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सावधान! बैंकों की कमी का फायदा उठाकर आपकी गाढ़ी कमाई में सेंध लगा रहे हैं साइबर अपराधी - Economic offenses unit

साइबर फ्रॉड इन दिनों मोबाइल नंबर से किसी भी व्यक्ति का मोबाइल को हैक करके उनके मोबाइल का डाटा इंटरनेट बैंकिंग का यूजर आईडी और पासवर्ड को आसानी से प्राप्त कर ले रहे हैं. लोगों को अपने मोबाइल में या मेल में किसी भी तरह का इंर्पोटेंट डॉक्यूमेंट्स रखने से बचने की जरूरत है. साइबर फ्रॉड इन दिनों नए तरीकों को इजाद कर रहे हैं.

साइबर फ्रॉड
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Published : Mar 18, 2021, 3:58 PM IST

पटना: बिहार समेत पूरे देश में इन दिनों साइबर अपराधी नए-नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. बिहार समेत यूपी और दिल्ली में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कुछ बैंकों की कमी का फायदा उठाते हुए बिना ओटीपी के आम इंसान की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं.

ये भी पढ़ें- ये है बिहार की जमीनी हकीकत: नहर तो तैयार है, पर सिंचाई के लिए पानी नहीं

बैंकों की कमी का उठा रहे फायदा
आर्थिक अपराध इकाई के साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ की माने तो बिहार के कुछ जिलों, यूपी और दिल्ली में कुछ ऐसे ही मामले देखने को मिले हैं. जिसमें आईएमपीएस से जो पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं, उसमें अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड किसी खास व्यक्ति का होता है और नाम किसी और व्यक्ति का डाल देने से भी उसका पैसा ट्रांसफर हो जाता है. ऐसे बैंकों की कमी का फायदा इन दिनों साइबर अपराधी उठा रहे हैं.

बिना ओटीपी के पैसों का गबन
बिना ओटीपी के पैसों का गबन

बिना ओटीपी के पैसों का गबन
साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ का कहना है कि इन दिनों साइबर अपराधी बिना ओटीपी के ही आम लोगों के पैसों का गबन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी किसी भी माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग के जरिए किसी व्यक्ति का यूजर आईडी और पासवर्ड जान लेते हैं, तो बिना उस व्यक्ति के मोबाइल पर ओटीपी गए उसके पैसों का गबन कर रहे हैं.

गाढ़ी कमाई लूट रहे साइबर अपराधी
गाढ़ी कमाई लूट रहे साइबर अपराधी

नए-नए तरीकों से कर रहे ठगी
यूजर आईडी पासवर्ड होने की वजह से वह किसी भी दूसरे व्यक्ति के अकाउंट में सेल्फ अकाउंट के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट खोल देते हैं, जहां पर ओटीपी की कोई रिक्वायरमेंट नहीं होता है. जिसका फायदा उठाते हुए साइबर फ्रॉड लगातार बिहार के कुछ जिले यूपी और दिल्ली में इस तरह की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. जिस वजह से आम लोगों को इंटरनेट बैंकिंग का यूजर पासवर्ड सेफ रखने की जरूरत है. जिस वजह से साइबर फ्रॉड तक उनका डिटेल्स ना पहुंच सके.

साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय

''खुद को साइबर क्रिमिनल्स लगातार अपडेट्स कर रहे हैं. उन्हें पता है कि मार्च का समय है और ज्यादातर लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं, जिसका फायदा लगातार उठा रहे हैं. साइबर क्रिमिनल्स खुद को आयकर विभाग का स्टाफ बताकर ऐसे समय पर फोन करते हैं, जब आम व्यक्ति व्यस्त होता है. जैसे ऑफिस के जाने के समय ऑफिस के लौटते समय तुरंत फोन करके उन्हें झांसे में ले लेते हैं''- अभिनव सौरभ, साइबर एक्सपर्ट

साइबर एक्सपर्ट की राय
साइबर एक्सपर्ट की राय

रिकवरी के नाम पर कर रहे फ्रॉड
साइबर एक्सपर्ट की माने तो इन दिनों आयकर विभाग के द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न भरने, किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ देने के नाम पर ठगने का प्रयास किया जा रहा है. इधर, राजस्थान और यूपी के कुछ गिरोह ने बिहार के कृषि निर्देशक के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाकर किसानों को उस खाते में रिकवरी वाला पैसा जमा करने का फोन और एसएमएस कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पटना में 100 साल पुरानी इमारतों की भरमार, ढहने का खतरा, नीति बनाने की मांग

ग्राहकों को झांसा देकर साइबर फ्रॉड
साइबर अपराधी इन दिनों इतने चलाक हो गए हैं कि किसी व्यक्ति का यूजर आईडी पासवर्ड जानकर उनके बैंक में जमा राशि को देखकर उनके मोबाइल पर फर्जी एसएमएस भेजकर उनसे ये पूछ रहे हैं कि क्या आपने अपने अकाउंट से पैसे निकाले हैं या नहीं अगर वह व्यक्ति मैसेज देखता है, उसके अकाउंट से पैसे निकलने का मैसेज आया होता है तो उससे ब्लॉक करने को लेकर एक नया ओटीपी भेजते हैं. जैसे ही उस व्यक्ति द्वारा अपने ओटीपी को साइबर फ्रॉड को बताया जाता है, वैसे ही उनके अकाउंट में से भारी रकम की निकासी कर ली जाती है.

रिकवरी के नाम पर कर रहे फ्रॉड
रिकवरी के नाम पर कर रहे फ्रॉड

आर्थिक अपराध इकाई जांच में जुटी
आर्थिक अपराध इकाई में भागलपुर और सहरसा के कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसके बाद आर्थिक अपराध इकाई इन मामलों की छानबीन में जुट गई है. आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसन खान ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि कुछ बैंक के कर्मचारी और फाइनेंशियल लोगों से रिलेटेड लोगों की मिलीभगत के वजह से साइबर अपराधी नए तरीकों को इजाद करके ठगी कर रहे हैं.

लोगों को सावधान रहने की जरूरत
लोगों को सावधान रहने की जरूरत

''लोगों को काफी सचेत रहने की जरूरत है, खासकर अपनी डिटेल्स को साझा भूल से भी ना करें. आर्थिक अपराध इकाई के तरफ से समय-समय पर ई-पोस्टर कैंपेनिंग के माध्यम से अवेयरनेस प्रोग्राम चलाया जा रहा है. हर केस में नई तरह की स्ट्रेटजी साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई जा रही है''- नैयर हसन, एडीजी, आर्थिक अपराध इकाई

ये भी पढ़ें- शिक्षा विभाग विद्यार्थियों के भविष्य से कर रहा खिलवाड़, DM से छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन कर शिक्षक की मांग की

साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए हर व्यक्ति को 10 से 15 दिनों के भीतर अपने इंटरनेट यूजर आईडी के पासवर्ड को चेंज करते रहना चाहिए. आपकी ईमेल आईडी पर आए मैसेज पर दिए गए लिंक जिसमें यूजर आईडी या पासवर्ड को चेंज करने का ऑप्शन दिया है, उसे भूल कर भी क्लिक ना करें. अनजान नंबर से आए मैसेज को इग्नोर करें. सोशल मीडिया पर जितना कम से कम इंफॉर्मेशन साझा करेंगे, उतना खुद सुरक्षित रहेंगे.

पटना: बिहार समेत पूरे देश में इन दिनों साइबर अपराधी नए-नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. बिहार समेत यूपी और दिल्ली में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कुछ बैंकों की कमी का फायदा उठाते हुए बिना ओटीपी के आम इंसान की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं.

ये भी पढ़ें- ये है बिहार की जमीनी हकीकत: नहर तो तैयार है, पर सिंचाई के लिए पानी नहीं

बैंकों की कमी का उठा रहे फायदा
आर्थिक अपराध इकाई के साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ की माने तो बिहार के कुछ जिलों, यूपी और दिल्ली में कुछ ऐसे ही मामले देखने को मिले हैं. जिसमें आईएमपीएस से जो पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं, उसमें अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड किसी खास व्यक्ति का होता है और नाम किसी और व्यक्ति का डाल देने से भी उसका पैसा ट्रांसफर हो जाता है. ऐसे बैंकों की कमी का फायदा इन दिनों साइबर अपराधी उठा रहे हैं.

बिना ओटीपी के पैसों का गबन
बिना ओटीपी के पैसों का गबन

बिना ओटीपी के पैसों का गबन
साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ का कहना है कि इन दिनों साइबर अपराधी बिना ओटीपी के ही आम लोगों के पैसों का गबन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी किसी भी माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग के जरिए किसी व्यक्ति का यूजर आईडी और पासवर्ड जान लेते हैं, तो बिना उस व्यक्ति के मोबाइल पर ओटीपी गए उसके पैसों का गबन कर रहे हैं.

गाढ़ी कमाई लूट रहे साइबर अपराधी
गाढ़ी कमाई लूट रहे साइबर अपराधी

नए-नए तरीकों से कर रहे ठगी
यूजर आईडी पासवर्ड होने की वजह से वह किसी भी दूसरे व्यक्ति के अकाउंट में सेल्फ अकाउंट के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट खोल देते हैं, जहां पर ओटीपी की कोई रिक्वायरमेंट नहीं होता है. जिसका फायदा उठाते हुए साइबर फ्रॉड लगातार बिहार के कुछ जिले यूपी और दिल्ली में इस तरह की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. जिस वजह से आम लोगों को इंटरनेट बैंकिंग का यूजर पासवर्ड सेफ रखने की जरूरत है. जिस वजह से साइबर फ्रॉड तक उनका डिटेल्स ना पहुंच सके.

साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय

''खुद को साइबर क्रिमिनल्स लगातार अपडेट्स कर रहे हैं. उन्हें पता है कि मार्च का समय है और ज्यादातर लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं, जिसका फायदा लगातार उठा रहे हैं. साइबर क्रिमिनल्स खुद को आयकर विभाग का स्टाफ बताकर ऐसे समय पर फोन करते हैं, जब आम व्यक्ति व्यस्त होता है. जैसे ऑफिस के जाने के समय ऑफिस के लौटते समय तुरंत फोन करके उन्हें झांसे में ले लेते हैं''- अभिनव सौरभ, साइबर एक्सपर्ट

साइबर एक्सपर्ट की राय
साइबर एक्सपर्ट की राय

रिकवरी के नाम पर कर रहे फ्रॉड
साइबर एक्सपर्ट की माने तो इन दिनों आयकर विभाग के द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न भरने, किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ देने के नाम पर ठगने का प्रयास किया जा रहा है. इधर, राजस्थान और यूपी के कुछ गिरोह ने बिहार के कृषि निर्देशक के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाकर किसानों को उस खाते में रिकवरी वाला पैसा जमा करने का फोन और एसएमएस कर रहे हैं.

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ग्राहकों को झांसा देकर साइबर फ्रॉड
साइबर अपराधी इन दिनों इतने चलाक हो गए हैं कि किसी व्यक्ति का यूजर आईडी पासवर्ड जानकर उनके बैंक में जमा राशि को देखकर उनके मोबाइल पर फर्जी एसएमएस भेजकर उनसे ये पूछ रहे हैं कि क्या आपने अपने अकाउंट से पैसे निकाले हैं या नहीं अगर वह व्यक्ति मैसेज देखता है, उसके अकाउंट से पैसे निकलने का मैसेज आया होता है तो उससे ब्लॉक करने को लेकर एक नया ओटीपी भेजते हैं. जैसे ही उस व्यक्ति द्वारा अपने ओटीपी को साइबर फ्रॉड को बताया जाता है, वैसे ही उनके अकाउंट में से भारी रकम की निकासी कर ली जाती है.

रिकवरी के नाम पर कर रहे फ्रॉड
रिकवरी के नाम पर कर रहे फ्रॉड

आर्थिक अपराध इकाई जांच में जुटी
आर्थिक अपराध इकाई में भागलपुर और सहरसा के कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसके बाद आर्थिक अपराध इकाई इन मामलों की छानबीन में जुट गई है. आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसन खान ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि कुछ बैंक के कर्मचारी और फाइनेंशियल लोगों से रिलेटेड लोगों की मिलीभगत के वजह से साइबर अपराधी नए तरीकों को इजाद करके ठगी कर रहे हैं.

लोगों को सावधान रहने की जरूरत
लोगों को सावधान रहने की जरूरत

''लोगों को काफी सचेत रहने की जरूरत है, खासकर अपनी डिटेल्स को साझा भूल से भी ना करें. आर्थिक अपराध इकाई के तरफ से समय-समय पर ई-पोस्टर कैंपेनिंग के माध्यम से अवेयरनेस प्रोग्राम चलाया जा रहा है. हर केस में नई तरह की स्ट्रेटजी साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई जा रही है''- नैयर हसन, एडीजी, आर्थिक अपराध इकाई

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साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए हर व्यक्ति को 10 से 15 दिनों के भीतर अपने इंटरनेट यूजर आईडी के पासवर्ड को चेंज करते रहना चाहिए. आपकी ईमेल आईडी पर आए मैसेज पर दिए गए लिंक जिसमें यूजर आईडी या पासवर्ड को चेंज करने का ऑप्शन दिया है, उसे भूल कर भी क्लिक ना करें. अनजान नंबर से आए मैसेज को इग्नोर करें. सोशल मीडिया पर जितना कम से कम इंफॉर्मेशन साझा करेंगे, उतना खुद सुरक्षित रहेंगे.

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