकित्सक हृदय रोग के मरीजों को इनदिनों विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि हृदय रोग के मरीजों के लिए इन दोनों ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग और अपने स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग जरूरी है.
प्रदूषण से ज्यादा नुकसानः पटना के प्रख्यात कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. बीबी भारती ने ठंड में हार्ट अटैक से बचाव (Heart attack prevention in winter) के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि प्रदूषण हृदय रोग के मरीजों के लिए मेजर रिस्क फैक्टर बन गया है. फेफड़ा से जब प्रदूषण शरीर के अंदर जाता है तो आर्टिरीज में इंडोथिलियल डिस्फंक्शन करता है. इसके कारण हाइपरटेंशन और हार्ट अटैक के मामले देखने को मिलते हैं. प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार को कड़ा नियम लाने की जरूरत है. प्रदूषण के कारण हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं.
स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग जरूरीः डॉ बीबी भारती ने बताया कि ठंड की शुरुआत में सामान्य तौर पर हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं. ऊपर से प्रदूषण हृदय के मरीजों के लिए दोहरा आघात पहुंचा रहा है. ठंड का जब आगमन हो रहा होता है तो उस समय हमारा शरीर उस मौसम के अनुकूल नहीं रहता है. इस समय शरीर की धमनिया सिकुड़ती है. ऐसे में हृदय रोग के मरीजों के लिए इस समय सबसे जरूरी है कि अपने स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग करें और ब्लड प्रेशर की विशेष मॉनिटरिंग करें.
"इस मौसम में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. यदि किसी को लगता है कि सांस लेने में शिकायत हो रही है या सांस फूल रहा है. इसके अलावा चक्कर आने जैसा, असहज महसूस, ब्लड प्रेशर अप-डाउन हो रहा है तो नियमित चिकित्सीय परामर्श में जाएं. जो लोग को मोरबिड हैं, उन्हें विशेष सतर्कता बतरने की आवश्यकता है. इस मौसम में खान-पान पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है." -डॉ. बीबी भारती, कार्डियोलॉजिस्ट
सुबह शाम गर्म कपड़ा पहनेंः इस समय जरूरी है कि जो हृदय संबंधी बीमारी के मरीज हैं वह मौसम के अनुकूल कपड़ा पहने. सुबह और रात के समय तापमान कम हो रहा है. इसलिए हल्का ऊनी कपड़ा पहन सकते हैं. दिन के समय धूप में गर्म कपड़े पहनने की आवश्यकता नहीं है. खान पान में ताजा और सुपाच्य भोजन करना चाहिए.
मटन का सेवन नहीं करेंः नॉन वेजिटेरियन हैं तो हफ्ते में अधिकतम 2 दिन अंडा खाएं. मटन को अवॉइड करें. मछली सप्ताह में एक बार ले सकते हैं. डेयरी प्रोडक्ट का अधिक सेवन न करें. प्रतिदिन 300 एमएल से दूध अधिक नहीं लें. रोजाना सुबह 20 मिनट ब्रिस्क वॉक करें और हल्के-फुल्के एक्सरसाइज भी जरूरी है.
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