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बाढ़ से बिहार को करोड़ों का नुकसान, बड़े पैमाने पर पुल पुलिया और सड़क ध्वस्त

बिहार में हर साल की ही तरह इस साल भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. राज्य के 26 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. 45 पुल-पुलिया ध्वस्त हो चुके हैं.

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Published : Sep 7, 2021, 7:52 PM IST

पटना: बिहार में बाढ़ (Flood in Bihar) से हर साल बिहार को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. एक ओर जहां पुल-पुलिया और सड़क नष्ट हो जाते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ फसल का भी नुकसान होता है. बाढ़ से निपटने के लिए सरकार (Bihar Government) के पास फिलहाल कोई एक्शन प्लान नहीं है.

यह भी पढ़ें- बिहारः जून से ही लोग झेल रहे बाढ़ की मार, खतरा टला नहीं अब भी बरकरार

बिहार का बाढ़ से हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. राज्य के 26 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. कई सरकारी योजनाओं को जहां नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं पुल पुलिया और ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं.

देखें रिपोर्ट

नुकसान का पूरा आकलन तो अभी नहीं हो पाया है, लेकिन अकेले पथ निर्माण विभाग को अब तक ढाई सौ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 45 से ज्यादा पुल पुलिया क्षतिग्रस्त हुए हैं. पथ निर्माण विभाग के डेढ़ सौ किलोमीटर सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं.

'सरकार अगर दूरगामी एक्शन प्लान तैयार करे तो नुकसान को कम किया जा सकता है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में अगर बाढ़ रोधी सड़क पुल और पुलिया बनाए जाएं, तो काफी हद तक नुकसान को कम किया जा सकता है. इसके अलावा बाढ़ के मौसम में पेट्रोलिंग बराबर अंतराल में होने चाहिए. साथ में बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए अलग मेंटेनेंस पॉलिसी बनाई जानी चाहिए.' -विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री

'अब तक विभाग को ढाई सौ करोड़ से ज्यादा के नुकसान हुए हैं. हालांकि यह शुरुआती आकलन है. आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. सरकार पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है और त्योहार से पहले हम सड़कों को दुरुस्त कर लेंगे.' -नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री

बता दें कि पथ निर्माण विभाग को अकेले ढाई सौ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. अगर तमाम विभागों का आकलन कराया जाएगा, तो खर्च और भी ज्यादा होगा. बाढ़ के खतरों से निपटने के लिए जरूरत इस बात की है कि सरकार दूरगामी नीति बनाए और नुकसान को कम किया जाए.

यह भी पढ़ें- भागलपुर में बाढ़ से किसानों को 400 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान, प्रखंडवार जानिए रिपोर्ट...

पटना: बिहार में बाढ़ (Flood in Bihar) से हर साल बिहार को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. एक ओर जहां पुल-पुलिया और सड़क नष्ट हो जाते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ फसल का भी नुकसान होता है. बाढ़ से निपटने के लिए सरकार (Bihar Government) के पास फिलहाल कोई एक्शन प्लान नहीं है.

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बिहार का बाढ़ से हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. राज्य के 26 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. कई सरकारी योजनाओं को जहां नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं पुल पुलिया और ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं.

देखें रिपोर्ट

नुकसान का पूरा आकलन तो अभी नहीं हो पाया है, लेकिन अकेले पथ निर्माण विभाग को अब तक ढाई सौ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 45 से ज्यादा पुल पुलिया क्षतिग्रस्त हुए हैं. पथ निर्माण विभाग के डेढ़ सौ किलोमीटर सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं.

'सरकार अगर दूरगामी एक्शन प्लान तैयार करे तो नुकसान को कम किया जा सकता है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में अगर बाढ़ रोधी सड़क पुल और पुलिया बनाए जाएं, तो काफी हद तक नुकसान को कम किया जा सकता है. इसके अलावा बाढ़ के मौसम में पेट्रोलिंग बराबर अंतराल में होने चाहिए. साथ में बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए अलग मेंटेनेंस पॉलिसी बनाई जानी चाहिए.' -विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री

'अब तक विभाग को ढाई सौ करोड़ से ज्यादा के नुकसान हुए हैं. हालांकि यह शुरुआती आकलन है. आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. सरकार पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है और त्योहार से पहले हम सड़कों को दुरुस्त कर लेंगे.' -नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री

बता दें कि पथ निर्माण विभाग को अकेले ढाई सौ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. अगर तमाम विभागों का आकलन कराया जाएगा, तो खर्च और भी ज्यादा होगा. बाढ़ के खतरों से निपटने के लिए जरूरत इस बात की है कि सरकार दूरगामी नीति बनाए और नुकसान को कम किया जाए.

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