पटना: राज्यभर में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से बुधवार को भारत बंद का आयोजन किया गया. इस बंद के समर्थन में राज्य के कई ट्रेड यूनियन के विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते दिखे. इस बंद के समर्थन में प्रदेश के कई जिलों में भी बंद का असर देखने को मिला.
अररिया में दिखा बंद का काफी असर
अररिया जिले में भी भारत बंद का काफी असर देखने को मिला. जहां ट्रेड यूनियन के विभिन्न संगठनों के बैनर तले लोगों ने सीएए, एनआरसी और देश की गिरती अर्थव्यवस्था, संस्थानों का निजीकरण, वेतन में बढ़ोतरी जैसे कई मुद्दों को लेकर सड़क पर उतर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. जिले के विभिन्न स्थानों पर भी बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला. इस दौरान लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती की गई थी.
भारत बंद का गया में भी देखने को मिला असर
गया जिले में भी ट्रेड यूनियन के आह्वान पर भारत बंद का आह्वान किया गया था. इस बंदी का असर गया शहर में भी देखने को मिला. ट्रेड यूनियन के आह्वान पर विभिन्न राजनीतिक संगठन भी समर्थन में सड़क पर उतर आए और उनके कार्यकर्ताओं ने घूम-घूमकर शहर की दुकानों को बंद कराया. इस दौरान कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बैंकों और कार्यालयों के सामने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताया.
'सरकार की नीतियां है जन विरोधी'
इस मौके पर भाकपा माले नेता जानकी पासवान ने कहा कि वर्तमान समय में केंद्र सरकार की नीतियां जनविरोधी हो चुकी है. एक तरफ बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ श्रम बिल में संशोधन किया जा रहा है. वहीं, सरकार जबरन नागरिकों पर सीएए और एनआरसी थोपने में लगी हुई है. इस समय देश में आर्थिक संकट व्याप्त हो गया है. सरकार की नीतियों के कारण आमजन परेशान है.
नवादा में भी बंद का असर
नवादा जिले में भी अखिल भारतीय केंद्रीय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर, डाक कर्मचारी संघ के प्रमुख यूनियनों ने बंद को सफल बनाने के लिए हड़ताल किया. इस दौरान यूनियों ने अपने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को नवादा जिला प्रधान डाकघर का ताला बंद कर दिया. वहीं, डाक कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए जमकर नारेबाजी की.
संघर्ष समिति के राष्ट्रीय सचिव जितेंद्र कुमार ने बताया कि हम लोगों की प्रमुख मांगे है कि पुराने पेंशन नीति को लागू किया जाए. साथ ही खाली पदों को जल्द ही भर्ती करवाया जाए. उनकी 10 सूत्री मांगें ये है.
● केंद्रीय सचिवालय कर्मचारियों के भांति समान कार्य के लिए समान वेतन मिले.
● 7वें वेतन आयोग के तहत स्वयतशासकीय कर्मचारियों को वेतन पुनरीक्षण, पेंशन और बोनस का लाभ मिले.
● ग्रुप 'सी' और 'बी' कर्मचारियों को प्रोन्नति मिले.
● अनुकंपा के आधार पर 5 प्रतिशत की सीमा की समाप्ति हो.
● सभी विभागों के खाली पड़े पदों पर अविलंब बहाली की जाए.
● ऑउट सोर्सिंग के तहत सरकारी विभागों और मंत्रालयों में छटनी, कटौती बंद किया जाए.
● बकाया आवास भत्ता को शीघ्र भुगतान करवाया जाए.
● ट्रेड यूनियन के अधिकारों पर हमला बंद हों और जेसीएम फोरम पर सभी स्तरों पर बातचीत का दरवाजा खोला जाए.
● नई पेंशन नीति समाप्त कर पुरानी पेंशन नीति को लागू किया जाए.
● साथ ही ग्रामीण डाक सेवकों को अन्य केंद्रीय कर्मचारियों की भांति सभी सुविधाएं मिले.
समस्तीपुर जिले में भी दिखा असर
समस्तीपुर जिले में भी बंद का काफी असर देखने को मिला. जहां ट्रेड यूनियन के भारत बंद से जिलेवासी पूरी तरह प्रभावित हुए. जिले के बैंक, पोस्ट ऑफिस समेत सभी एटीएम को बंद कर दिया गया था. वहीं, जगह-जगह पर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना और प्रदर्शन होते रहे.
सीतामढ़ी में भी रहा बंद का असर
सीतामढ़ी जिले में भी ट्रेड यूनियन के हड़ताल का खासा असर रहा. इस बंद के कारण यातायात काफी प्रभावित रहा इस बंद के आयोजन में कई संगठनों और यूनियन के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. शहर के पुनौरा में किसान मजदूर संघ के सदस्यों ने सड़क पर उतरकर केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और सीतामढ़ी शिवहर मुख्य मार्ग को करीब 2 घंटे तक जाम कर दिया. बता दें कि इस बंद के समर्थन में ट्रेड यूनियनों के साथ आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका भी सड़कों पर उतरकर सरकार के विरोध में नारे लगाई. साथ ही अपनी मांगों को पूरी करने की मांग की.