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Bihar Caste Survey Report: 45.54% मुसहर समाज को अमीर बताने पर भड़के मांझी, चाचा-भतीजा पर खजाना लूटने का लगाया आरोप

बिहार पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पर सवाल उठाया है. मुसहर समाज को 45.54% अमिर बताने पर भड़क गए. कहा कि 100 परिवार की सूची दें कि कितने मुसहर अमीर हैं.

बिहार पूर्व सीएम जीतन राम मांझी
बिहार पूर्व सीएम जीतन राम मांझी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 7, 2023, 2:48 PM IST

  • वाह रे जातिगत जनगणना।
    सूबे के 45.54% मुसहर अमीर हैं,
    46.45% भुईयां अमीर हैं?
    साहब सूबे के किसी एक प्रखंड में 100 मुसहर या भूईयां परिवारों की सूची दे दिजिए जो अमीर हैं?
    आप चाचा भतीजा को जब जनगणना करना था तो फिर कागजी लिफाफेबाजी क्यों?
    सूबे में “जनगणना”के बहाने खजाने की लूट हुई है।

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) November 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पटनाः बिहार में जातीय सर्वे की आर्थिक रिपोर्ट जारी होने के बाद सियासत शुरू हो गई है. बिहार पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाया है. मांझी ने आरोप लगाया है कि चाचा भतीजा ने जातीय सर्वे के नाम पर खजाने की लूट की है. इस दौरान अनुसूचित जाति के आर्थिक आंकड़ा पर सवाल उठाया.

100 मुसहर और भूईया परिवार की सूची मांगीः जीतन राम मांझी अपने X पोस्ट (ट्विटर) के माध्यम से लिखते हैं कि 'वाह रे जातिगत जनगणना, सूबे के 45.54% मुसहर अमीर हैं?, 46.45% भुईयां अमीर हैं? इस दौरान मांझी ने सरकार से मांग की है कि सूबे के 100 मुसहर और भूईया परिवार की सूची दें कि कितने अमीर हैं. मांझी ने चाचा भतीजा पर सर्वे के बदले कागजी लिफाफेबाजी करने का आरोप लगाया है.

गरीब का मजाक बनायाः मांझी ने रिपोर्ट के आधार पर कहा कि 'बिहार सरकार मानती है कि जिस परिवार की आय प्रति दिन 200₹ है, वह परिवार गरीब नहीं है. इससे बड़ा मजाक गरीबी का नहीं हो सकता. उदाहरण देते हुए कहा कि एक परिवार में 5 सदस्य हैं तो सरकार के हिसाब से परिवार का एक सदस्य को 40₹ में दिनभर गुजारना होता है. क्या कोई 40₹ में दिन भर गुजारा कर सकता है?'

  • बिहार सरकार मानती है”जिस परिवार की आय प्रति दिन 200₹ है वह परिवार गरीब नहीं है”
    गरीबी का इससे बडा मजाक नहीं हो सकता।
    माना कि एक परिवार में 5 सदस्य हैं तो सरकार के हिसाब से परिवार का एक सदस्य को 40₹ में दिन गुजारना है।
    चाचा-भतीजा जी 40₹ में कोई व्यक्ति दिन भर गुजारा कर सकता है?

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) November 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अनुसूचित जाति के 42.93 प्रतिशत परिवार गरीबः जीतन राम मांझी भी मुसहर समाज (अनुसूचित जाति) से आते हैं. जारी सर्वे रिपोर्ट में बिहार में अनुसूचित जाति का आंकड़ा 54,72,024 है, जिसमें 23,49,111 लोग गरीब परिवार से हैंय यानि अनुसूचित जाति के 42.93 प्रतिशत परिवार गरीब हैं.

अनुसूचित जाति की आयः अनुसूचित जाति के आय की बात करें तो 42 प्रतिशत आबादी मात्र 6000 रुपए मासिक पर अपना गुजारा करते हैं. 29 प्रतिशत 6 से 10 हजार, 15 प्रतिशत 10 से 20 हजार, 5 प्रतिशत 20 से 50 हजार और मात्र एक प्रतिशत आबादी 50 हजार या इससे ज्यादा महीने का कमाता है.

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  • वाह रे जातिगत जनगणना।
    सूबे के 45.54% मुसहर अमीर हैं,
    46.45% भुईयां अमीर हैं?
    साहब सूबे के किसी एक प्रखंड में 100 मुसहर या भूईयां परिवारों की सूची दे दिजिए जो अमीर हैं?
    आप चाचा भतीजा को जब जनगणना करना था तो फिर कागजी लिफाफेबाजी क्यों?
    सूबे में “जनगणना”के बहाने खजाने की लूट हुई है।

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) November 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पटनाः बिहार में जातीय सर्वे की आर्थिक रिपोर्ट जारी होने के बाद सियासत शुरू हो गई है. बिहार पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाया है. मांझी ने आरोप लगाया है कि चाचा भतीजा ने जातीय सर्वे के नाम पर खजाने की लूट की है. इस दौरान अनुसूचित जाति के आर्थिक आंकड़ा पर सवाल उठाया.

100 मुसहर और भूईया परिवार की सूची मांगीः जीतन राम मांझी अपने X पोस्ट (ट्विटर) के माध्यम से लिखते हैं कि 'वाह रे जातिगत जनगणना, सूबे के 45.54% मुसहर अमीर हैं?, 46.45% भुईयां अमीर हैं? इस दौरान मांझी ने सरकार से मांग की है कि सूबे के 100 मुसहर और भूईया परिवार की सूची दें कि कितने अमीर हैं. मांझी ने चाचा भतीजा पर सर्वे के बदले कागजी लिफाफेबाजी करने का आरोप लगाया है.

गरीब का मजाक बनायाः मांझी ने रिपोर्ट के आधार पर कहा कि 'बिहार सरकार मानती है कि जिस परिवार की आय प्रति दिन 200₹ है, वह परिवार गरीब नहीं है. इससे बड़ा मजाक गरीबी का नहीं हो सकता. उदाहरण देते हुए कहा कि एक परिवार में 5 सदस्य हैं तो सरकार के हिसाब से परिवार का एक सदस्य को 40₹ में दिनभर गुजारना होता है. क्या कोई 40₹ में दिन भर गुजारा कर सकता है?'

  • बिहार सरकार मानती है”जिस परिवार की आय प्रति दिन 200₹ है वह परिवार गरीब नहीं है”
    गरीबी का इससे बडा मजाक नहीं हो सकता।
    माना कि एक परिवार में 5 सदस्य हैं तो सरकार के हिसाब से परिवार का एक सदस्य को 40₹ में दिन गुजारना है।
    चाचा-भतीजा जी 40₹ में कोई व्यक्ति दिन भर गुजारा कर सकता है?

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) November 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अनुसूचित जाति के 42.93 प्रतिशत परिवार गरीबः जीतन राम मांझी भी मुसहर समाज (अनुसूचित जाति) से आते हैं. जारी सर्वे रिपोर्ट में बिहार में अनुसूचित जाति का आंकड़ा 54,72,024 है, जिसमें 23,49,111 लोग गरीब परिवार से हैंय यानि अनुसूचित जाति के 42.93 प्रतिशत परिवार गरीब हैं.

अनुसूचित जाति की आयः अनुसूचित जाति के आय की बात करें तो 42 प्रतिशत आबादी मात्र 6000 रुपए मासिक पर अपना गुजारा करते हैं. 29 प्रतिशत 6 से 10 हजार, 15 प्रतिशत 10 से 20 हजार, 5 प्रतिशत 20 से 50 हजार और मात्र एक प्रतिशत आबादी 50 हजार या इससे ज्यादा महीने का कमाता है.

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