पटना: बिहार कर्मचारी चयन आयोग की लेटलतीफी का खामियाजा न सिर्फ सरकार बल्कि बेरोजगार युवक भी भुगत रहे हैं. इसका सबसे ताजातरीन उदाहरण है वर्ष 2014 की 1 वैकेंसी, जिसकी पीटी परीक्षा का परिणाम भी अब तक आयोग घोषित नहीं कर पाया है. आयोग की लेटलतीफी अभ्यर्थियों पर भारी पड़ रही है.
बता दें कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग ग्रुप सी के पदों पर बहाली करता है. यह आयोग मुख्य रूप से सचिवालय सहायक और इंटर स्तरीय विभिन्न पदों की बहाली के लिए हाल में चर्चित रहा है. इसके अलावा एएनएम, लैब असिस्टेंट और ड्राइवर समेत कई पदों के लिए भी कर्मचारी चयन आयोग बहाली प्रक्रिया का आयोजन करता है. लेकिन अब बिहार तकनीकी सेवा चयन आयोग के गठन के बाद सिर्फ नॉन टेक्निकल पदों के लिए ही कर्मचारी चयन आयोग की जिम्मेदारी है.
क्या है मामला
बिहार कर्मचारी चयन आयोग वक्त से काफी पीछे चल रहा है. सिर्फ एक परीक्षा का अगर जिक्र करें तो वर्ष 2014 में 06060114 विज्ञापन संख्या के जरिए बिहार सरकार में 13500 क्लर्क के पदों के लिए वैकेंसी आई थी. इसके लिए परीक्षा का आयोजन वर्ष 2017 के जनवरी और फरवरी महीने में किया गया था. लेकिन इस दौरान बड़े लेवल पर पेपर लीक होने के बाद परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया. इस मामले में बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष और सचिव समेत कई कर्मचारी जेल में हैं. इस घटना के 2 साल बीत जाने के बाद भी अब तक आयोग इंटर स्तरीय प्रथम पीटी परीक्षा का रिजल्ट जारी नहीं कर पाया है.
जानकारों का क्या है कहना
इस बारे में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने वाले डॉक्टर रहमान ने कहा कि विडंबना है कि 5 साल बाद भी एक पीटी परीक्षा का रिजल्ट कर्मचारी चयन आयोग जारी नहीं कर पाया है. परीक्षा में शामिल हुए लाखों अभ्यर्थी उहापोह की स्थिति में हैं, क्योंकि इनमें से ज्यादा की उम्र सीमा खत्म हो रही है. युवक बेरोजगार बैठे हैं. सरकारी दफ्तरों में बहाली नहीं होने के कारण कामकाज प्रभावित हो रहा है. लेकिन न तो सरकार इस बारे में सोच रही है और न ही कर्मचारी चयन आयोग.
परिणाम आने में लग सकते हैं और 2 महीने
ईटीवी भारत में इस बारे में कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने सचिव से बात करने के लिए कहा. इस बाबत कर्मचारी चयन आयोग के सचिव ओमप्रकाश पाल ने कैमरा के सामने कुछ भी बोलने से मना किया. हालांकि उन्होंने ऑफ द रिकॉर्ड बताया कि आयोग के पास संसाधनों की कमी है. इस परीक्षा के आयोजन में पहले जो चूक हुई उसे लेकर आयोग फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है. कई स्तर पर जांच चल रही है, ओएमआर शीट से लेकर अभ्यर्थियों के बायोमैट्रिक नमूने की मिलान में भी खासा समय लग रहा है. क्योंकि परीक्षार्थी बड़ी संख्या में हैं, इसलिए इस प्रक्रिया में फिलहाल कम से कम 2 महीना और लगेगा.
4000 से 5000 पदों पर जल्द आ सकती है वैकेंसी
पहले यह रिजल्ट अगस्त महीने में आने की सूचना थी. लेकिन आयोग के सचिव ने उम्मीद जताई कि अक्टूबर महीने में इंटर लेवल प्रथम पीटी परीक्षा का रिजल्ट आ सकता है. आयोग इसके पहले इस परीक्षा का आंसर की भी जारी करेगा. इन सबके बीच एक अच्छी खबर भी आयोग ने दी है. वह यह कि सचिवालय सहायक तृतीय भर्ती परीक्षा की तैयारी चल रही है. सभी विभागों से रिक्तियों की सूचना मांगी गई है और करीब 4000 से 5000 पदों के लिए बहुत जल्द वैकेंसी आ सकती है.