पटना: मानसून आते ही बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इस समय में कई प्रकार के संक्रमण से जुड़ी हुई बीमारियां लोगों को होती है. वहीं, मानसून के समय में किस प्रकार की बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है. इन बीमारियों से बचाव को लेकर क्या कुछ एहतियात बरतनी चाहिए. इसके बारे में पटना के प्रसिद्ध फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि ऐसे समय में मच्छर और मक्खी जनित बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है.
मच्छरों से रहना है बचकर
फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि मानसून के समय में जगह-जगह जल जमाव देखने को मिलती है. जिसके कारण मच्छर और मक्खी जनित बीमारियां बढ़ जाती है. इस समय डेंगू, मलेरिया और हैजा जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है. उन्होंने कहा कि डायरिया, उल्टी के साथ वायरल फ्लू का भी प्रकोप ऐसे समय में बढ़ जाता है. वहीं, उन्होंने कहा कि ऐसे समय में बच्चों में रोटा वायरस डायरिया होने का खतरा भी बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि मानसून के समय में आस-पास कहीं पानी जमा नहीं होने देना है और मच्छरों से बचकर रहना है.
मच्छरदानी का करें प्रयोग
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि मच्छर के प्रकोप से बचने के लिए घर में मच्छरदानी का प्रयोग आवश्यक रूप से करें. इसके साथ ही इंडोर में जहां पानी जमा होता है. वहां समय-समय पर पानी की सफाई करते रहें. उन्होंने कहा कि कपड़े पहनते समय मानसून के समय फुल स्लीव के कपड़े पहने, ताकि हाथ पूरी तरह से ढ़का रहे, ताकि मच्छर के काटने की संभावना कम रहे. वहीं, उन्होंने कहा कि मानसून के समय में खानपान पर भी विशेष ध्यान देना होता है. खाना हमेशा ताजा खाने की कोशिश करें और साफ पानी पिए.
बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि ऐसे समय में गंदा पानी पीने के कारण जॉन्डिस और टाइफाइड जैसी बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में हमें बचाव के लिए शुद्ध और ताजा भोजन खाना चाहिए और पानी हमेशा साफ पीनी चाहिए. इसके साथ ही मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग आवश्यक रूप से करना चाहिए. वहीं, उन्होंने कहा कि अगर यह सारी बातें हमारे जहन में रहेंगी, तो निश्चित रूप से मानसून के समय में हम खुद को सुरक्षित रख पाएंगे.