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पंजाब से नहीं पहुंच रहे हार्वेस्टर, किसानों की बढ़ी मुश्किलें - लॉकडाउन

बिहार में हर साल पंजाब से बड़े हार्वेस्टर आकर गेहूं की कटाई में किसानों की मदद करते रहे हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण पंजाब से हार्वेस्टर नहीं आ सके हैं. अब सरकार ने 750 अंतर राज्य कर्फ्यू पास किसानों को दिया है. जिससे पंजाब से हार्वेस्टर को बिहार ला सकें. वहीं, सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषि को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया है और पंजाब से हार्वेस्टर बिहार आकर कटनी कर सकते हैं.

पटना
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Published : Apr 9, 2020, 1:11 PM IST

पटना : बिहार में इस साल 22 लाख से अधिक हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है. गेहूं की फसल तैयार है. लेकिन लॉकडाउन के कारण कटनी पर असर पड़ रहा है. किसान परेशान हैं, क्योंकि इस बार पंजाब से हार्वेस्टर नहीं पहुंचे हैं. अब सरकार ने 750 अंतर राज्य कर्फ्यू पास मुहैया कराया है. जिससे किसान पंजाब के हार्वेस्टर को बिहार ला सकें. वहीं, सहकरिता मंत्री राणा रणधीर सिंह का कहना है इस बार गेहूं अधिप्राप्ति का समय मई से जुलाई रखने का फैसला किया गया है और किसानों को नुकसान नहीं होने देंगे. ओलावृष्टि से जो नुकसान हुआ था. सरकार ने 514 रुपये करोड़ से अधिक की राशि अनुदान के रूप में उन्हें दी है.

'किसान का नहीं होने देंगे नुकसान'
बिहार में किसानों का गेहूं पक कर तैयार है. कृषि विभाग का दावा है कि अब तक 30% गेहूं की कटनी हो चुकी है. किसानों ने परंपरागत तरीके से फसल काटना शुरू कर दिया है. लेकिन डर है कि गेहूं की कटाई जल्दी नहीं हुई, तो किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है. पहले ही ओलावृष्टि के कारण किसानों को नुकसान हो चुका है. वहीं, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह का कहना है कि किसानों को जो क्षति हुई थी सरकार ने 514 रुपये करोड़ से अधिक अनुदान के रूप में दिया है और आगे भी किसान का कोई नुकसान नहीं होने देंगे.

patna
राणा रणधीर सिंह, सहकारिता मंत्री

लॉकडाउन से मुक्त रखा गया कृषि को
सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने कहा कि सरकार इस बार भी किसानों से गेहूं खरीदेगी. ऐसे तो पिछले साल अप्रैल से मई तक गेहूं खरीदा गया था, लेकिन इस बार लॉकडाउन को देखते हुए मई से जुलाई तक किसानों से केंद्र सरकार के तय किए हुए रेट 1925 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं खरीदा जायेगा. बिहार में हर साल पंजाब से बड़े हार्वेस्टर आकर गेहूं की कटाई में किसानों की मदद करते रहे हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण पंजाब से हार्वेस्टर नहीं आ सके हैं. अब सरकार ने 750 अंतर राज्य कर्फ्यू पास किसानों को दिया है. जिससे पंजाब से हार्वेस्टर को बिहार ला सकें. वहीं, सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषि को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया है और पंजाब से हार्वेस्टर बिहार आकर कटनी कर सकते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

गेहूं के कटनी में विलंब से किसानों को बड़ा नुकसान
गौरतलब है कि किसानों को पहले ही असमय वर्षा और ओलावृष्टि से फसल की बड़े पैमाने पर बर्बादी हो चुकी है. ऐसे में कृषि विभाग के दावे की ही बात करें तो 70% फसल खेतों में ही है, जो पककर पूरी तरह से तैयार है और किसान परेशान हैं. अब गेहूं की कटनी जल्दी नहीं हुई, तो किसानों का नुकसान काफी बढ़ सकता है. नुकसान कितना होगा इसका आंकड़ा आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा. ऐसे सरकार ने फसल सहायता योजना के तहत किसानों को मदद करने का भरोसा दिलाया है. सबसे बड़ी बात कि अभी तक किसानों से गेहूं खरीदने के लिए registration भी शुरू नहीं हुआ है.

पिछले 5 साल का गेहूं उत्पादन का आंकड़ा- क्षेत्रफल हेक्टेयर और उत्पादन मीट्रिक टन में है.

वर्ष क्षेत्रफलउत्पादन
2014-1521544233570211
2015-1621107504736441
2016-1721058115985841
2017-1821013116104303
2018-192156652 6465905
2019-202280000---

पटना : बिहार में इस साल 22 लाख से अधिक हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है. गेहूं की फसल तैयार है. लेकिन लॉकडाउन के कारण कटनी पर असर पड़ रहा है. किसान परेशान हैं, क्योंकि इस बार पंजाब से हार्वेस्टर नहीं पहुंचे हैं. अब सरकार ने 750 अंतर राज्य कर्फ्यू पास मुहैया कराया है. जिससे किसान पंजाब के हार्वेस्टर को बिहार ला सकें. वहीं, सहकरिता मंत्री राणा रणधीर सिंह का कहना है इस बार गेहूं अधिप्राप्ति का समय मई से जुलाई रखने का फैसला किया गया है और किसानों को नुकसान नहीं होने देंगे. ओलावृष्टि से जो नुकसान हुआ था. सरकार ने 514 रुपये करोड़ से अधिक की राशि अनुदान के रूप में उन्हें दी है.

'किसान का नहीं होने देंगे नुकसान'
बिहार में किसानों का गेहूं पक कर तैयार है. कृषि विभाग का दावा है कि अब तक 30% गेहूं की कटनी हो चुकी है. किसानों ने परंपरागत तरीके से फसल काटना शुरू कर दिया है. लेकिन डर है कि गेहूं की कटाई जल्दी नहीं हुई, तो किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है. पहले ही ओलावृष्टि के कारण किसानों को नुकसान हो चुका है. वहीं, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह का कहना है कि किसानों को जो क्षति हुई थी सरकार ने 514 रुपये करोड़ से अधिक अनुदान के रूप में दिया है और आगे भी किसान का कोई नुकसान नहीं होने देंगे.

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राणा रणधीर सिंह, सहकारिता मंत्री

लॉकडाउन से मुक्त रखा गया कृषि को
सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने कहा कि सरकार इस बार भी किसानों से गेहूं खरीदेगी. ऐसे तो पिछले साल अप्रैल से मई तक गेहूं खरीदा गया था, लेकिन इस बार लॉकडाउन को देखते हुए मई से जुलाई तक किसानों से केंद्र सरकार के तय किए हुए रेट 1925 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं खरीदा जायेगा. बिहार में हर साल पंजाब से बड़े हार्वेस्टर आकर गेहूं की कटाई में किसानों की मदद करते रहे हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण पंजाब से हार्वेस्टर नहीं आ सके हैं. अब सरकार ने 750 अंतर राज्य कर्फ्यू पास किसानों को दिया है. जिससे पंजाब से हार्वेस्टर को बिहार ला सकें. वहीं, सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषि को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया है और पंजाब से हार्वेस्टर बिहार आकर कटनी कर सकते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

गेहूं के कटनी में विलंब से किसानों को बड़ा नुकसान
गौरतलब है कि किसानों को पहले ही असमय वर्षा और ओलावृष्टि से फसल की बड़े पैमाने पर बर्बादी हो चुकी है. ऐसे में कृषि विभाग के दावे की ही बात करें तो 70% फसल खेतों में ही है, जो पककर पूरी तरह से तैयार है और किसान परेशान हैं. अब गेहूं की कटनी जल्दी नहीं हुई, तो किसानों का नुकसान काफी बढ़ सकता है. नुकसान कितना होगा इसका आंकड़ा आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा. ऐसे सरकार ने फसल सहायता योजना के तहत किसानों को मदद करने का भरोसा दिलाया है. सबसे बड़ी बात कि अभी तक किसानों से गेहूं खरीदने के लिए registration भी शुरू नहीं हुआ है.

पिछले 5 साल का गेहूं उत्पादन का आंकड़ा- क्षेत्रफल हेक्टेयर और उत्पादन मीट्रिक टन में है.

वर्ष क्षेत्रफलउत्पादन
2014-1521544233570211
2015-1621107504736441
2016-1721058115985841
2017-1821013116104303
2018-192156652 6465905
2019-202280000---
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