पटना: शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर के हजारों की तादाद में शिक्षक अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर उतरे हुए हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों ने गांधी मैदान के गेट नंबर 4 से प्रदर्शन शुरू किया और पैदल मार्च निकालते हुए राजभवन की ओर कूच कर रहे थे, इसी दौरान जेपी गोलंबर पर ही पुलिस ने रोक दिया.
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पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज : अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को देखते हुए हजारों की तादाद में पुलिस बल जेपी गोलंबर पर मौजूद रहे. इस वजह से ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई. शिक्षक अभ्यर्थियों ने खुलकर कहा कि जब तक डोमिसाइल नीति को फिर से लागू नहीं किया जाता है, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. साथ ही उनका दावा है कि वह सरकार से अपनी बातों को मनवा कर रहेंगे. वहीं मोर्चा के संरक्षक संदीप सौरभ ने भी आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है.
"डोमिसाइल नीति बाध्यकारी है, जिसके जरिए बिहार के लोगों का हक छीना जा रहा है. इसके खिलाफ बिहार के शिक्षक और अभ्यर्थी सड़कों पर हैं."- दीपांकर, छात्र नेता, शिक्षक संघ
बोले अभ्यर्थी- 'सरकार को डोमिसाइल नीति करना होगा लागू': शिक्षक अभ्यर्थी कुंदन ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से वह लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी वाजिब मांगों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. इसी के लिए सड़क पर उतरे हैं. सरकार को उन लोगों ने 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था लेकिन डोमिसाइल नीति को इस दौरान वापस नहीं लिया गया, जिस कारण मजबूरन उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा है. बता दें कि पुलिस ने 18 अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है.
"बिहार में जितनी जल्दी हो सके डोमिसाइल नीति लागू की जाए. हमने शिक्षा मंत्री को डोमिसाइल नीति लागू करने के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था , लेकिन उन्होंने लागू नहीं किया. अब हम आंदोलन कर रहे हैं और गांधी जी के विचार पर चलकर शांतिपूर्ण तरीके से डोमिसाइल नीति लागू करवाएंगे."- कुंदन कुमार, शिक्षक अभ्यर्थी
"डोमिसाइल पद्धति क्यों खत्म किया गया, ऐसा नहीं करना था. मजबूरी में हमें सड़क पर आना पड़ा है."- शिक्षक अभ्यर्थी
'सरकार कर रही अन्याय': शिक्षक अभ्यर्थी चांदनी ने कहा कि सरकार उन लोगों के साथ अन्याय कर रही है. प्रारंभिक शिक्षक लोकल होने चाहिए ना कि दूसरे प्रदेश के. प्रारंभिक शिक्षक लोकल इसलिए होनी चाहिए ताकि वह स्थानीय भाषा में बच्चों को पढ़ा सके, समझा सके. भोजपुरी मैथिली मगही जैसी भाषा में बच्चों को पढ़ा कर उन्हें सिखा सके.
'जारी रहेगा प्रदर्शन': वहीं प्रदर्शन में शामिल एक अन्य महिला शिक्षक अभ्यर्थी ने कहा कि डोमिसाइल नीति दोबारा से बहाली में लागू करने की मांग कर रहे हैं. यदि सरकार इसको नहीं करती है तो इसी प्रकार प्रदर्शन जारी रहेगा. वह लोग हिंसक रूप से आंदोलन कर रहे हैं और अपनी वाजिब मांगों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.
"हमलोगों को डोमिसाइल नीति हर हाल में चाहिए. इतने सालों से परीक्षा लिया नहीं गया और अब वैकेंसी आई है. बिहार में इतनी बेरोजगारी के बावजूद पूरे देश के लोगों को आवेदन करने दिया जा रहा है. यह सही नहीं है."- चांदनी कुमारी, शिक्षक अभ्यर्थी
शिक्षा मंत्री के खिलाफ फूटा गुस्सा: इस दौरान अभ्यर्थियों का शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा. दरअसल शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर रोष है. बिहार में अच्छे शिक्षक नहीं होने के बयान पर अभ्यर्थी खफा हैं और उनका विभाग बदलने की मांग की जा रही है. यही कारण है कि प्रदर्शन के दौरान शिक्षक अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
शिक्षा विभाग की चेतावनी का भी नहीं हुआ असर: बता दें कि शिक्षा विभाग की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसके अनुसार जो भी शिक्षक नियमावली के विरोध में आंदोलन करेंगे, उनके ऊपर विभाग विधि सम्मत कार्रवाई करेगा. शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव के द्वारा राज्य के सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों के नाम पत्र जारी किया गया था, लेकिन इसका असर होता नजर नहीं आया.
आर-पार की लड़ाई के मूड में शिक्षक अभ्यर्थी: शिक्षक संघ ने ऐलान किया है कि मानसून सत्र के दौरान बिहार के लाखों शिक्षक 11 जुलाई को बिहार विधानसभा का घेराव करेंगे. वहीं 12 जुलाई को पटना में बिहार के तमाम विधायकों के आवास पर मिलकर अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपेगे. ताकि उनके क्षेत्र के विधायक उनकी मांगों को विधानसभा में रखें. इससे पहले 8 जुलाई को प्रत्येक जिला मुख्यालय में संघर्ष समिति की बैठक कर शिक्षक संघ आगे की रणनीति तैयार करेंगे. वहीं 9 जुलाई को पटना में मोर्चा की बैठक होगी.