पटना: बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से सैकड़ों लोग जहरीली शराब पीकर मौत के मुंह में समा चुके हैं. सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इन सबके बीच आखिरकार नीतीश कुमार ने जहरीली शराब पीकर मरने वालों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया है. मृतक के आश्रितों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का सीएम ने ऐलान किया है. वहीं भाजपा ने सरकार के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है. सुशील मोदी ने इस फैसले को बीजेपी के दबाव में लिया गया फैसला बताया. साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट को तवज्जों दिए जाने को लेकर निशाना साधा है.
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बोले सुशील मोदी- 'बीजेपी के दबाव में लिया गया फैसला': बिहार सरकार के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से हैरानी जताई गई है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि आधिकारिक तौर पर जहरीली शराब से जितने लोगों के मौत की बात कही जा रही है आंकड़ा उससे कई गुना ज्यादा हैं. भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि जहरीली शराब से मौत को लेकर भाजपा लगातार मुआवजे की मांग कर रही थी, आखिरकार नीतीश कुमार को भाजपा के दबाव में फैसला लेना पड़ा.
"पिछले 6 वर्षों में जहरीली शराब पीने से 300 लोगों की मौत हुई है, जबकि सरकार सिर्फ 23 लोगों की मौत की बात स्वीकार कर रही है. मेरी मांग है कि जहरीली शराब से मरने वाले सभी 300 लोगों को सरकार मुआवजा दे. नीतीश कुमार ने कहा था कि जो पिएगा वह मरेगा. मुख्यमंत्री जी को अपने बयान के लिए बिहार की जनता से माफी मांगने चाहिए. जितने भी लोग जहरीली शराब पीकर मौत के मुंह में समा गए हैं सभी के परिजनों को मुआवजे की राशि दी जाए."- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद
300 लोगों को सरकार दे मुआवजा: उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सारण में जहरीली शराब से 77 लोगों की मौत हुई थी. सरकार का आंकड़ा 42 का है. वहीं जहरीली शराब से 8 लोगों की मौत की बात ही कही गई थी. उसमें से भी जिनके पास पोस्टमार्टम रिपोर्ट होगी उन्हीं को मुआवजा मिलेगा. लेकिन सरकार ने तो किसी का पोस्टमार्टम कराया नहीं, पुलिस ने लोगों को भगा दिया. शव जलाने के लिए बाध्य किया गया था. लोगों को अस्पताल तक में भर्ती नहीं किया गया था. कहां से लोग पोस्टमार्टम रिपोर्ट लाएंगे.