दिल्ली / पटना : बिहार के सारण से बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में कहा कि देश भर में नदी, नाले, पईन, आहार को बचाने के लिए कानून बनाना जरूरी है. क्योंकि नदी और नालों पर तेजी से अतिक्रमण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकारें कई शहरों में नदियों पर अतिक्रमण कर सड़कें बना रही. जिसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे बिहार ही नहीं देश के कई इलाकों में भी अतिक्रमण से बाढ़ की स्थिति पैदा होती है.
मॉडल कानून बनाने की मांग
लोकसभा में बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सारण से 150 किलोमीटर दूर यानी नेपाल के तराई इलाकों में बारिश की वजह से हर एक साल सारण में बाढ़ आती है. जिले में भारी नुकसान होता है. गांव-गांव के डूब जाते हैं. और ऐसा इसलिए होता है. क्योंकि नदी, पईन, आहार और नालों किनारे लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. जिससे नदी-नालों की चौड़ाई बहुत कम हो गई है. उन्होंने कहा कि बात सिर्फ बिहार के सारण सहित कुछ जिलों की नहीं है. देश के कई शहरों में भी कुछ इसी तरह के हालात हैं. सांसद ने कहा कि कई मामले ऐसे हैं. जिसमें यह बातें सामने आई है कि सरकार ने अतिक्रमण कर सड़कें बना दी.
'जमालपुर रेल इंजन कारखाना को विकसित किया जाए'
मुंगेर से जेडीयू के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में जमालपुर डीजल रेल इंजन कारखाना का मुद्दा उठाया. सांसद ने कहा कि जमालपुर में डीजल रेल इंजन तैयार होता था. जिसे अब धीरे-धीरे बंद किया जा रहा है. ललन सिंह ने जमालपुर डीजल इंजन रेल कारखाने को विद्युत में बदलने की मांग की. ताकि हजारों लोगों की नौकरी बची रही और वो लोग अपने परिवार का पेट भर सकें. ललन सिंह ने कहा कि जमालपुर शहर का 75 फीसदी जमीन रेलवे की संपत्ति है. जिसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
'पूर्णिया को स्मार्ट सिटी में शामिल किया जाए'
बिहार के पूर्णिया से जेडीयू के सांसद संतोष कुमार ने भी शहर की समस्याओं को संसद में उठाया. उन्होंने कहा कि पूर्णिया में बरसात ज्यादा होती और नगर निगम की स्थिति ठीक नहीं है. जिसकी वजह से शहर में पानी भर जाता है. कई इलाके थोड़ी सी बारिश में ही जलमग्न हो जाते हैं. सांसद ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मांग करते हुए कहा कि या तो पूर्णिया को स्मार्ट सिटी में शामिल किया जाए या फिर सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था की जाए.
एफसीआरए संशोधन बिल का समर्थन
नालंदा से जेडीयू के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि FCRA संशोधन बिल के जरिए स्पष्टता लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कुछ एनजीओ ईमानदारी से काम करते हैं. जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2010-2019 के दौरान 19000 से अधिक रजिस्ट्रेशन को कैंसिल क्यों करना पड़ा. इसकी भी जानकारी सभी को होनी चाहिए.