पटना: बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रश्नपत्र लीक (Question Paper Leak In Bihar) मामले के साथ ही कई मुद्दों पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के ऊपर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में कहीं पेपर लीक होता है तो उसका तार नालंदा से जुड़ा होता है. कहीं भी प्रश्न पत्र लीक होता है तो नालंदा का व्यक्ति पकड़ा जाता है. उत्तर प्रदेश में भी पेपर लीक हुआ तो नालंदा का व्यक्ति पकड़ा गया. जिसके बाद योगी सरकार ने घोषणा की है कि जिसने पेपर लीक किया उस पर रासुका लगाया जाय.
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'सीएम नीतीश कुमार पर्यटन छोड़ छात्रों की भविष्य की चिंता करें. प्रश्नपत्र लीक को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. सिर्फ अल्लाह के नाम पर कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाता है. नीतीश कुमार के संरक्षण में प्रश्नपत्र लीक का धंधा फल-फूल रहा है.' - संजय जायसवाल, बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इसके साथ सीएम नीतीश कुमार की समाधान यात्रा (Nitish Samadhaan Yatra) पर भी तंज कसा. गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार की समाधान यात्रा पर सियासत जारी है. बीजेपी ने समाधान यात्रा को व्यवधान यात्रा करार दिया है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि सीएम नीतीश कुमार अपने यात्रा के दौरान खाद की कालाबाजारी का समाधान तक नहीं कर पा रहे हैं. प्रश्नपत्र लीक से लगातार बिहार की फजीहत हो रही है और सरकार के संरक्षण के चलते नालंदा इसका केंद्र बना हुआ है.
समाधान यात्रा पर सियासत जारी : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने नीतीश कुमार पर चौतरफा हमला बोला है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने समाधान यात्रा पर चुटकी लेते हुए कहा कि सीएम पिछले कुछ दिन से समाधान यात्रा पर हैं. लेकिन यह व्यवधान यात्रा है. सीएम और उप मुख्यमंत्री घूम कर बिहार में समस्या बढ़ा रहे हैं. केंद्र सरकार बिहार को पर्याप्त यूरिया खाद मुहैया करा रही है. लेकिन किसानों तक खाद नहीं पहुंच रहा है. कम से कम मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री खाद जरूरतमंदों तक पहुंचा दें. आज भी 13 लाख 80 हजार बोरा यूरिया खाद उपलब्ध है. खाद की कोई कमी नहीं है, लेकिन किसानों को खाद नही मिल रही है.
प्रश्नपत्र लीक मामले पर मचा है घमासान : गौरतलब है कि बिहार में प्रश्नपत्र लीक का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. बिहार कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) ने 23 दिसंबर 2022 को आयोजित की गई पहली पाली की परीक्षा रद्द कर दिया था. एग्जाम के दौरान ही इसके प्रश्न पत्र लीक होकर वायरल हो गए थे. सबसे पहले छात्र नेता दिलीप कुमार ने इसके वायरल पेपर को आर्थिक अपराध ईकाई को भेजा था. पूछताछ के बाद बीएसएसएसी ने पहली शिफ्ट की परीक्षा को रद्द कर दिया था.