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Bihar Shikshak Niyojan: 'नई शिक्षक बहाली में सबसे ज्यादा अभ्यर्थी कक्षा 6 से 8 तक के, सरकार निकाले वैकेंसी' - student leader dilip kumar

बिहार में नई शिक्षक नियमावली का अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं. वहीं इसको लेकर छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि हम सरकार की नई शिक्षक नियमावली का स्वागत करते हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए यह आवश्यक है लेकिन इसमे कुछ संशोधन की भी जरूरत है. पढ़ें पूरी खबर..

Bihar Shikshak Niyojan
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Published : May 18, 2023, 7:55 PM IST

छात्र नेता दिलीप कुमार

पटना: बिहार मे शिक्षक बहाली को लेकर विवाद थम नहीं रहा है. अलग-अलग तरह से इसके खिलाफ प्रदर्शन जारी है. राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष सह छात्र नेता दिलीप कुमार ने गुरुवार को गांधी मैदान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार सरकार से मांग की है कि 6-8 वर्ग के लिए सभी रिक्त पदों पर वैकेंसी निकाली जाए, एपियरिंग मे फॉर्म भरने का मौका दिया जाए, शिक्षकों को ग्रेड पे दिया जाए और नियोजित शिक्षकों व नये शिक्षकों की बहाली के लिए परीक्षा अलग-अलग ली जाए.

पढ़ें- Bihar Shikshak Niyojan: 'शिक्षा मंत्री की बात से मैं सहमत नहीं.. नियमावली में संशोधन हो', शपथ लेते ही बोले जेडीयू MLC



'कक्षा 6-8 के लिए सबसे अधिक अभ्यर्थी': दिलीप कुमार ने कहा कि 6-8 के लिए अभ्यर्थियों की संख्या अधिक है लेकिन कोई रिक्ति BPSC को नहीं भेजी गई है, जबकि साठ हजार से अधिक पद इसमें खाली हैं. दूसरी बात कि जब बीपीएससी के माध्यम से शिक्षक बहाली हो रही है तो ग्रेड पे भी मिलना चाहिए. ताकि शिक्षकों को उचित सम्मान मिल सके. तीसरी बात कि बिहार मे आर्ट्स विषयों के लिए 2011 के बाद STET परीक्षा नहीं हुई है. चौथी बात कि नियोजित शिक्षकों और नये शिक्षक बहाली के अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा अलग-अलग लिया जाए. दिलीप कुमार ने नई शिक्षक नियमावली का स्वागत किया और इसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक बताया है. वहीं उन्होंने संशोधन की भी जरूरत बतायी है.

"नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए. उसके बाद नियोजित शिक्षकों की परीक्षा ली जाए. जो पास कर जाएं उन्हें शैक्षणिक कार्य की जिम्मेदारी दी जाए और जो तीन बार मे भी पास नही कर पाएंगे उन्हें गैर शैक्षणिक कार्य मे लगाया जाए."-दिलीप कुमार, छात्र नेता

'6- 8 क्लास तक के लिए वैकेंसी निकाले सरकार': छात्र नेता ने आगे कहा कि सीटेट पास अभ्यर्थी कक्षा 1 से लेकर 5 और 6 से लेकर 8 तक के लिए आवेदन भर सकते हैं. ऐसे में बीएड पास अभ्यर्थी कक्षा 1 से 5 तक के लिए फॉर्म नहीं भर सकते हैं. बीएड पास को फॉर्म भरने दिया जाएगा या नहीं, मामला सुप्रीम कोर्ट में है. ऐसे में हमारी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द 6 से लेकर 8 तक के लिए वैकेंसी निकाले. दिलीप ने कहा कि नियोजिक शिक्षकों की संख्या चार लाख के लगभग है. नए शिक्षक अभ्यर्थी और नियोजित शिक्षकों को मिलाकर एग्जाम लेना सही नहीं है. दोनों की अलग-अलग परीक्षा होनी चाहिए.

"2011 के बाद STET परीक्षा आर्ट्स विषय के लिए नहीं हुई है. 2019 में परीक्षा साइंस के कुछ विषयों के लिए हुई थी. लेकिन सबसे ज्यादा अभ्यर्थी आर्ट्स विषय से हैं. वैकेंसी निकाली गई और कहा गया कि नियोजित शिक्षक भी भरेंगे, लेकिन ये पूरी सीट नहीं भरेगी. कुछ छात्रों का बीएड का रिजल्ट आने वाला है, उन्हें भी परीक्षा फॉर्म भरने दिया जाए."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

शिक्षक बनने के लिए चाहिए ये योग्यता: बीपीएससी के मुताबिक कुल 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर शिक्षकों की बहाली होनी है. इसमें 79 हजार 943 प्राइमरी के लिए बहाली होनी है. वहीं 32 हजार 916 पदों पर मीडिल के लिए बहाली होगी. जबकि 57 हजार 602 पदों पर हायर सेकेंडरी स्कूलों ले लिए शिक्षकों की भर्तियां होंगी. प्राइमरी के लिए शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थी का इंटर पास होने के साथ सीटीईटी और डिप्लोमा या फिर बीएड होना जरूरी है. वहीं मिडिल स्कूल के टीचर के लिए अभ्यर्थी को ग्रेजुएट होने के साथ एसटीईटी और बीएड होना आवश्यक है. वहीं हायर सेकेंडरी के लिए अभ्यर्थी का पोस्ट ग्रेजुएट, एसटीईटी और बीएड होना जरूरी है.

छात्र नेता दिलीप कुमार

पटना: बिहार मे शिक्षक बहाली को लेकर विवाद थम नहीं रहा है. अलग-अलग तरह से इसके खिलाफ प्रदर्शन जारी है. राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष सह छात्र नेता दिलीप कुमार ने गुरुवार को गांधी मैदान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार सरकार से मांग की है कि 6-8 वर्ग के लिए सभी रिक्त पदों पर वैकेंसी निकाली जाए, एपियरिंग मे फॉर्म भरने का मौका दिया जाए, शिक्षकों को ग्रेड पे दिया जाए और नियोजित शिक्षकों व नये शिक्षकों की बहाली के लिए परीक्षा अलग-अलग ली जाए.

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'कक्षा 6-8 के लिए सबसे अधिक अभ्यर्थी': दिलीप कुमार ने कहा कि 6-8 के लिए अभ्यर्थियों की संख्या अधिक है लेकिन कोई रिक्ति BPSC को नहीं भेजी गई है, जबकि साठ हजार से अधिक पद इसमें खाली हैं. दूसरी बात कि जब बीपीएससी के माध्यम से शिक्षक बहाली हो रही है तो ग्रेड पे भी मिलना चाहिए. ताकि शिक्षकों को उचित सम्मान मिल सके. तीसरी बात कि बिहार मे आर्ट्स विषयों के लिए 2011 के बाद STET परीक्षा नहीं हुई है. चौथी बात कि नियोजित शिक्षकों और नये शिक्षक बहाली के अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा अलग-अलग लिया जाए. दिलीप कुमार ने नई शिक्षक नियमावली का स्वागत किया और इसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक बताया है. वहीं उन्होंने संशोधन की भी जरूरत बतायी है.

"नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए. उसके बाद नियोजित शिक्षकों की परीक्षा ली जाए. जो पास कर जाएं उन्हें शैक्षणिक कार्य की जिम्मेदारी दी जाए और जो तीन बार मे भी पास नही कर पाएंगे उन्हें गैर शैक्षणिक कार्य मे लगाया जाए."-दिलीप कुमार, छात्र नेता

'6- 8 क्लास तक के लिए वैकेंसी निकाले सरकार': छात्र नेता ने आगे कहा कि सीटेट पास अभ्यर्थी कक्षा 1 से लेकर 5 और 6 से लेकर 8 तक के लिए आवेदन भर सकते हैं. ऐसे में बीएड पास अभ्यर्थी कक्षा 1 से 5 तक के लिए फॉर्म नहीं भर सकते हैं. बीएड पास को फॉर्म भरने दिया जाएगा या नहीं, मामला सुप्रीम कोर्ट में है. ऐसे में हमारी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द 6 से लेकर 8 तक के लिए वैकेंसी निकाले. दिलीप ने कहा कि नियोजिक शिक्षकों की संख्या चार लाख के लगभग है. नए शिक्षक अभ्यर्थी और नियोजित शिक्षकों को मिलाकर एग्जाम लेना सही नहीं है. दोनों की अलग-अलग परीक्षा होनी चाहिए.

"2011 के बाद STET परीक्षा आर्ट्स विषय के लिए नहीं हुई है. 2019 में परीक्षा साइंस के कुछ विषयों के लिए हुई थी. लेकिन सबसे ज्यादा अभ्यर्थी आर्ट्स विषय से हैं. वैकेंसी निकाली गई और कहा गया कि नियोजित शिक्षक भी भरेंगे, लेकिन ये पूरी सीट नहीं भरेगी. कुछ छात्रों का बीएड का रिजल्ट आने वाला है, उन्हें भी परीक्षा फॉर्म भरने दिया जाए."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

शिक्षक बनने के लिए चाहिए ये योग्यता: बीपीएससी के मुताबिक कुल 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर शिक्षकों की बहाली होनी है. इसमें 79 हजार 943 प्राइमरी के लिए बहाली होनी है. वहीं 32 हजार 916 पदों पर मीडिल के लिए बहाली होगी. जबकि 57 हजार 602 पदों पर हायर सेकेंडरी स्कूलों ले लिए शिक्षकों की भर्तियां होंगी. प्राइमरी के लिए शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थी का इंटर पास होने के साथ सीटीईटी और डिप्लोमा या फिर बीएड होना जरूरी है. वहीं मिडिल स्कूल के टीचर के लिए अभ्यर्थी को ग्रेजुएट होने के साथ एसटीईटी और बीएड होना आवश्यक है. वहीं हायर सेकेंडरी के लिए अभ्यर्थी का पोस्ट ग्रेजुएट, एसटीईटी और बीएड होना जरूरी है.

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