पटना: विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर विपक्ष के आत्मविश्वास को देखकर ऐसा लग रहा था कि इस बार बिहार विधानसभा में इतिहास बनेगा और 51 साल बाद स्पीकर के लिए हो रही वोटिंग के बाद अध्यक्ष विपक्ष का होगा. लेकिन ऐसा हो नहीं सका और विपक्ष की उम्मीदों पर पानी फिर गया.
आरजेडी के उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी को विजय सिन्हा से 12 वोट कम मिले. जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव विजय सिन्हा को स्पीकर की चेयर तक लेकर गए.
वोटिंग से पहले विधानसभा के सेंट्रल हॉल में विपक्ष ने मुख्यमंत्री और दो अन्य मंत्रियों की उपस्थिति को लेकर खूब हंगामा किया. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अशोक चौधरी के साथ मुकेश सहनी विधानसभा के सदस्य नहीं हैं तो वह वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद कैसे रह सकते हैं. जब तक मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के दो सहयोगी सदन से बाहर नहीं गए तब तक विपक्ष ने वोटिंग नहीं होने दी.
वोटिंग के बाद बाहर निकले कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी ने कहा कि सरकार ने वोटिंग में गड़बड़ी की है. गुप्त मतदान कराने की मांग को अस्वीकार करके सरकार ने अपनी मंशा जाहिर कर दी. वहीं, एनडीए नेताओं ने विपक्ष पर बड़ा हमला बोला और कहा कि स्थापित परंपरा को तोड़कर विपक्ष ने एक गलत परंपरा की शुरुआत की है.