पटनाः देश में आम चुनाव 2024 में और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में होना है. चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल और गठबंधन अपने-अपने हिसाब से पर्दे के पीछे तैयारियों में लगे हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार दलों का गठबंधन अब बदल चुका है. यही नहीं एनडीए गठबंधन के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हो टुकी है. पशुपति कुमार पारस (Bihar RLJP Chief Pashupati Kumar Paras) राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरलोजपा) के मुखिया बने हुए हैं, जिनका गुट एनडीए सरकार में शामिल है.
वहीं दूसरा गुट लोजपा जनशक्ति पार्टी रामविलास (लोजपाआर) का नेतृत्व लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान कर रहे हैं. आज के समय चिराग पासवान एनडीए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हैं, लेकिन खुलकर नरेंद्र मोदी सरकार के साथ हैं. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में क्या लोजपा के दोनों गुट एक होगा. आरलोजपा और उसके मुखिया पशुपति कुमार पारस का आगामी चुनाव में क्या रोल होगा. वे चुनाव में किसके नेतृत्व में मैदान में उतरेंगे. इन सभी सवालों पर केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras ON Prepration Of Lok Sabha Election 2024 ) ने खुलकर अपनी बातें रखी.
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''चार पांच महीने पहले हाजीपुर में एमएलसी का चुनाव हुआ. मुझे एक सीट मिला और वो सीट में जीता. वहीं चिराग जी चार जगह एमएलसी के उम्मीदवार दिए थे लेकिन चारों जगह हार गए. ये साबित हो गया की बिहार में ओरिजिनल रामविलास पासवान जी का राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं ही हूं. चिराग पासवान जी रामविलास जी के बेटे हैं. उनके सम्पति पर चिराग पासवान जी का अधिकार है लेकिन राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं हूं. शुरू से लेकर आज तक और उनका वोट बैंक भी मेरे साथ हैं. " -पशुपति कुमार पारस, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी
ईटीवी भारत का प्रश्नः आने वाले लोक सभा और विधान सभा को लेकर आरलोजपा की क्या तैयारी है ?
''हम लोग 2014 से NDA के साथ गठबंधन में हैं और बहुत ही ईमानदारी से बने हुए हैं. मैंने घोषणा भी किया है की जब तक राजनीति करूंगा NDA के साथ ही रहेंगे. पहले भी था, आज भी हूं और भविष्य में भी रहूंगा. जहां तक सवाल लोकसभा चुनाव 2024 की बात है, देश में प्रधानमंत्री के लिए नरेन्द्र मोदी की अलावा किसी की वेकेंसी नहीं है. आज की तारीख में नरेंद्र मोदी के सामने कोई भी मुकाबला में नहीं है. आज के डेट में दर्जनों लोग उम्मीदवार हैं लेकीन मैं किसी का नाम नहीं लूंगा. नरेन्द्र मोदी जी का जो स्टेटस है -उनके सामने सभी लोग बौने हैं. देश का ही नहीं विदेश के लोग भी मोदी जी की तारीफ करते हैं. आज की तारीख में विश्व के बड़े बड़े नेता नरेन्द्र मोदी जी से बात करने के लिए और हाथ मिलाने के लिए लालायित रहते है.''
ईटीवी भारत का प्रश्नः 2019 की परिस्थिति अलग थी, जब आपके बड़े भाई जिन्दा थे. अब क्या परिस्तिथि अलग है?
"कोई अलग परिस्थिति नहीं है. आज रामविलास जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका जो सिद्धांत था, वो आज भी जिन्दा है. उनके साथ जो समर्थक लोग थे वो हमारे साथ हैं. इसके पहले दो जगह उपचुनाव हुए तारापुर और कुशेश्वरस्थान. तारापुर जमुई लोकसभा क्षेत्र में आता है, जो की चिराग पासवान के क्षेत्र है. उसके बावजूद भी दोनों जगह हमारी जीत हुई.''
महागठबंधन की सरकार बनते ही लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ गईः दूसरी बात की नीतीश कुमार महागठबंधन में चले गए है. नीतीश कुमार 2014 में अकेले चुनाव लड़े थे और उनको मात्र ''दो सीट मिला था. हमारे साथ NDA गठबंधन में आये तो सत्रह सीट जीते. आज की तारीख में नीतीश जी जहां गए हैं उस गठबंधन के बारे में पूरे बिहार के लोग जानते हैं कि जब उनके सरकार बनी थी और अंत तक बिहार में क्या स्थिति थी. लॉ एंड ऑर्डर बहुत खराब था. और जब से महागठबंधन की सरकार बनी है लॉ एंड ऑर्डर खराब हो गया है. ताजा मामले हमारे वैशाली जिला का है जहा पर शराब के नशे में दर्जनों लोगो की जान ले ली.''
ईटीवी भारत का प्रश्नः पहले की लोजपा एक थी लेकिन आज लोजपा दो भाग में बट गया है, वोट का भी डिवीजन होगा. क्या भविष्य में चिराग पासवान के साथ संबंध अच्छे हो सकते हैं. क्या चाचा भतीजा एक साथ दोबारा से आ सकते है?
''दल टूटता है तो दल जुट जाता है लेकिन दिल टूटता है तो फिर नहीं जुड़ पाता है. यहां पर दो समीकरण है- दल भी हैं और दिल भी है. दिल टूटा हुआ है. बिहार में सभी लोगो को जानकारी है. हम तीन भाई थे और हम तीनो भाई में जो प्यार और मोहब्बत का एक उदाहरण पेश होता था. लेकिन आखिर कौन से परिस्तिथि आई की बड़े भैया के स्वर्गवास होने के बाद जो परिस्तिथि बदल गई. चिराग पासवान ने मुझको अध्यक्ष पद से हटा दिया, मुझे अपने परिवार और दिल से हटा दिया. मतभेद तो वहीं से शुरू हुआ. इसलिए जब दिल टूट जाता है तो फिर जुटता नहीं है. हां अगर वो NDA में आते है तो हमारा स्वागत है. हम उसका विरोध नहीं करेंगे लेकिन वो दोबारा से दल में आते है तो उनको माफी मांगनी पड़ेगी.''
ईटीवी भारत का प्रश्नः लोक सभा और विधान सभा में कितनी सीटो का डिमांड रखेंगे.
''लोकसभा और विधानसभा के चुनाव का समीकरण अलग होता है. जहां तक बात सीटों को लेकर है, हम NDA के साथ हैं और जो भी NDA का फरमान होगा हम उसको फॉलो करेंगे. NDA में हमको जीतनी सीटें मिलेगी, हम उतनी ही सीट पर चुनाव लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे.''
ईटीवी भारत का प्रश्नः आने वाले चुनाव में नीतीश जी का मन डोलता है को क्या आप NDA में स्वागत करेंगे.
''नीतीश जी बड़े नेता हैं. ये तो वहीं बताएंगे की उनको NDA में आने का मन है की नहीं है. बीजेपी एक बड़ी पार्टी है और जो बड़े लोग पार्टी में है, उनको इस पर सोचना होगा की नीतीश जी की पुनर्वापसी होगी की नहीं.''