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Benefits Of Water Gargle: गलाला से भागेगा कोरोना, जानिए इसके फायदे - Etv bihar news

कोरोना वायरस (Corona Virus) मुंह और नाक के जरिए गले में प्रवेश करता है और इसके बाद फेफड़ों तक पहुंचता है. लेकिन पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अनुराग शरण (Dr. Anurag Sharan) कि माने तो गरारे ( गलाला ) करने से कोरोना वायरस को फेफड़ों तक पहुंचने से रोका जा सकता है और इसके जरिए गले में कोरोना वायरस का अंत किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि गरारे के लिए पानी कितना गर्म होना चाहिए और इससे क्या-क्या फायदे (Benefits Of Water Gargle) हैं.

water gargle
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Published : Jan 27, 2022, 12:30 PM IST

पटना: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में लोग होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं. सरकार का भी ध्यान होम आइसोलेशन (Home Isolation) और टेलीमेडिसिन पर है. होम आइसोलेशन वाले मरीजों से सरकार घरेलू नुस्खा को फॉलो करने की अपील कर रही है. सरकार की तरफ से लोगों से अपील की जा रही है कि संक्रमण के दौरान आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन करें, गर्म पानी का गलाला ( गरारा ) करें और गलाले के लिए पानी में नमक और हल्दी का भी प्रयोग कर सकते हैं. ऐसे में यह जानते हैं कि गलाले के लिए पानी कितना गर्म होना चाहिए (How hot should water be for gargling) और इससे क्या-क्या फायदे हो सकते हैं.

यह भी पढ़ें - ठंड में कम से कम इतना पानी जरूर पिएं.. नहीं तो हो सकती है ऐसी गंभीर बीमारी

पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अनुराग शरण ने बताया कि वायरल इनफेक्शन जैसी बीमारियों में गलाला करना बहुत फायदेमंद होता है. गले में जो भी बैक्टीरिया और वायरस है. वह गलाला के माध्यम से बाहर निकल जाता है. गलाला करने के लिए पानी अधिक गर्म नहीं होना चाहिए. पानी अधिक गर्म होता है तो मुंह के अंदर छाले पड़ सकते हैं और गला जल सकता है. पानी 60 से 65 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होना चाहिए और शरीर में उंगली बहुत सेंसिटिव पार्ट होता है, उंगली से छूकर पानी को देख लेना चाहिए कि पानी अधिक गर्म तो नहीं है.

डॉक्टर अनुराग शरण ने बताया कि 60 से 65 डिग्री सेंटीग्रेड पानी अधिक गर्म हो तो यह ह्यूमन टिश्यू म्यूकोसा टोलरेट कर सकता है. गलाला में पानी में क्या उपयोग कर रहे हैं इसका बहुत महत्व होता है. गलाला करने के लिए पानी में केमिकल का उपयोग करना चाहिए, जिसमें एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी हो. नमक का भी उपयोग कर सकते हैं. नमक अपने ऑस्मोटिक एक्शन से बैक्टीरिया को किल करता है. बीटाडीन और क्लोरहेक्सिडीन का भी प्रयोग कर सकते हैं. यह गले की बैक्टीरिया को किल करने के मामले में सत्यापित है. 1:1 के रेशियो में पानी में इन केमिकल का उपयोग कर गलाला करें.

डॉक्टर ने बताया कि कोरोना वायरस की जहां तक बात है तो यह वायरस छूने या फिर संक्रमण के जोन से गुजरने से संक्रमण नहीं फैलता है और यह रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के माध्यम से ही शरीर में प्रवेश करता है. इसलिए यदि बाहर से घूम कर और काम करने के बाद घर जाते हैं या फिर किसी के सांसों के संपर्क में आपका चेहरा आया है तो गलाला करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों से मिले. सुबह-शाम नियमित गलाला करते हैं तो यह फायदेमंद रहता है.

यह भी पढ़ें - होम आइसोलेशन वाले मरीजों का हिट एप करेगा निगरानी, हालत बिगड़ी तो बजेगा अलार्म

यह भी पढ़ें - बिहार में 'कोविड-App' से होगी 'होम आइसोलेशन ट्रैकिंग', सीएम नीतीश ने लॉन्च किया ऐप

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पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अनुराग शरण ने बताया कि वायरल इनफेक्शन जैसी बीमारियों में गलाला करना बहुत फायदेमंद होता है. गले में जो भी बैक्टीरिया और वायरस है. वह गलाला के माध्यम से बाहर निकल जाता है. गलाला करने के लिए पानी अधिक गर्म नहीं होना चाहिए. पानी अधिक गर्म होता है तो मुंह के अंदर छाले पड़ सकते हैं और गला जल सकता है. पानी 60 से 65 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होना चाहिए और शरीर में उंगली बहुत सेंसिटिव पार्ट होता है, उंगली से छूकर पानी को देख लेना चाहिए कि पानी अधिक गर्म तो नहीं है.

डॉक्टर अनुराग शरण ने बताया कि 60 से 65 डिग्री सेंटीग्रेड पानी अधिक गर्म हो तो यह ह्यूमन टिश्यू म्यूकोसा टोलरेट कर सकता है. गलाला में पानी में क्या उपयोग कर रहे हैं इसका बहुत महत्व होता है. गलाला करने के लिए पानी में केमिकल का उपयोग करना चाहिए, जिसमें एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी हो. नमक का भी उपयोग कर सकते हैं. नमक अपने ऑस्मोटिक एक्शन से बैक्टीरिया को किल करता है. बीटाडीन और क्लोरहेक्सिडीन का भी प्रयोग कर सकते हैं. यह गले की बैक्टीरिया को किल करने के मामले में सत्यापित है. 1:1 के रेशियो में पानी में इन केमिकल का उपयोग कर गलाला करें.

डॉक्टर ने बताया कि कोरोना वायरस की जहां तक बात है तो यह वायरस छूने या फिर संक्रमण के जोन से गुजरने से संक्रमण नहीं फैलता है और यह रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के माध्यम से ही शरीर में प्रवेश करता है. इसलिए यदि बाहर से घूम कर और काम करने के बाद घर जाते हैं या फिर किसी के सांसों के संपर्क में आपका चेहरा आया है तो गलाला करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों से मिले. सुबह-शाम नियमित गलाला करते हैं तो यह फायदेमंद रहता है.

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