पटना: बिहार विधानसभा और विधान परिषद में शीतकालीन सत्र के दौरान 6 विधेयक पास कराए गए थे. इसमें से राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के हस्ताक्षर के बाद चार का गजट सरकार ने प्रकाशित कर दिया है. यह चारों बिल हैं- पंचायती राज संशोधन बिल, बिहार माल और सेवा कर संशोधन बिल, बिहार विनियोग बिल और बिहार सचिवालय सेवा संशोधन बिल.
आरक्षण संशोधन बिलः दो बिल आरक्षण संशोधन से संबंधित था. 9 नवंबर को विधानसभा में पास हुआ था. लेकिन अभी तक इसके गजट का प्रकाशन नहीं हुआ है. आरक्षण संशोधन बिल को लेकर ना तो सरकार की तरफ से और ना ही राजभवन की ओर से कोई जानकारी दी जा रही है. हालांकि, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल ने इस पर भी हस्ताक्षर कर दिया है.
राज्यपाल बाहर गये थेः जातीय गणना की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर बिहार सरकार की और आरक्षण संशोधन बिल लाया गया था. बिल में आरक्षण सीमा 50% से बढ़कर 65% कर दी गयी है. दोनों सदनों से पास करने के बाद अन्य बिल के साथ आरक्षण संशोधन बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया है. राज्यपाल पिछले कुछ दिनों से बिहार से बाहर थे. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पटना लौटते ही उन्होंने बिल पर हस्ताक्षर कर दिया है.
मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षर करने की जतायी थी उम्मीदः विधि विभाग की ओर से आरक्षण संशोधन बिल छोड़कर सभी का गजट प्रकाशन कर दिया गया है. आरक्षण संशोधन बिल के बारे में जो जानकारी मिल रही है उसका भी गजट प्रकाशन कर दिया जाएगा. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार 16 नवंबर को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना कार्यक्रम में आरक्षण संशोधन बिल को लेकर जिक्र किया था. राज्यपाल के बाहर होने की बात कही थी और यह भी उम्मीद जताई थी कि राज्यपाल के पटना पहुंचते हैं उस पर हस्ताक्षर हो जाएगा.
बिहार में आरक्षण की नई व्यवस्थाः बिहार सरकार के अधिकारियों के अनुसार आरक्षण बिल संशोधन का गजट प्रकाशन होते ही 65% आरक्षण लागू हो जाएगा. इस तरह बिहार में कुल 75% आरक्षण की व्यवस्था हो जाएगी. ईबीसी 18% बढ़कर 25%, बीसी का 12% से 18%, एससी का 16% से 20%, एसटी का 1% बढ़कर 2% हो जाएगा. ईडब्ल्यूएस का 10% आरक्षण पहले की तरह रहेगा. इस तरह कुल 75% आरक्षण बिहार में लागू हो जाएगा.
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