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'शिक्षक संगठनों को बातचीत के लिए अविलंब आमंत्रित करे शिक्षा विभाग'

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Published : Jun 7, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 7:41 AM IST

बिहार शिक्षा संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर 17 फरवरी, 2020 से शिक्षक हड़ताल कर दिए थे. वहीं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर माध्यमिक शिक्षक 25 फरवरी से अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे.

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पटना: बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने शिक्षा विभाग को उस पत्र की याद दिलाई है, जिसमें हड़ताल समाप्ति के समय लिखित आश्वासन दिया गया था कि सामान्य स्थिति होने पर शिक्षक संगठनों से वार्ता कर शिक्षकों की मांगों पर विचार किया जाएगा.

प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना महामारी में हुए लॉकडाउन के बाद अब राज्य में स्थिति लगभग सामान्य हो गई है. जनजीवन पहले की तरह सामान्य हो गया है और सभी कार्यालय खुलने लगे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने भी राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से शिक्षण संस्थाएं खोलने के बारे में उनकी राय मांगी है. संभव है जो आम राय बन रही है, उससे उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही राज्य की सभी शिक्षण संस्थाएं कुछ सावधानियों एवं शर्तों के साथ खुलेंगी.

प्रवक्ता ने क्या कहा
अभिषेक कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से अपील की है कि अपने लिखित आश्वासन के अनुसार अविलंब शिक्षक संगठनों को वार्ता के लिए आमंत्रित करें. उन्होंने कहा कि सरकार और विभाग के शिक्षकों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें. जिससे आने वाले दिनों में जब विद्यालय खुलें तो बिना किसी मलाल के पूरे मनोयोग से शिक्षक अपनी दुगनी ऊर्जा, तन्मयता व उत्साह के साथ न सिर्फ पठन-पाठन करें बल्कि लॉकडाउन अवधि में क्षति हुए पाठ्यक्रम की भी भरपाई करें.

सीएम के हस्तक्षेप पर खत्म हुई थी हड़ताल
बता दें कि, राज्य के प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक बिहार शिक्षा संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर 17 फरवरी, 2020 से तो वही बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर माध्यमिक शिक्षक 25 फरवरी से अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. इस बीच कोरोना वैश्विक महामारी के फैल जाने के कारण पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया. सीएम के हस्तक्षेप के बाद शिक्षा विभाग के लिखित आश्वासन के उपरांत 4 मई को दोनों संगठनों ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को वापस ले लिया था.

गर्मी की छुट्टी में भी कर रहे काम
साथ ही सरकार के इस महामारी में किए जा रहे विभिन्न उपायों व राहत कार्यक्रमों में सभी शिक्षक पूरी तन्मयता से साथ क्वारंटीन सेंटरों से लेकर दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासी मजदूरों के रेलवे स्टेशन पर निबंधन, कोरोना परिवहन कोषांग सहित विभिन्न प्रकार से अपनी योग्यता और दक्षता के अनुसार इस महामारी से लड़ने में सहयोग दे रहे हैं, जो शिक्षा विभाग के निर्देश पर ग्रीष्मावकाश में भी लगातार जारी है.

पटना: बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने शिक्षा विभाग को उस पत्र की याद दिलाई है, जिसमें हड़ताल समाप्ति के समय लिखित आश्वासन दिया गया था कि सामान्य स्थिति होने पर शिक्षक संगठनों से वार्ता कर शिक्षकों की मांगों पर विचार किया जाएगा.

प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना महामारी में हुए लॉकडाउन के बाद अब राज्य में स्थिति लगभग सामान्य हो गई है. जनजीवन पहले की तरह सामान्य हो गया है और सभी कार्यालय खुलने लगे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने भी राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से शिक्षण संस्थाएं खोलने के बारे में उनकी राय मांगी है. संभव है जो आम राय बन रही है, उससे उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही राज्य की सभी शिक्षण संस्थाएं कुछ सावधानियों एवं शर्तों के साथ खुलेंगी.

प्रवक्ता ने क्या कहा
अभिषेक कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से अपील की है कि अपने लिखित आश्वासन के अनुसार अविलंब शिक्षक संगठनों को वार्ता के लिए आमंत्रित करें. उन्होंने कहा कि सरकार और विभाग के शिक्षकों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें. जिससे आने वाले दिनों में जब विद्यालय खुलें तो बिना किसी मलाल के पूरे मनोयोग से शिक्षक अपनी दुगनी ऊर्जा, तन्मयता व उत्साह के साथ न सिर्फ पठन-पाठन करें बल्कि लॉकडाउन अवधि में क्षति हुए पाठ्यक्रम की भी भरपाई करें.

सीएम के हस्तक्षेप पर खत्म हुई थी हड़ताल
बता दें कि, राज्य के प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक बिहार शिक्षा संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर 17 फरवरी, 2020 से तो वही बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर माध्यमिक शिक्षक 25 फरवरी से अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. इस बीच कोरोना वैश्विक महामारी के फैल जाने के कारण पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया. सीएम के हस्तक्षेप के बाद शिक्षा विभाग के लिखित आश्वासन के उपरांत 4 मई को दोनों संगठनों ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को वापस ले लिया था.

गर्मी की छुट्टी में भी कर रहे काम
साथ ही सरकार के इस महामारी में किए जा रहे विभिन्न उपायों व राहत कार्यक्रमों में सभी शिक्षक पूरी तन्मयता से साथ क्वारंटीन सेंटरों से लेकर दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासी मजदूरों के रेलवे स्टेशन पर निबंधन, कोरोना परिवहन कोषांग सहित विभिन्न प्रकार से अपनी योग्यता और दक्षता के अनुसार इस महामारी से लड़ने में सहयोग दे रहे हैं, जो शिक्षा विभाग के निर्देश पर ग्रीष्मावकाश में भी लगातार जारी है.

Last Updated : Jun 8, 2020, 7:41 AM IST
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