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PMCH में बड़ी लापरवाही: ठेले पर ढोई जा रही लाश.. वार्ड में फेरी वाले बेच रहे लाई-चना

पीएमसीएच में ठेला पर शव ले जाने की तस्वीर (Dead Body on Handcart In PMCH) सामने आई है. सोमवार को इमरजेंसी विभाग के सामने एक शव को ठेला पर लादकर ले जाया गया. जबकि पास में ही लगे शव वाहन से सामान की ढुलाई हो रही थी. पढ़ें पूरी खबर.

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PMCH में बड़ी लापरवाही
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Published : Mar 29, 2022, 5:46 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 8:25 PM IST

पटना: बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच (Bihar Largest Government Hospital PMCH) में इन दिनों कुव्यवस्थाएं बढ़ गई हैं. अस्पताल में शव ले जाने के लिए दर्जनों वाहन होने के बावजूद ठेले से शव को ढोया जाता है. वहीं शव ढोने वाले एंबुलेंस से सामान की ढुलाई हो रही है. सोमवार को पीएमसीएच के इमरेजेंसी विभाग के सामने ऐसा ही नजारा देखने को मिला. जहां एक शव को ठेला पर लादकर ले जाया जा रहा था. वहीं शव वाहन पर कर्मी कार्टन लाद रहे थे.

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शव को कवर कर ले जाने का है नियम: नियम के अनुसार डेड बॉडी को पूरी तरह कवर करके अस्पताल में एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाना है. इसका उद्देश्य होता है कि अस्पताल परिसर में आने वाले मरीज शव देखकर मानसिक रूप से विचलित ना हो जाए. लेकिन बीमार लोगों का पीएमसीएच में ख्याल नहीं रखा जा रहा और खुले में मरीज की मौत के बाद डेड बॉडी को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से पोस्टमार्टम कक्ष तक ले जाने के लिए ठेला का इस्तेमाल किया जा रहा है. इमरजेंसी से पोस्टमार्टम कक्ष की दूरी लगभग 100 मीटर का है. इस बीच रास्ते में महिला एवं प्रसूति विभाग, शिशु रोग विभाग, माइक्रोबायोलॉजी और मेडिसिन विभाग जैसे कई बड़े विभाग हैं.

शव वाहन से हो रही सामान की ढुलाई: पीएमसीएच में NISHKA की ओर से अस्पताल परिसर में दर्जनभर शव वाहन की व्यवस्था की गई है. लेकिन यह वाहन शव ढोने के लिए प्रयोग में कम ही लाया जाता है और अधिकांश रूप से यह वाहन अस्पताल में सामान ढोने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं. ईटीवी के कैमरे में कैद तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार शव शव ढोने वाले वाहन से अस्पताल के कर्मचारी कॉर्टन ढो रहे हैं. इसके अलावा अस्पताल परिसर में शव वाहन यूं ही बंद पड़े हुए हैं. मेंटेनेंस के अभाव में कई शव वाहन खराब हो रहे हैं.

अस्पताल के वार्ड में भूजा बेच रहे फेरीवाले: पीएमसीएच के हथुआा वार्ड की बात करें, जहां इमरजेंसी में ट्रीटमेंट के बाद मरीज को एडमिट किया जाता है. वहां की स्थिति और हैरान करने वाली है. कैमरे में जो तस्वीरें कैद हैं वह यह साफ बता रही है कि अस्पताल प्रबंधन मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर कितना लापरवाह है. हथुआ वार्ड में जहां ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीज एडमिट है, उनमें फेरीवाले घूम-घूम कर भूजा और फरही बेच रहे हैं. वहीं पास में मौजूद जूनियर डॉक्टर गर्दन पर आला लटका कर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं.

अस्पताल प्रबंधन पर उठ रहे सवाल: वार्ड में ही भूजा वाले भूजा बना रहे हैं. मरीज और उनके परिजनों की डिमांड पर भूजा बनाकर उन्हें खिला रहे हैं और पैसे ले रहे हैं. वहां मौजूद चिकित्सक इन सब बातों से अनजान बन कर अपना काम कर रहे हैं. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठ रहा है कि भूजा वाले, चाय वाले और अन्य सामान बेचने वाले अस्पताल के वार्ड में कैसे घूम-घूम कर सामान बेच रहे हैं. इससे वार्ड में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है और सफाई की व्यवस्था भी खराब होती है.

कुछ भी बताने से बच रहे अधिकारी: पीएमसीएच की हैरान करने वाली तस्वीरों पर अस्पताल का कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से पूरी तरह बचते नजर आ रहे हैं. कोई भी अधिकारी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन के वरीय अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं कि कहीं उनकी कोई मिलीभगत तो नहीं है?

ये भी पढ़ें-PMCH की बड़ी लापरवाही: नस जोड़े बिना चढ़ाया प्लास्टर, जहर फैलने पर युवक का काटा पैर

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पटना: बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच (Bihar Largest Government Hospital PMCH) में इन दिनों कुव्यवस्थाएं बढ़ गई हैं. अस्पताल में शव ले जाने के लिए दर्जनों वाहन होने के बावजूद ठेले से शव को ढोया जाता है. वहीं शव ढोने वाले एंबुलेंस से सामान की ढुलाई हो रही है. सोमवार को पीएमसीएच के इमरेजेंसी विभाग के सामने ऐसा ही नजारा देखने को मिला. जहां एक शव को ठेला पर लादकर ले जाया जा रहा था. वहीं शव वाहन पर कर्मी कार्टन लाद रहे थे.

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शव को कवर कर ले जाने का है नियम: नियम के अनुसार डेड बॉडी को पूरी तरह कवर करके अस्पताल में एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाना है. इसका उद्देश्य होता है कि अस्पताल परिसर में आने वाले मरीज शव देखकर मानसिक रूप से विचलित ना हो जाए. लेकिन बीमार लोगों का पीएमसीएच में ख्याल नहीं रखा जा रहा और खुले में मरीज की मौत के बाद डेड बॉडी को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से पोस्टमार्टम कक्ष तक ले जाने के लिए ठेला का इस्तेमाल किया जा रहा है. इमरजेंसी से पोस्टमार्टम कक्ष की दूरी लगभग 100 मीटर का है. इस बीच रास्ते में महिला एवं प्रसूति विभाग, शिशु रोग विभाग, माइक्रोबायोलॉजी और मेडिसिन विभाग जैसे कई बड़े विभाग हैं.

शव वाहन से हो रही सामान की ढुलाई: पीएमसीएच में NISHKA की ओर से अस्पताल परिसर में दर्जनभर शव वाहन की व्यवस्था की गई है. लेकिन यह वाहन शव ढोने के लिए प्रयोग में कम ही लाया जाता है और अधिकांश रूप से यह वाहन अस्पताल में सामान ढोने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं. ईटीवी के कैमरे में कैद तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार शव शव ढोने वाले वाहन से अस्पताल के कर्मचारी कॉर्टन ढो रहे हैं. इसके अलावा अस्पताल परिसर में शव वाहन यूं ही बंद पड़े हुए हैं. मेंटेनेंस के अभाव में कई शव वाहन खराब हो रहे हैं.

अस्पताल के वार्ड में भूजा बेच रहे फेरीवाले: पीएमसीएच के हथुआा वार्ड की बात करें, जहां इमरजेंसी में ट्रीटमेंट के बाद मरीज को एडमिट किया जाता है. वहां की स्थिति और हैरान करने वाली है. कैमरे में जो तस्वीरें कैद हैं वह यह साफ बता रही है कि अस्पताल प्रबंधन मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर कितना लापरवाह है. हथुआ वार्ड में जहां ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीज एडमिट है, उनमें फेरीवाले घूम-घूम कर भूजा और फरही बेच रहे हैं. वहीं पास में मौजूद जूनियर डॉक्टर गर्दन पर आला लटका कर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं.

अस्पताल प्रबंधन पर उठ रहे सवाल: वार्ड में ही भूजा वाले भूजा बना रहे हैं. मरीज और उनके परिजनों की डिमांड पर भूजा बनाकर उन्हें खिला रहे हैं और पैसे ले रहे हैं. वहां मौजूद चिकित्सक इन सब बातों से अनजान बन कर अपना काम कर रहे हैं. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठ रहा है कि भूजा वाले, चाय वाले और अन्य सामान बेचने वाले अस्पताल के वार्ड में कैसे घूम-घूम कर सामान बेच रहे हैं. इससे वार्ड में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है और सफाई की व्यवस्था भी खराब होती है.

कुछ भी बताने से बच रहे अधिकारी: पीएमसीएच की हैरान करने वाली तस्वीरों पर अस्पताल का कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से पूरी तरह बचते नजर आ रहे हैं. कोई भी अधिकारी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन के वरीय अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं कि कहीं उनकी कोई मिलीभगत तो नहीं है?

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Last Updated : Mar 29, 2022, 8:25 PM IST
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