पटनाः बिहार शिक्षा विभाग ने विभिन्न पर्व-त्योहारों पर स्कूलों में होने वाली छुट्टियों में कटौती कर दी है. पूरे साल में होने वाली 23 छुट्टियों को घटाकर 11 कर दिया गया है. 11 छुट्टियों की इस सूची में रक्षाबंधन पर दी जाने छुट्टी शामिल नहीं है. अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने मंगलवार की शाम से लेकर दिसंबर तक स्कूलों की छुट्टी में कटौती का नया आदेश सभी स्कूलों को जारी कर दिया है. इस हिसाब से कल यानी गुरुवार को होने वाली रक्षाबंधन की छुट्टी भी रद्द हो गई है.
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बिहार के स्कूलों मे छुट्टियों की संख्या में कटौतीः बिहार में केके पाठक ने शिक्षा विभाग का जब से पदभार संभाला है, शिक्षा विभाग की ओर से रोज नए-नए फरमान जारी किए जा रहे हैं और इससे शिक्षक काफी नाराज हैं. मंगलवार को शिक्षा विभाग की ओर से पठन-पाठन के कार्य को प्रभावी बनाने को लेकर सभी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 28 अगस्त से बचे हुए दिसंबर माह तक के लिए छुट्टियों की संख्या में कटौती कर दी गई है.
23 छुट्टियों की जगह अब सिर्फ 11 छुट्टीः इसके पीछे तर्क ये है कि विद्यालय में अधिक छुट्टियों के कारण शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार विद्यालयों में 220 दिन का कार्य दिवस होना चाहिए. शिक्षा विभाग ने रक्षाबंधन, हरितालिका व्रत तीज, जिउतिया, विश्वकर्मा पूजा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, भाई दूज, गुरु नानक जयंती जैसे कई पर्व त्योहार की छुट्टियां रद्द कर दी है. 28 अगस्त से 31 दिसंबर तक सरकारी विद्यालयों में लगभग 23 छुट्टियां थीं, जिसे घटकर शिक्षा विभाग ने 11 कर दिया है.
'220 दिन का कार्य दिवस होना जरूरी': दीपावली से छठ पूजा तक के लिए अब तक लगातार छुट्टियां रहती थी. इस 9 दिन की छुट्टी को घटकर सिर्फ 4 दिन की छुट्टी शिक्षा विभाग ने कर दिया है. नए आदेश के मुताबिक दीपावली के दिन एक दिन की छुट्टी, चित्रगुप्त पूजा की एक दिन की छुट्टी और छठ के समय 2 दिन की छुट्टी होगी. छुट्टियों में किए गए बदलाव पर शिक्षा विभाग का कहना है कि शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम से कम 220 दिन का कार्य दिवस होना जरूरी है.
विद्यालयों के संचालन में लाना है एकरूपता: माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि चुनाव, परीक्षा, त्योहार और प्राकृतिक आपदाओं के कारण विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इसके साथ ही त्योहारों के मौके पर विद्यालयों के बंद होने की प्रक्रिया में भी एकरूपता नहीं है. कभी किसी जिले में विद्यालय खुले होते हैं, तो किसी में बंद. इसलिए विद्यालयों के संचालन में एकरूपता के लिए वर्ष 2023 के बचे हुए दिनों के लिए छुट्टियों में यह बदलाव किया गया है.
'शिक्षकों को प्रताड़ित करने का हो रहा काम': टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह का कहना है कि तमाम नियम कानून को ताक पर रखते हुए शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव के के पाठक शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का एक मौका नहीं छोड़ रहे हैं. इस प्रकार के निर्देशों के माध्यम से शिक्षकों को प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है. नई शिक्षा नीति भी कहता है कि विद्यालयों में 29 घंटे से अधिक सप्ताह में पढ़ाई नहीं होनी चाहिए.
"अब तक सरकारी विद्यालयों में 60 दिनों की छुट्टियां रहती थी, जिसे खत्म कर सरकार बच्चों को पढ़ाई बोझ बनाना चाहती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करेंगे कि इस मामले में हस्तक्षेप करें अन्यथा शिक्षक समाज न्यायालय के शरण में इस मामले को लेकर जाएगा"- राजू सिंह, प्रदेश संयोजक, टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ
'विद्यालय में 220 दिन होती है पढ़ाई': वहीं, बिहार टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि अब तक विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश और विभिन्न पर त्योहारों को मिलाकर 60 दिनों की छुट्टियां होती थी और 52 दिन रविवार की छुट्टी होती है. कुल मिलाकर 112 दिन की छुट्टियां मिलती थी, ऐसे में साल में इसके बाद भी 252 दिन विद्यालय चलते हैं. शिक्षा विभाग का यह तर्क की 220 दिन विद्यालय के संचालन के लिए छुट्टियों को रद्द किया गया है, यह अपने आप में हास्यासपद है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समझना होगा कि सरकारी कार्यालय और विद्यालयों में फर्क होता है और दोनों का संचालन का अपना नियम है.
"विद्यालय को सरकारी कार्यालय समझना बेवकूफी होगी. दीपावली से छठ तक लगातार छुट्टी मिलती थी. दशहरा में भी छुट्टियों की संख्या अधिक रहती थी, ऐसे में बच्चे इस दौरान अपने नाते रिश्तेदार के यहां छुट्टी मनाने जाते हैं. इससे बच्चों में सामाजिकता भी आती है और पठन-पाठन से इतर बच्चों के सर्वांगिक विकास के लिए इन छुट्टियों का बहुत महत्व है. हम सरकार से मांग करेंगे की छुट्टियां को रद्द करने की निर्देश को वापस लिया जाए, क्योंकि पहले से ही विद्यालयों में 220 दिन से अधिक कक्षाएं चल रही हैं". अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार टीईटी शिक्षक संघ