पटना: नशीले पदार्थ बिहार ही नहीं देश और विदेशों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है. एनसीबी द्वारा नशीली पदार्थों की तस्करी करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. नारकोटिक्स ट्रैफिकिंग के जरिए देश के विभिन्न राज्यों तक नशीले पदार्थ पहुंचाए जा रहे हैं, जिसका खामियाजा वहां के युवाओं को उठाना पड़ रहा है. ऐसे में एनसीबी की तरफ से इन पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है. कई स्मगलर गिरफ्तार किए जा चुके हैं. बावजूद इसके नशे का कारोबार धड़ल्ले से फल- फूल रहा है.
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नशे की जद में युवा
नशीली पदार्थों की ट्रैफिकिंग के लिए तस्कर बिहार और झारखंड को ज्यादातर रूट के रूप में इस्तेमाल करते हैं. बिहार में शराबबंदी के बाद युवाओं का रुझान ड्रग्स की ओर बढ़ रहा है. नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर कुमार मनीष की माने तो युवाओं से ज्यादा समाज के लोग दोषी हैं.
'कुछ लोगों ने नशीली पदार्थों की तस्करी को जीने का जरिया बना रखा है. समाज के कुछ वर्ग के लोग ज्यादा पैसा कमाने के लिए इस तरह के गलत काम कर रहे हैं. इसमें टारगेट हमारे समाज के युवा वर्ग के बच्चे हो रहे हैं. मैं युवाओं और बच्चों से अपील करता हूं कि बच्चे जीवन को अपनाएं ना कि ड्रग्स को अपनाएं. यह उनके और उनके परिवार के लिए घातक साबित हो सकता है.'- कुमार मनीष, ज्वाइंट डायरेक्टर, बिहार झारखंड एनसीबी
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किया जा रहा ट्रैफिकिंग कंट्रोल
एनसीबी के साथ-साथ और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से नारकोटिक्स पर अंकुश लगाने के लिए कई तरह के नशीले पदार्थों के साथ साथ उनके तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है. ताकि इसका ट्रैफिकिंग कंट्रोल किया जा सके.
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'नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा नशीली पदार्थों की धरपकड़ के साथ-साथ एनसीबी द्वारा बिहार झारखंड सहित अन्य राज्यों में भी युवाओं के बीच नशामुक्ति के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है. ज्यादातर नशीली पदार्थों का सेवन युवा वर्ग के लोग करते हैं जिस वजह से एनसीबी द्वारा खासकर स्कूल, कॉलेजों के स्टूडेंट्स को इससे होने वाली प्रॉब्लम से अवगत कराया जाता है.'- कुमार मनीष, ज्वाइंट डायरेक्टर, बिहार झारखंड एनसीबी
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एनसीबी का शिकंजा
नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के बिहार झारखंड के ज्वाइंट डायरेक्टर कुंवर मनीष सिंह की मानें तो पिछले वर्ष कोरोना काल के दौरान एनसीबी द्वारा सोशल डिस्टेंस मेंटेन करते हुए नशीली पदार्थ के गोरखधंधे में संलिप्त लोगों को पकड़ने में भी कामयाबी मिली है. गांजा, अफीम ब्राउन शुगर,ओपियम जैसे नशीली पदार्थों की सप्लाई लगातार हो रही है. इसी कड़ी में नशीली पदार्थों के खेप को ट्रकों में छिपाकर नॉर्थ इंडिया से बिहार झारखंड समेत दूसरे राज्यों में पहुंचाने वालों पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कार्रवाई भी करती है.
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इंटेलिजेंस कर रहा मजबूती से काम
आपको बता दें कि एनसीबी और आर्थिक अपराध इकाई मिलकर बिहार के उन जिलों में जहां पर अफीम की खेती की जाती है वहां काम कर रहा. फसलों को नष्ट करने के साथ मादक पदार्थों की सप्लाई होने की सूचना मिलते ही टीम कार्रवाई करती है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का इंटेलिजेंस काफी मजबूत है, जिस वजह से सप्लाईरों को पकड़ने में ही इन्हें काफी आसानी होती है.
साल 2021 के एनसीबी के आंकड़ें
गिरफ्तारी | 25 |
गांजा बरामद | 3616.6kg |
ओपियम बरामद | 5.25kg |
चरस बरामद | 28.34kg |
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