पटना: राजधानी पटना में चुनाव की सरगर्मी धीरे-धीरे तेज होते जा रही है. बिहार के पंच सरपंच सरकार के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हैं. लगभग एक महीने पहले दो अक्टूबर गांधी जयंती को शुरू हुई न्याय यात्रा 37 जिलों से होकर पटना पहुंच गई है. इस दौरान गांव की सरकार, मुखिया ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर आवाज बुलंद की.
विभिन्न मांगों को लेकर न्याय यात्रा: बता दें कि पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा आश्रम से न्याय यात्रा शुरू की गई थी. इस न्याय यात्रा में राज्य भर के पंच, सरपंच, उपसरपंच शामिल हैं. पटना पहुंचने पर सबसे पहले पंचायत प्रतिनिधियों ने पटना गांधी मैदान में गांधी मूर्ति पर माल्यार्पण किया. दरअसल पंच सरपंच वर्तमान सरकार में हो रही अपनी उपेक्षा से परेशान हो कर सरकार को आगाह करने पटना पहुंचे हैं.
बिहार राज्य पंचायत परिषद का सम्मेलन: पंच, सरपंच, उपसरपंच और पंचायत प्रतिनिधियों का गुरुवार को बिहार राज्य पंचायत परिषद का पटना में बड़ा सम्मेलन हो रहा है. इस सम्मेलन में राज्य भर के पंचायत प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने बताया कि वर्तमान सरकार में पंचायत प्रतिनिधियों की घोर उपेक्षा हो रही है. इसके खिलाफ बिहार प्रदेश पंच, सरपंच संघ सड़क पर हैं.
सामूहिक इस्तीफा की दी चेतावनी: संघ चाहता है कि निर्वाचित सदस्यों को वो सारी सुविधाएं मिले जो उन्हें मिलनी चाहिए. यात्रा का उद्देश्य ग्राम कचहरी को सशक्त बनाना है. पंचायती राज्य व्यवस्था को मजबूत बनानी है. कहा कि अभी पंच, सरपंच को पंचायतों में कुछ नहीं मिल रहा है, उनकी 11 सूत्री मांग है. अगर सरकार इसे दिसंबर महीने तक पूरी नहीं करती है, तो राज्य के सभी सवा लाख पंच, सरपंच 30 दिसंबर को राज्यपाल से मिलकर सामूहिक इस्तीफा देंगे.
"मुख्य रूप से हमारी मांग है कि बिहार के सभी ग्राम-कचहरी को न्यायालय सुविधा संपन्न बनाए. इसके निर्वाचित प्रतिनिधियों और कर्मियों को जनसंख्या के आधार पर वेतन भत्ता, पेंशन, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं बीमा सुविधा मिले. स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में अन्य जन प्रतिनिधियों की तरह हमारे प्रतिनिधियों को भी मतदाता बनाया जाए."- अमोद कुमार निराला, प्रदेश अध्यक्ष
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