पटना: लोकसभा चुनाव 2024 सिर पर है. सभी दल इसकी तैयारी कर रहे हैं. मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए एक दूसरे पर विकास कार्य बाधित करने का आरोप लगा रहे हैं. नीतीश कुमार ने जातिगत गणना कराकर और आरक्षण की सीमा बढ़ाकर पिछड़े और दलित वोटबैंक पर रिझाने की कोशिश की. बीजेपी अभी इससे निपटने की रणनीति बना ही रही है कि नीतीश कुमार ने स्पेशल स्टेटस के मुद्दे को उछाल कर बीजेपी के सामने चुनौती पेश की है.
जनता को गुमराह करना चाह रहे हैं नीतीशः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर एक बार फिर अभियान चलाने का फैसला लिया है. लोकसभा चुनाव के दौरान स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की तैयारी की गई है. पटना के बापू सभागार में गुरुवार 16 नवंबर को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करने के दौरान सीएम नीतीश ने एक बार फिर से स्पेशल स्टेटस की मांग दोहरायी. भाजपा प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार की जनता को गुमराह करना चाह रहे हैं.
"विकास के मोर्चे पर पूरी तरह फेल साबित हुए हैं तो, फिर एक बार पुराना धुन बजा रहे हैं. नीतीश कुमार कभी कटोरा लेकर राजद के सामने जाते हैं, तो कभी बीजेपी के सामने आते हैं. नीतीश कुमार के कटोरा मॉडल से बिहार का विकास होने वाला नहीं है. बिहार की जनता इस बार इनके बहकावे में आने वाली नहीं है और इन्हें चुनाव में सबक भी सिखाएगी."- डॉ राम सागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता
स्पेशल स्टेटस पर पहले भी चला है अभियान: आपको बता दें की स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर नीतीश कुमार कई बार अभियान चला चुके हैं राष्ट्रपति को हस्ताक्षर सौंपा गया था. उसके बाद स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर जदयू ने कई कार्यक्रम चलाए. लेकिन, ना तो यूपीए सरकार के समय बिहार को स्पेशल स्टेटस मिल पाया ना ही एनडीए सरकार विशेष राज्य का दर्जा दे पाई. अब एक बार फिर नीतीश ने स्पेशल स्टेटस की मांग दोहरायी है.
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