पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र का समापन (End of budget session of Bihar Vidhansabha) आज यानी 5 अप्रैल को बिहार गीत से हुआ है और पहली बार इस परंपरा की शुरुआत हुई है. विजय सिन्हा जब विधानसभा अध्यक्ष थे, तो उन्होंने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम से समापन की शुरुआत की थी, लेकिन अब वंदे मातरम से दूरी बनाई जा रही है. इस मामले पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम तो राष्ट्रीय गीत है, हम लोग भी गाते हैं. वंदे मातरम गाने में कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन जब बिहार गीत गाया गया तो एक ही चीज ना हो सकता है.
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बिहार गीत पर सियासत: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि वंदे मातरम देश का है, बिहार गीत बिहार का. बिहार गीत का भी अपना महत्व है. एक साथ तो एक ही गीत ना हो सकता है. उन्होंने नालंदा और सासाराम में हुई हिंसा की घटना पर कहा की पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और जांच के बाद ही पता चलेगा कौन दोषी है. जांच के बाद जो भी दोषी हो उन पर कार्रवाई हो, लेकिन बिना उकसावे के घटना हो नहीं सकती है.
हिंसा की घटना पर मांझी की प्रतिक्रिया: मांझी ने कहा नीतीश कुमार 17-18 साल से हैं. पहले तो इस तरह की घटना नहीं हुई, हो सकता है साजिश हो. नीतीश कुमार बेदाग निकल रहे हैं तो उन्हें भी दागदार बनाया जाए. जांच के बाद ही कौन लोग हैं पता चलेगा. उससे पहले नहीं कहा जा सकता है कि कौन लोग हैं. लेकिन एक अंदेशा है कि 2024 और 2025 की बात आने लगी, तो दंगा की बात भी होने लगी. पहले तो नहीं होती थी.
"नीतीश कुमार 17-18 साल से मुख्यमंत्री हैं. पहले तो इस तरह की घटना नहीं हुई, हो सकता है साजिश हो. नीतीश कुमार बेदाग निकल रहे हैं तो उन्हें भी दागदार बनाया जाए. जांच के बाद ही पता चलेगा कि कौन लोग हैं. जांच करने से पहले नहीं कहा जा सकता है कि कौन लोग हैं. लेकिन एक अंदेशा है कि 2024 और 2025 की बात आने लगी, तो दंगा की बात भी होने लगी. पहले तो नहीं होती थी."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार