पटना: नीतीश सरकार ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है. राज्य सरकार ने पहली बार खर्च पर रोक लगाने का फरमान जारी किया. वित्त विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने राज्य के सभी आला-अफसरों को चिट्ठी भी जारी कर दिया है. इन अफसरों में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, सभी प्रमंडलों के कमिश्नर, डीएम और ट्रेजरी ऑफिसर शामिल हैं.
विभाग की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि 31 मार्च तक खर्च की जाने वाली राशि ही ट्रेजरी से बाहर निकाली जाए. जिस राशि का उपयोग इस वित्तीय वर्ष में नहीं हो सकेगा, उसे 25 मार्च तक नियमानुसार ट्रेजरी में वापस जमा करा देना होगा.
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जारी पत्र की अहम बातें
जारी चिठ्ठी के मुताबिक वेतन, पेंशन और सहायक अनुदान जैसी महत्वपूर्ण चीजों पर ही रुपये खर्च करने की अनुमति दी गई है. इस राशि को भी 25 मार्च तक कोषागार से प्राप्त कर लेना होगा. इसके बाद कोई राशि जारी नहीं की जाएगी.
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पहली बार खर्च पर लगी रोक
सूत्रों की मानें तो वित्त विभाग की ओर से पहली बार राज्य के सभी विभाग के अध्यक्षों को खर्च करने से रोका गया है. इसका सबसे बड़ा कारण खजाने की स्थिति असामान्य बताई जा रही है. पिछले कई दशकों से फरवरी और मार्च के महीने में अधिकतर विभागों का व्यय औसत से काफी आगे रहता है.
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सरकारी आमदनी में दर्ज हो रही गिरावट
दरअसल, बिहार सरकार की आमदनी में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. इसका सबसे प्रमुख कारण जीएसटी का संग्रहण है. इसके अलावा शराबबंदी के कारण भी पिछले 5 वर्षों में काफी कर संग्रहण में कमी आई है.