ETV Bharat / state

'फर्जी' का दंश झेल रहे 92000 शिक्षकों के लिए आखिरी मौका, 20 जुलाई तक करना होगा सर्टिफिकेट अपलोड - बिहार शिक्षक प्रमाण पत्र

बिहार में फर्जी शिक्षकों का मामला कोई नया नहीं हैं. लेकिन अब सरकार की सख्ती के बाद ऐसे शिक्षकों का पसीना छूट रहा है. निगरानी जांच से छूटे 92 हजार शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही है.

शिक्षकों की नौकरी
शिक्षकों की नौकरी
author img

By

Published : Jun 17, 2021, 8:38 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 9:49 PM IST

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में करीब एक लाख फर्जी शिक्षकों के नियोजन मामले में निगरानी जांच अब सही दिशा की ओर होती दिख रही है. जिन शिक्षकों के फोल्डर निगरानी को नहीं मिले, उन्हें शिक्षा विभाग (Education Department) ने आखिरकार 4 हफ्ते का समय दे ही दिया है.

ये भी पढ़ें- 92 हजार नियोजित शिक्षकों पर लटकी तलवार! नहीं किया ये काम तो होगी सैलरी की रिकवरी, FIR भी दर्ज

बता दें कि ऐसे लोग शिक्षा विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराए गए एक लिंक पर अपने सर्टिफिकेट अपलोड करेंगे. जिसके बाद यह जांच सही तरीके से पूरी हो पाएगी और इसके साथ ही फर्जी होने का दंश झेल रहे हजारों शिक्षक राहत की सांस भी ले सकेंगे.

इसे भी पढ़ें: शिक्षक बहाली मामलाः हाईकोर्ट के निर्देश पर बोले अभ्यर्थी- जल्द से जल्द अपना वादा निभाए सरकार

निगरानी को नहीं मिल पाए थे फोल्डर
बता दें कि शिक्षा विभाग ने आज एक निर्देश जारी किया है. जिसके तहत उन तमाम शिक्षकों को अपने सर्टिफिकेट वेबसाइट (Website) पर अपलोड करने होंगे. शिक्षा विभाग ने 21 जून से 20 जुलाई तक का समय ऐसे शिक्षकों को अपने फोल्डर अपलोड करने के लिए दिया है. दरअसल करीब एक लाख तीन हजार ऐसे शिक्षक हैं, जिनके फोल्डर निगरानी को नहीं मिल पाए थे.

ये भी पढ़ें: शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर ट्विटर पर चला रहे कैंपेन, 10 लाख ट्वीट का लक्ष्य, जाने क्या है हैश टैग

92,000 शिक्षकों को अपलोड करना है प्रमाण पत्र
शिक्षा विभाग ने एक महीने पहले सभी जिलों से ऐसे शिक्षकों की लिस्ट मांगी थी. जानकारी के मुताबिक करीब 11,000 शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने नौकरी छोड़ दी है या जिनकी मौत हो चुकी है. वहीं बाकी करीब 92,000 शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें अपने सर्टिफिकेट शिक्षा विभाग के माध्यम से निर्देशित वेबसाइट पर तय समय सीमा में अपलोड करना है.

जानिए क्या है प्रक्रिया
शिक्षा विभाग में जो निर्देश जारी किया है उसके मुताबिक निगरानी जांच के लिए वर्ष 2006 से 2015 की अवधि में नियुक्त शिक्षकों को state.bihar.gov.in/educationbihar/CitizenHome.html पर उपलब्ध appsonline.bih.nic.in लिंक के माध्यम से जिलावार अपलोड किए गए शिक्षकों की सूची का ध्यान से अवलोकन करना है. अगर इस लिस्ट में उनका नाम है तो उन्हें उसी पोर्टल पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से अपना निबंधन करना है.

मूल प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य
बता दें कि निबंधन के बाद उन्हें एक यूजर आईडी (User ID) और पासवर्ड (Password) मिलेगा. जिससे लॉग इन कर उस पोर्टल में उपलब्ध प्रपत्र में आवश्यक सूचना भरते हुए मूल प्रमाण-पत्र जैसे मैट्रिक का अंकपत्र और प्रमाण-पत्र, इंटर का अंकपत्र और प्रमाण पत्र, स्नातक का अंकपत्र और प्रमाण पत्र, शिक्षक प्रशिक्षण का अंक प्रमाण पत्र दक्षता परीक्षा अथवा टीईटी पास प्रमाण पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र, मेधा सूची, नियुक्ति पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र का स्कैन कॉपी 21 जून 2021 से लेकर 20 जुलाई 2021 की अवधि में अपलोड करना है.

शिक्षकों से होगी वेतन की वसूली
इस वेबसाइट पर उपलब्ध शिक्षकों की सूची में से जो शिक्षक अपना प्रमाण पत्र तय समय सीमा के अंदर अपलोड नहीं करेंगे, उन्हें फर्जी मानते हुए विभाग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी. साथ ही ऐसे शिक्षकों से वेतन की वसूली होगी और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी.

हजारों शिक्षकों के लिए गोल्डन चांस
इसमें एक सबसे बड़ी बात उन हजारों शिक्षकों के लिए है जो दरअसल फर्जी नहीं होते हुए भी फर्जी होने का दंश झेल रहे हैं. क्योंकि किसी वजह से उनके प्रमाण पत्र निगरानी को जांच के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए. ऐसे शिक्षकों के लिए यह गोल्डन अवसर है कि वह अपने प्रमाण पत्र निगरानी को शिक्षा विभाग के माध्यम से तय की गई समय सीमा में अपलोड कर दें.

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में करीब एक लाख फर्जी शिक्षकों के नियोजन मामले में निगरानी जांच अब सही दिशा की ओर होती दिख रही है. जिन शिक्षकों के फोल्डर निगरानी को नहीं मिले, उन्हें शिक्षा विभाग (Education Department) ने आखिरकार 4 हफ्ते का समय दे ही दिया है.

ये भी पढ़ें- 92 हजार नियोजित शिक्षकों पर लटकी तलवार! नहीं किया ये काम तो होगी सैलरी की रिकवरी, FIR भी दर्ज

बता दें कि ऐसे लोग शिक्षा विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराए गए एक लिंक पर अपने सर्टिफिकेट अपलोड करेंगे. जिसके बाद यह जांच सही तरीके से पूरी हो पाएगी और इसके साथ ही फर्जी होने का दंश झेल रहे हजारों शिक्षक राहत की सांस भी ले सकेंगे.

इसे भी पढ़ें: शिक्षक बहाली मामलाः हाईकोर्ट के निर्देश पर बोले अभ्यर्थी- जल्द से जल्द अपना वादा निभाए सरकार

निगरानी को नहीं मिल पाए थे फोल्डर
बता दें कि शिक्षा विभाग ने आज एक निर्देश जारी किया है. जिसके तहत उन तमाम शिक्षकों को अपने सर्टिफिकेट वेबसाइट (Website) पर अपलोड करने होंगे. शिक्षा विभाग ने 21 जून से 20 जुलाई तक का समय ऐसे शिक्षकों को अपने फोल्डर अपलोड करने के लिए दिया है. दरअसल करीब एक लाख तीन हजार ऐसे शिक्षक हैं, जिनके फोल्डर निगरानी को नहीं मिल पाए थे.

ये भी पढ़ें: शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर ट्विटर पर चला रहे कैंपेन, 10 लाख ट्वीट का लक्ष्य, जाने क्या है हैश टैग

92,000 शिक्षकों को अपलोड करना है प्रमाण पत्र
शिक्षा विभाग ने एक महीने पहले सभी जिलों से ऐसे शिक्षकों की लिस्ट मांगी थी. जानकारी के मुताबिक करीब 11,000 शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने नौकरी छोड़ दी है या जिनकी मौत हो चुकी है. वहीं बाकी करीब 92,000 शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें अपने सर्टिफिकेट शिक्षा विभाग के माध्यम से निर्देशित वेबसाइट पर तय समय सीमा में अपलोड करना है.

जानिए क्या है प्रक्रिया
शिक्षा विभाग में जो निर्देश जारी किया है उसके मुताबिक निगरानी जांच के लिए वर्ष 2006 से 2015 की अवधि में नियुक्त शिक्षकों को state.bihar.gov.in/educationbihar/CitizenHome.html पर उपलब्ध appsonline.bih.nic.in लिंक के माध्यम से जिलावार अपलोड किए गए शिक्षकों की सूची का ध्यान से अवलोकन करना है. अगर इस लिस्ट में उनका नाम है तो उन्हें उसी पोर्टल पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से अपना निबंधन करना है.

मूल प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य
बता दें कि निबंधन के बाद उन्हें एक यूजर आईडी (User ID) और पासवर्ड (Password) मिलेगा. जिससे लॉग इन कर उस पोर्टल में उपलब्ध प्रपत्र में आवश्यक सूचना भरते हुए मूल प्रमाण-पत्र जैसे मैट्रिक का अंकपत्र और प्रमाण-पत्र, इंटर का अंकपत्र और प्रमाण पत्र, स्नातक का अंकपत्र और प्रमाण पत्र, शिक्षक प्रशिक्षण का अंक प्रमाण पत्र दक्षता परीक्षा अथवा टीईटी पास प्रमाण पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र, मेधा सूची, नियुक्ति पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र का स्कैन कॉपी 21 जून 2021 से लेकर 20 जुलाई 2021 की अवधि में अपलोड करना है.

शिक्षकों से होगी वेतन की वसूली
इस वेबसाइट पर उपलब्ध शिक्षकों की सूची में से जो शिक्षक अपना प्रमाण पत्र तय समय सीमा के अंदर अपलोड नहीं करेंगे, उन्हें फर्जी मानते हुए विभाग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी. साथ ही ऐसे शिक्षकों से वेतन की वसूली होगी और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी.

हजारों शिक्षकों के लिए गोल्डन चांस
इसमें एक सबसे बड़ी बात उन हजारों शिक्षकों के लिए है जो दरअसल फर्जी नहीं होते हुए भी फर्जी होने का दंश झेल रहे हैं. क्योंकि किसी वजह से उनके प्रमाण पत्र निगरानी को जांच के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए. ऐसे शिक्षकों के लिए यह गोल्डन अवसर है कि वह अपने प्रमाण पत्र निगरानी को शिक्षा विभाग के माध्यम से तय की गई समय सीमा में अपलोड कर दें.

Last Updated : Jun 17, 2021, 9:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.