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Rahul Gandhi Disqualified: BJP बोली लोकतंत्र की जीत, RJD ने कहा- तानाशाही - ईटीवी भारत न्यूज

सुरत कोर्ट से दो साल की सजा का ऐलान होने के एक दिन बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द हो गई है. इसको लेकर लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. मानहानि के एक मामले में कोर्ट ने कांग्रेस नेता को दो साल की सजा सुनाई है. सजा के ऐलान होने के तुरंत बाद कोर्ट ने उन्हें बेल भी दिया.

राहुल गांधी मामले पर बिहार की नेताओं प्रतिक्रिया
राहुल गांधी मामले पर बिहार की नेताओं प्रतिक्रिया
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Published : Mar 24, 2023, 4:28 PM IST

राहुल गांधी मामले पर बिहार की नेताओं प्रतिक्रिया

पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) की संसद की सदस्यता रद्द हो गई है. सुरत कोर्ट से मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा मिलने के बाद कांग्रेस नेता की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई है. लोकसभा सचिवालय ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसको लेकर देशभर में राजनीति गरमा गई है. पक्ष विपक्ष के बीच बयानों का दौर शुरू हो गया है. बिहार में भी राहुल गांधी के मामले पर सियासत हो रही है. बीजेपी जहां इसे लोकतंत्र की जीत बता रही है. वहीं विपक्षी दल इसे तानाशाही करार दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Rahul Gandhi Disqualified: राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर बोली कांग्रेस- 'जनता फैसला करेगी कि सरकार क्या कर रही है'

"जिन लोगों को भारत के लोकतंत्र में विश्वास नहीं था, आज भारत के जीवंत लोकतंत्र को इस पद्धति को स्थापित कर दिया कि राहुल गांधी जैसे बड़े परिवार के लोगों को भी भारतीय जनतंत्र के सामने झुकना पड़ता है. आज जब कोर्ट के फैसले के बाद लोकसभा से डिस्क्वॉलिफिकेशन को लेकर आया है, इसे भारतीय लोकतंत्र की एक बड़ी जीत के रूप में देखी जानी चाहिए. किसी भी समाज को बदनाम करने की छुट किसी भी व्यक्ति को नहीं है. चाहे वो राहुल गांधी हों या कोई और हो. ऐसे युवराजों से भारतीय राजनीति को मुक्ति मिले, यही सभी लोगों को जनआकांक्षा भी है और लोग यही चाहते भी हैं."- संतोष पाठक, प्रवक्ता, बीजेपी

"कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद से सदस्यता समाप्त कर दी गई. यह लोकतंत्र और संविधान दोनों के साथ मजाक मैं मानूं तो की अतिश्योक्ति नहीं होगी. पूरे विपक्ष को समाप्त करने की कोशिस की जा रही है इस देश के अंदर. 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपना संतुलन खो दिया है. कानून के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है इस देश के अंदर. सभी समान विचारधारा वाले दलों को अब एक मंच पर आकर लड़ाई लड़नी होगी. सड़क पर उतरना होगा, लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए. इस देश में कभी ऐसे हालात नहीं बनी है कि अब कोई खिलाफ में बोले तो उसकी सदस्यता समाप्त करवा दो, उसके खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल करओ, यह दुखद है. आवाम इन सभी चीजों को देख रही है. अब लामबंद होईए और 2024 के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करने की जरूरत है."- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, राजद

क्या है पूरा मामला: दरअसल, साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने एक सभा को संबोधित करने के दौरान मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था. कांग्रेस नेता द्वारा बयान दिए जाने के बाद गुजरात के बीजेपी नेता ने मानहानि का मामला दर्ज करवाया था. इसी मामले में सुरत कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई. हालांकि, कोर्ट ने अपने फैसले पर 30 दिन का स्टे लगाते हुए उन्हें तत्काल जमानत दे दी.

राहुल गांधी मामले पर बिहार की नेताओं प्रतिक्रिया

पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) की संसद की सदस्यता रद्द हो गई है. सुरत कोर्ट से मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा मिलने के बाद कांग्रेस नेता की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई है. लोकसभा सचिवालय ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसको लेकर देशभर में राजनीति गरमा गई है. पक्ष विपक्ष के बीच बयानों का दौर शुरू हो गया है. बिहार में भी राहुल गांधी के मामले पर सियासत हो रही है. बीजेपी जहां इसे लोकतंत्र की जीत बता रही है. वहीं विपक्षी दल इसे तानाशाही करार दे रहे हैं.

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"जिन लोगों को भारत के लोकतंत्र में विश्वास नहीं था, आज भारत के जीवंत लोकतंत्र को इस पद्धति को स्थापित कर दिया कि राहुल गांधी जैसे बड़े परिवार के लोगों को भी भारतीय जनतंत्र के सामने झुकना पड़ता है. आज जब कोर्ट के फैसले के बाद लोकसभा से डिस्क्वॉलिफिकेशन को लेकर आया है, इसे भारतीय लोकतंत्र की एक बड़ी जीत के रूप में देखी जानी चाहिए. किसी भी समाज को बदनाम करने की छुट किसी भी व्यक्ति को नहीं है. चाहे वो राहुल गांधी हों या कोई और हो. ऐसे युवराजों से भारतीय राजनीति को मुक्ति मिले, यही सभी लोगों को जनआकांक्षा भी है और लोग यही चाहते भी हैं."- संतोष पाठक, प्रवक्ता, बीजेपी

"कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद से सदस्यता समाप्त कर दी गई. यह लोकतंत्र और संविधान दोनों के साथ मजाक मैं मानूं तो की अतिश्योक्ति नहीं होगी. पूरे विपक्ष को समाप्त करने की कोशिस की जा रही है इस देश के अंदर. 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपना संतुलन खो दिया है. कानून के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है इस देश के अंदर. सभी समान विचारधारा वाले दलों को अब एक मंच पर आकर लड़ाई लड़नी होगी. सड़क पर उतरना होगा, लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए. इस देश में कभी ऐसे हालात नहीं बनी है कि अब कोई खिलाफ में बोले तो उसकी सदस्यता समाप्त करवा दो, उसके खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल करओ, यह दुखद है. आवाम इन सभी चीजों को देख रही है. अब लामबंद होईए और 2024 के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करने की जरूरत है."- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, राजद

क्या है पूरा मामला: दरअसल, साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने एक सभा को संबोधित करने के दौरान मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था. कांग्रेस नेता द्वारा बयान दिए जाने के बाद गुजरात के बीजेपी नेता ने मानहानि का मामला दर्ज करवाया था. इसी मामले में सुरत कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई. हालांकि, कोर्ट ने अपने फैसले पर 30 दिन का स्टे लगाते हुए उन्हें तत्काल जमानत दे दी.

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