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बोले सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह- 'जातीय जनगणना नहीं, आर्थिक जनगणना है जरूरी' - Cooperation Minister Subhash Singh

बिहार के सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह (Cooperative Minister Subash Singh) ने सहयोग कार्यक्रम में खुलकर जातीय जनगणना का विरोध किया. उन्होंने कहा कि 'जाति के आधार पर नहीं, बल्कि आर्थिक आधार पर जनगणना (Economic Census) होना चाहिए.'

पटना
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Published : Aug 26, 2021, 4:11 PM IST

पटना: जातीय जनगणना (Caste Census) के मुद्दे पर अब बिहार में एनडीए (NDA) गठबंधन में ही बयानबाजी तेज हो गई है. बीजेपी (BJP) कोटे के मंत्री अब सीधे सीधे जातीय जनगणना की बात को नकारते नजर आ रहे हैं. बीजेपी कार्यालय में लगे सहयोग कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह (Cooperative Minister Subash Singh) मौजूद थे और वो खुलकर जातीय जनगणना का विरोध करते नजर आए.

ये भी पढ़ें- लालू यादव ने फिर दोहराया- जातीय जनगणना होने से नीतियां और बजट बनाने में मिलेगी मदद

मंत्री सुबाष सिंह ने कहा कि जातीय जनगणना जरूरी नहीं है. जनगणना आर्थिक आधार पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा नारा है 'सबका साथ, सबका विश्वास' हम लगातार यही सोचकर जनहित के कार्य को कर रहे हैं. कहीं भी कोई भेदभाव नहीं करते हैं.

देखें रिपोर्ट.

''जातीय आधार बनाकर कभी भी किसी तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचाया जा सकता है, जो लोग ऐसा कह रहे हैं उनसे आप ही सवाल कीजिये कि क्या राशन कार्ड भी जाति देखकर बनाया जाएगा.''- सुबाष सिंह, सहकारिता मंत्री

ये भी पढ़ें- PM से मिलकर लौटे मांझी, कहा- जातीय जनगणना पर BJP ने भी मिलाया हां में हां

सुबाष सिंह ने कहा कि आरक्षण का लाभ दबे कुचले को कितना मिल रहा है, वो सब जान रहे हैं. लोकसभा सीट पर आरक्षण हो या विधानसभा सीट पर आरक्षण हो, कितने दबे कुचले लोगों को पार्टियां उम्मीदवार बनाती हैं, ये सब देखते है और इसका जवाब भी वैसे लोगों से पूछिए जो जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं

हमारा विचार है कि आर्थिक आधार को लेकर जनगणना होना चाहिए, ना कि जाति के आधार को बनाकर. जब उनसे पूछा गया कि क्या आप मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर बात करेंगे तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि मुख्यमंत्री बड़े आदमी है. वो क्या सोचते हैं, हम नहीं कह सकते हैं. लेकिन, हमारा विचार साफ है कि आर्थिक आधार पर जातीय जनगणना ही देश की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- जातीय जनगणना के जरिये OBC वोट बैंक को साधने की कवायद!

बता दें कि जातीय जनगणना की मांग देश में जोर शोर से उठ रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से इस मुद्दे पर मुलाकात भी की. इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित दस दलों के 11 नेता थे. इन लोगों का कहना है कि जातीय जनगणना से सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचेगा, उनका विकास होगा. कमजोर वर्ग की जातियों की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी.

वहीं, बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं दिख रही है. हालांकि पीएम से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में पार्टी नेता जनक राम भी शामिल थे. बीजेपी का कहना है कि जातीय जनगणना से समाज में तनाव होगा. केंद्र सरकार हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. वैसे जातीय जनगणना कराने का निर्णय केंद्र सरकार को लेना है.

पटना: जातीय जनगणना (Caste Census) के मुद्दे पर अब बिहार में एनडीए (NDA) गठबंधन में ही बयानबाजी तेज हो गई है. बीजेपी (BJP) कोटे के मंत्री अब सीधे सीधे जातीय जनगणना की बात को नकारते नजर आ रहे हैं. बीजेपी कार्यालय में लगे सहयोग कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह (Cooperative Minister Subash Singh) मौजूद थे और वो खुलकर जातीय जनगणना का विरोध करते नजर आए.

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मंत्री सुबाष सिंह ने कहा कि जातीय जनगणना जरूरी नहीं है. जनगणना आर्थिक आधार पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा नारा है 'सबका साथ, सबका विश्वास' हम लगातार यही सोचकर जनहित के कार्य को कर रहे हैं. कहीं भी कोई भेदभाव नहीं करते हैं.

देखें रिपोर्ट.

''जातीय आधार बनाकर कभी भी किसी तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचाया जा सकता है, जो लोग ऐसा कह रहे हैं उनसे आप ही सवाल कीजिये कि क्या राशन कार्ड भी जाति देखकर बनाया जाएगा.''- सुबाष सिंह, सहकारिता मंत्री

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सुबाष सिंह ने कहा कि आरक्षण का लाभ दबे कुचले को कितना मिल रहा है, वो सब जान रहे हैं. लोकसभा सीट पर आरक्षण हो या विधानसभा सीट पर आरक्षण हो, कितने दबे कुचले लोगों को पार्टियां उम्मीदवार बनाती हैं, ये सब देखते है और इसका जवाब भी वैसे लोगों से पूछिए जो जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं

हमारा विचार है कि आर्थिक आधार को लेकर जनगणना होना चाहिए, ना कि जाति के आधार को बनाकर. जब उनसे पूछा गया कि क्या आप मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर बात करेंगे तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि मुख्यमंत्री बड़े आदमी है. वो क्या सोचते हैं, हम नहीं कह सकते हैं. लेकिन, हमारा विचार साफ है कि आर्थिक आधार पर जातीय जनगणना ही देश की जरूरत है.

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बता दें कि जातीय जनगणना की मांग देश में जोर शोर से उठ रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से इस मुद्दे पर मुलाकात भी की. इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित दस दलों के 11 नेता थे. इन लोगों का कहना है कि जातीय जनगणना से सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचेगा, उनका विकास होगा. कमजोर वर्ग की जातियों की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी.

वहीं, बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं दिख रही है. हालांकि पीएम से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में पार्टी नेता जनक राम भी शामिल थे. बीजेपी का कहना है कि जातीय जनगणना से समाज में तनाव होगा. केंद्र सरकार हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. वैसे जातीय जनगणना कराने का निर्णय केंद्र सरकार को लेना है.

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