पटना: बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain) प्रदेश में उद्योग की स्थापना को लेकर लगातार कार्य कर रहे हैं. अब तक कई जगहों पर कारखानों की शुरूआत भी हो गई है. राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में बिहार इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन (Bihar Investors Meet 2022) किया गया है. ये कार्यक्रम गुरुवार, 12 मई को दिल्ली में होगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बिहार इनवेस्टर्स मीट 2022 का शुभारंभ करेंगी. इसमें देश के कई बड़े निवेशक शामिल होंगे.
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बिहार इन्वेस्टर्स मीट 2022 का आयोजन: बिहार इन्वेस्टर्स मीट के बारे में जानकारी देते हुए उद्योग मंत्री ने बताया कि बिहार के उद्योगों को गति मिली है. उन्होंने कहा कि बेगूसराय के बरौनी में पेप्सी के बॉटलिंग प्लांट का शुभारंभ हुआ और पूणियां में ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का शुभांरभ हुआ, जो केंद्र सरकार और बिहार की इथेनॉल पॉलिसी 2021 के बाद देश का पहला ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल उत्पादन इकाई है. पिछले एक साल में बिहार में छोटी, बड़ी 87 औद्योगिक इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं. उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार उद्योग क्षेत्र में पहचान बना रहा है और राज्यवासियों की उम्मीदें पूरी कर रहा है. बिहार के औद्योगिकीकरण की रफ्तार आने वाले दिनों में और तेज हो, इसके लिए देश के बड़े निवेशकों को बिहार आमंत्रित किया जा रहा है.
इथेनॉल हब बनने की ओर बिहार: उद्योग मंत्री ने कहा कि देश का इथेनॉल हब बनने की ओर बिहार पहले ही कदम बढ़ा चुका है. 2021 में बिहार सरकार द्वारा लाई गई इथेनॉल पॉलिसी काफी सफल रही और 30 हजार 382 करोड़ के निवेश प्रस्ताव बिहार में आए. इनमें से पहले चरण में बिहार के अलग-अलग इलाकों में 17 इथेनॉल उत्पादन कंपनियां स्थापित होनी शुरू हो गई हैं. उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल को पूर्णियां के गणेशपुर में 105 करोड़ की लागत से बिहार ही नहीं बल्कि केंद्र और बिहार की इथेनॉल पॉलिसी 2021 के बाद देश की पहली ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल इकाई बनी है. इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा गोपालगंज में 2 और आरा में एक यानी 3 और इथेनॉल प्लांट बनकर तैयार हैं. जल्द ही इसका शुभारंभ किया जाएगा.
उद्योग लगाने वाली कंपनियों को मिल रहा रेड कार्पेट वेल्कम: मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि 15 अप्रैल, 2022 को बेगूसराय के बरौनी में वरुण बेवरेजेज लिमिटेड द्वारा स्थापित पेप्सी के जिस बॉटलिंग प्लांट का शुभारंभ हुआ. यह कुल 550 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है. इनमें से पहले चरण में 322 करोड़ रुपए का निवेश का काम पूरा कर उत्पादन शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग लगाने वाली कंपनियों को रेड कार्पेट वेल्कम मिल रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पूरी सरकार राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए तत्पर है. पिछले एक साल में बिहार में निवेश को प्रोत्साहित करने और औद्योगिक इकाईयों की स्थापना को तेज करने के लिए बहुत से कदम उठाए गए हैं. मंत्री ने कहा कि उनके पास अलग-अलग जिलों में 2800 एकड़ का एक बड़ा लैंड पूल है. सिंगल विंडो क्लीयरेंस के माध्यम से बिहार में 7 दिनों में सारे क्लीयरेंसेस देकर औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए निवेशकों को पूरी मदद दी जा रही है.
टेक्सटाइल सेक्टर में संभावना: जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि पिछले साल लाई गई इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति और ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति काफी सफल रही. साल 2022 में लांच के लिए सेक्टर केंद्रित कई नीतियां तैयार हैं, जो जल्द ही लाई जाएंगी. टेक्सटाइल सेक्टर में रोजगार की सबसे अधिक संभावना है और इसके लिए प्रशिक्षित कामगारों की उपलब्धता के साथ अन्य लिहाज से भी ये बिहार के लिए उपयुक्त हैं. इसलिए बहुत जल्द वे टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 लाने वाले हैं. शाहनवाज हुसैन ने कहा कि टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 के अलावा बिहार लॉजिस्टिक्स पॉलिसी 2022, बिहार एक्सपोर्ट पॉलिसी 2022 भी रोलआउट के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कई आकर्षक industry-friendly incentive slabs से लैस ये नीतियां बिहार में तेज रफ्तार और समग्र औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने में मददगार होंगी.
बिहार में निवेश बढ़ाने के हुए प्रयास: बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 (2020 में संशोधित) और कुछ सेक्टर्स के लिए लाई गई विशिष्ट नीतियों के जरिए बिहार में निवेश बढ़ाने के प्रयास हुए हैं और इसमें अच्छी सफलता प्राप्त हुई है. बिहार में स्थापित हो रही या स्थापित होने की प्रक्रिया में आ चुकी सभी औद्योगिक ईकाईयों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है, हर कदम पर उनकी हैंड होल्डिंग कर उऩ्हें प्रोत्साहित करने का प्रयास हो रहा है. उऩ्होंने कहा कि बिहार में निवेश को प्रोत्साहित करने और औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने के मकसद से हाल में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. कई शर्तों और नियमों को आसान बनाकर सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया गया है.
पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा इंवेस्टमेंट हब बनेगा बिहार: मंत्री ने कहा कि इंडस्ट्रियल पार्क, इंटेगरेटेड मैनूफ्कैचरिंग क्लस्टर (गया), मेगा फूड पार्क( मुजफ्फरपुर), इलेक्ट्रिक मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर (बेगूसराय), प्रस्तावित आईटी पार्क(पटना) और जरुरी आधारभूत संरचना का विकास कर राज्य के औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल स्थितियां बनाई जा रही हैं. बिहार में विकसित हो रही सभी औद्योगिक क्षेत्र IPRS 2.0 compliant हैं. नई और पुरानी औद्योगिक ईकाईयों को हर तरह से सहयोग दिया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि बिहार इंवेस्टर्स मीट 2022 कार्यक्रम में फोकस होगा कि पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए बिहार निवेश का सबसे बेहतर डेस्टिनेशन बने. उन्होंने कहा कि बिहार को पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा इंवेस्टमेंट हब बनाना है.
इन्वेस्टर्स मीट में शामिल होंगे कई बड़े उद्योगपति: 12 मई, 2022 को होने वाले Bihar Investors Meet 2022 में उद्घाटन सत्र के साथ-साथ देश के प्रतिष्ठित निवेशकों के साथ Business to Government meeting session भी होगा. उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है कि बिहार उद्योग के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाकर राज्यवासियों का सपना पूरा करे और ये जरुर पूरा होगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में सड़क, बिजली, कानून व्यवस्था, संरचनात्मक ढांचा विकास के क्षेत्र में पिछले 15 सालों में राज्य में जबरदस्त प्रगति हुई है. वो हमारे ब्रैंड एम्बैसेडर हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग के टेकऑफ के लिए रनवे तैयार है और वे पूरी ताकत से जुटे हैं. बिहार में बिजनेस का इकोसिस्टम काफी बेहतर हुआ है. उद्योग जगत में बिहार को लेकर पूर्व में बनी छवि बदली है. अब इसकी नई पहचान बन रही है. इसमें कोई शक नहीं है.
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