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नीतीश सरकार का बड़ा फैसला: 1 करोड़ से अधिक खर्च पर वित्त विभाग ने लगाई रोक

बिहार सरकार की आमदनी में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. इसका सबसे प्रमुख कारण जीएसटी का संग्रहण है. इसके अलावा शराबबंदी के कारण भी पिछले 5 वर्षों में काफी कर संग्रहण में कमी आई है.

वित्त विभाग ने जारी किया पत्र
वित्त विभाग ने जारी किया पत्र
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Published : Feb 6, 2020, 4:18 PM IST

पटना: नीतीश सरकार ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है. राज्य सरकार ने पहली बार खर्च पर रोक लगाने का फरमान जारी किया. वित्त विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने राज्य के सभी आला-अफसरों को चिट्ठी भी जारी कर दिया है. इन अफसरों में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, सभी प्रमंडलों के कमिश्नर, डीएम और ट्रेजरी ऑफिसर शामिल हैं.

विभाग की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि 31 मार्च तक खर्च की जाने वाली राशि ही ट्रेजरी से बाहर निकाली जाए. जिस राशि का उपयोग इस वित्तीय वर्ष में नहीं हो सकेगा, उसे 25 मार्च तक नियमानुसार ट्रेजरी में वापस जमा करा देना होगा.

patna
वित्त मंत्री सुशील मोदी की बैठक (फाइल फोटो)

जारी पत्र की अहम बातें
जारी चिठ्ठी के मुताबिक वेतन, पेंशन और सहायक अनुदान जैसी महत्वपूर्ण चीजों पर ही रुपये खर्च करने की अनुमति दी गई है. इस राशि को भी 25 मार्च तक कोषागार से प्राप्त कर लेना होगा. इसके बाद कोई राशि जारी नहीं की जाएगी.

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डॉ. एस सिद्धार्थ, वित्त विभाग के प्रधान सचिव

पहली बार खर्च पर लगी रोक
सूत्रों की मानें तो वित्त विभाग की ओर से पहली बार राज्य के सभी विभाग के अध्यक्षों को खर्च करने से रोका गया है. इसका सबसे बड़ा कारण खजाने की स्थिति असामान्य बताई जा रही है. पिछले कई दशकों से फरवरी और मार्च के महीने में अधिकतर विभागों का व्यय औसत से काफी आगे रहता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: पटना लाया गया शहीद जवान का पार्थिव शरीर, एयरपोर्ट पर दी गई श्रद्धांजलि

सरकारी आमदनी में दर्ज हो रही गिरावट
दरअसल, बिहार सरकार की आमदनी में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. इसका सबसे प्रमुख कारण जीएसटी का संग्रहण है. इसके अलावा शराबबंदी के कारण भी पिछले 5 वर्षों में काफी कर संग्रहण में कमी आई है.

पटना: नीतीश सरकार ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है. राज्य सरकार ने पहली बार खर्च पर रोक लगाने का फरमान जारी किया. वित्त विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने राज्य के सभी आला-अफसरों को चिट्ठी भी जारी कर दिया है. इन अफसरों में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, सभी प्रमंडलों के कमिश्नर, डीएम और ट्रेजरी ऑफिसर शामिल हैं.

विभाग की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि 31 मार्च तक खर्च की जाने वाली राशि ही ट्रेजरी से बाहर निकाली जाए. जिस राशि का उपयोग इस वित्तीय वर्ष में नहीं हो सकेगा, उसे 25 मार्च तक नियमानुसार ट्रेजरी में वापस जमा करा देना होगा.

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वित्त मंत्री सुशील मोदी की बैठक (फाइल फोटो)

जारी पत्र की अहम बातें
जारी चिठ्ठी के मुताबिक वेतन, पेंशन और सहायक अनुदान जैसी महत्वपूर्ण चीजों पर ही रुपये खर्च करने की अनुमति दी गई है. इस राशि को भी 25 मार्च तक कोषागार से प्राप्त कर लेना होगा. इसके बाद कोई राशि जारी नहीं की जाएगी.

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डॉ. एस सिद्धार्थ, वित्त विभाग के प्रधान सचिव

पहली बार खर्च पर लगी रोक
सूत्रों की मानें तो वित्त विभाग की ओर से पहली बार राज्य के सभी विभाग के अध्यक्षों को खर्च करने से रोका गया है. इसका सबसे बड़ा कारण खजाने की स्थिति असामान्य बताई जा रही है. पिछले कई दशकों से फरवरी और मार्च के महीने में अधिकतर विभागों का व्यय औसत से काफी आगे रहता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

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सरकारी आमदनी में दर्ज हो रही गिरावट
दरअसल, बिहार सरकार की आमदनी में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. इसका सबसे प्रमुख कारण जीएसटी का संग्रहण है. इसके अलावा शराबबंदी के कारण भी पिछले 5 वर्षों में काफी कर संग्रहण में कमी आई है.

Intro:नोट : एक्सक्लूसिव खबर

सब हेड ...
सरकारी खजाने पर वित्त विभाग ने लगाई रोक। एक करोड़ से अधिक खर्च पर लगी रोक। राज्य के सभी आला अफसरों को जारी हुआ फरमान।

नीतीश सरकार में पहली बार खर्च पर रोक लगा दिया गया है। इस बाबत वित्त विभाग के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ में राज्य सभी आला अफसरों को चिट्ठी भी जारी कर दी है। इन अफसरों में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, सभी प्रमंडलों के कमिश्नर, डीएम और ट्रेजरी ऑफिसर हैं।


Body:चिट्ठी में लिखा गया है कि 31 मार्च तक होने वाली राशि ही ट्रेजरी से बाहर निकाला जाए। किस राशि का उपयोग इस वित्त वर्ष में नहीं हो सकेगा उसे 25 मार्च तक नियमानुसार ट्रेजरी में वापस जमा करा देना होगा। इस तरह की चिट्ठी नीतीश सरकार में पहली बार वित्त विभाग द्वारा लिखा गया है।
जारी चिठ्ठी में वेतन, पेंशन और सहायक अनुदान जैसे महत्वपूर्ण चीजों पर ही रुपए खर्च करने की अनुमति दी गई है। इस राशि को भी 25 मार्च तक कोषागार से प्राप्त कर लेना होगा।
इसके बाद इस मद में भी राशि नहीं जारी की जाएगी।
सूत्रों की माने तो वित्त विभाग द्वारा पहली बार राज्य के सभी विभाग के अध्यक्षों को खर्च करने से रोका गया है। इसका सबसे बड़ा कारण खजाने की स्थिति असामान्य बताई जा रही है। पिछले कई दशकों से फरवरी और मार्च के महीने में अधिकतर विभागों का व्यय औसत से काफी आगे रहता है। खासतौर से भूटान फरवरी और मार्च के महीने में ही होता रहा है। लेकिन वित्त विभाग के द्वारा जारी सूची से विभागों को परेशानी होने लाजमी है।


Conclusion:दरअसल बिहार सरकार की आमदनी में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। इसका सबसे प्रमुख कारण जीएसटी का संग्रहण है। इसके अलावा शराबबंदी के कारण भी पिछले 5 वर्षों में काफी कर संग्रहण में कमी आई है।
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