पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देंगे. इस बीच बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा परिणाम को लेकर सियासत जारी है. भाजपा के प्रवक्ता राकेश सिंह ने कहा है कि निश्चित तौर पर जिस तरह से कम अंक वालों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है और ज्यादा अंक जिसे आया है उसे पास नहीं किया जा रहा है तो कहीं ना कहीं इसमें बहुत बड़ा घोटाला है. उन्होंने कहा कि 15 साल पहले भी शिक्षक नियुक्ति में बड़ा घोटाला हुआ था.
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"इसकी जांच होनी चाहिए कि आखिर कम अंक वाले छात्र कैसे पास हो गए. मुख्यमंत्री जी अगर इस तरह नियुक्ति पत्र देंगे तो कहीं न कहीं वह दिन दूर नहीं की जो हालात लालू प्रसाद यादव की हुई थी उसी तरह के हालात इनके भी हो जाएंगे. जनता सब देख रही है. समय आने पर इसका जवाब देगी. शिक्षक अभ्यर्थी पर लाठी चलाई गई है, देखिए किस तरह का काम सरकार करती है."- राकेश सिंह, भाजपा प्रवक्ता
वादा पूरा किया जा रहा: राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर जो कुछ बोल रही है पूरी तरह से गलत बयानी कर रही है. जीतन राम मांझी सुबह कुछ बोलते हैं और रात में कुछ बोलते हैं. उनके बयान से कुछ लेना देना नहीं है. फिलहाल वह भारतीय जनता पार्टी जो कहती है वही मांझी जी बोलते हैं. हम लोग सरकार में हैं और हम लोगों ने जो वादा किया था उसको पूरा करने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बिहार के युवाओं को रोजगार मिले, इसी के तहत शिक्षक नियुक्त किये जा रहे हैं.
भाजपा के लोग बैचेन हो गयेः 2 नवंबर को शिक्षकों को गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र दिया जाएगा, उसको लेकर अब भारतीय जनता पार्टी को कुछ नजर नहीं आ रहा है. भाजपा के लोग बेचैन हो गए हैं कि किस तरह से इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों को नियुक्त करने का काम बिहार सरकार कर रही. उन्होंने कहा कि बेचैनी में भाजपा के लोग कुछ भी कहें लेकिन बिहार के युवा जानते हैं कि तेजस्वी यादव ने जो वादा किया था उसे पूरा किया जा रहा है.
क्या कहा मांझी नेः हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने बिहार में हुई बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. जीतन राम मांझी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि इनकी नियुक्ति पैसे लेकर की गई है. साथ ही आरक्षण के नियमों की भी अनदेखी की गई है. ऐसे में बिहार सरकार ने युवकों की उम्मीदों का बेड़ा गर्क करके रख दिया है. उन्होंने कहा था कि इसमें लैंड फॉर जॉब की तर्ज पर पैसा लेकर नौकरी दी गई है.
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