पटना: बिहार के भागलपुर में निर्माणाधीन पुल के धराशायी हो जाने के बाद से महागठबंधन सरकार लगातार मामले पर नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही विभागीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी पूरे मामले को लेकर गंभीर हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि दोषियो को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
कंपनी पर चलेगा सरकार का हथौड़ा: आज एक बार फिर मीडिया से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने दोहराया कि दोषियों पर कार्रवाई होगी. साथ उन्होंने कहा कि जब पिलर नंबर पांच गिरा था, तभी से इसपर सरकार की नजर है. उस वक्त के तत्कालीन मंत्री नितिन नवीन ने जांच का जिम्मा आईआईटी रुड़की को दिया था. रिपोर्ट के आधार पर उसके सारे सेगमेंट जो 50 के करीब थे सभी को ध्वस्त करा दिया गया था.
"नए सिरे से पुल का निर्माण कराया जाएगा. यह पुल सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है. 2014 से काम हो रहा है. हम कोशिश करेंगे कि समय पर काम पूरा हो. जो राशि इस पुल में लगी है उसे वसूला जाएगा. इससे पहले भी पिलर पांच के जितने भी सिगमेंट तोड़े थे उसका खर्च सरकार पर हमने आने नहीं दिया. संवेदक से वसूला गया था."- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री, बिहार
कॉन्ट्रैक्टर को करना होगा राशि का वहन: इस दौरान तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया कि राशि की वसूली कॉन्ट्रैक्टर से की जाएगी. उन्होंने कहा कि अप्रोच रोड में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन पुल की राशि का वहन कॉन्ट्रैक्टर को करना होगा. सरकार पर भार नहीं आएगा. तमाम चीजों को देखा जा रहा है और कार्रवाई की जा रही है.
सीबीआई जांच की मांग पर बीजेपी को तेजस्वी का जवाब: वहीं तेजस्वी यादव से जब पूछा गया कि बीजेपी पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रही है तो उन्होंने कहा कि कौन क्या कहता है नहीं कहता है हमें कुछ नहीं कहना है. कौन दोषी है नहीं है, सबकुछ स्पष्ट है. आईआईटी रुड़की जांच कर रही है. सीबीआई वाले इंजीनियर तो हैं नहीं.
पूरा मामला: दरअसल रविवार 4 जून को सुल्तानगंज-अगुवानी घाट के बीच गंगा नदी पर बन रहा पुल नदी में समा गया था. 14 महीने के भीतर दूसरी बार पुल के गिरने को लेकर राज्य सरकार और पथ निर्माण विभाग पर विपक्ष गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की जा रही है. वहीं सरकार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
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