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पटना में अधिवक्ताओं के नेशनल सेमिनार में बोले CJI- 'वकीलों की सामाजिक भूमिका काफी बड़ी'

पटना में वकीलों का राष्ट्रीय स्तर सेमिनार (Advocates Seminar In Patna) आयोजित किया गया. सेमिनार में देश के कोने कोने से अधिवक्ता पहुंचे थे. भारत के चीफ जस्टिस यू यू ललित और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू सहित अन्य गणमान्य लोगों ने सेमिनार में शिरकत की. पढ़ें-

Bar Council National Seminar in patna
Bar Council National Seminar in patna
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Published : Sep 24, 2022, 5:36 PM IST

Updated : Sep 24, 2022, 7:50 PM IST

पटना: बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया और बिहार राज्य बार कॉउंसिल (Bar Council National Seminar In Patna) के द्वारा संयुक्त रूप से पटना के बापू सभागार में वकीलों के सामाजिक दायित्व के विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यू यू ललित (CJI U U Lalit In Patna ) ने वकीलों के शक्ति को रेखांकित करते हुए कहा कि आम लोगों से जुड़े मुद्दे को उठाने की ताकत वकीलों में ही है.

पढ़ें- जनता का विश्वास जगाने के लिए वकीलों-न्यायाधीशों को नियमों का पालन करना होगा : सिब्बल

अधिवक्ताओं का नेशनल सेमिनार: चीफ जस्टिस ललित ने कहा कि वकीलों की सामाजिक भूमिका काफी बड़ी है, लेकिन उन्हें आम लोगों से सम्बंधित मुद्दे उठाने की बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम में अग्रिम पंक्ति में वकीलों ने ही नेतृत्व किया था. केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने सेमिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को एक टीम की तरह देश के कल्याण के लिए काम करना होगा.

"वकीलों की सामाजिक भूमिका काफी बड़ी है. स्वतन्त्रता संग्राम में अग्रिम पंक्ति में वकीलों ने ही नेतृत्व किया था. उन्हें आम लोगों से सम्बंधित मुद्दे उठाने की बड़ी ताकत है."- यू यू ललित, सीजेआई

"देश में लगभग चार करोड़ अस्सी लाख मामले अदालतों में सुनवाई के लिए लंबित है. आधुनिक तकनीक, हाईकोर्ट और वकील के सहयोग से इन्हें काफी हद तक कम किया जा सकता है. लगभग नौ हजार करोड़ रुपए निचली अदालतों में बुनियादी सुविधाओं के लिए रखे गए, लेकिन उस राशि का पूरा उपयोग नहीं किया गया. ये अफसोस की बात है."- किरण रिजिजू, केंद्रीय कानून मंत्री


'अदालतों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव': बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज बिहार के वकीलों ने उत्साह दिखाया, वह अद्भुत है. उन्होंने समाज में वकीलों की भूमिका इंगित करते हुए कहा कि वकील न सिर्फ पेशेगत कार्य करते हैं, बल्कि आम लोगों की सेवा और कानूनी सहायता देते हैं. उन्होंने राज्य के वकीलों की दशा का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य के सिविल और अन्य अदालतों में बुनियादी सुविधाओं का काफी अभाव है. न वकीलों के बैठने की सही व्यवस्था है, ना ही शौचालय की व्यवस्था होती है.


"महिला अधिवक्ताओं की दशा और भी बुरी है. इन्ही स्थितियों के कारण इन कोर्ट में महिला अधिवक्ताओं की भागीदारी काफी कम है. वकीलों के साथ बदसलूकी और हत्याओं की काफी घटनाएं होती हैं. इसके लिए एडवोकेट एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत है."- मनन कुमार मिश्रा, अध्यक्ष, बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया


सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय कॉल, जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस माहेश्वरी, जस्टिस एम एम सूंदरश ने भी इस सेमिनार को सम्बोधित किया. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल ने भी सेमिनार को सम्बोधित किया. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यू यू ललित, किरेन रिजिजू समेत अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम सभागार और व्यवस्था की भूरी भूरी प्रशंसा की.

पटना: बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया और बिहार राज्य बार कॉउंसिल (Bar Council National Seminar In Patna) के द्वारा संयुक्त रूप से पटना के बापू सभागार में वकीलों के सामाजिक दायित्व के विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यू यू ललित (CJI U U Lalit In Patna ) ने वकीलों के शक्ति को रेखांकित करते हुए कहा कि आम लोगों से जुड़े मुद्दे को उठाने की ताकत वकीलों में ही है.

पढ़ें- जनता का विश्वास जगाने के लिए वकीलों-न्यायाधीशों को नियमों का पालन करना होगा : सिब्बल

अधिवक्ताओं का नेशनल सेमिनार: चीफ जस्टिस ललित ने कहा कि वकीलों की सामाजिक भूमिका काफी बड़ी है, लेकिन उन्हें आम लोगों से सम्बंधित मुद्दे उठाने की बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम में अग्रिम पंक्ति में वकीलों ने ही नेतृत्व किया था. केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने सेमिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को एक टीम की तरह देश के कल्याण के लिए काम करना होगा.

"वकीलों की सामाजिक भूमिका काफी बड़ी है. स्वतन्त्रता संग्राम में अग्रिम पंक्ति में वकीलों ने ही नेतृत्व किया था. उन्हें आम लोगों से सम्बंधित मुद्दे उठाने की बड़ी ताकत है."- यू यू ललित, सीजेआई

"देश में लगभग चार करोड़ अस्सी लाख मामले अदालतों में सुनवाई के लिए लंबित है. आधुनिक तकनीक, हाईकोर्ट और वकील के सहयोग से इन्हें काफी हद तक कम किया जा सकता है. लगभग नौ हजार करोड़ रुपए निचली अदालतों में बुनियादी सुविधाओं के लिए रखे गए, लेकिन उस राशि का पूरा उपयोग नहीं किया गया. ये अफसोस की बात है."- किरण रिजिजू, केंद्रीय कानून मंत्री


'अदालतों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव': बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज बिहार के वकीलों ने उत्साह दिखाया, वह अद्भुत है. उन्होंने समाज में वकीलों की भूमिका इंगित करते हुए कहा कि वकील न सिर्फ पेशेगत कार्य करते हैं, बल्कि आम लोगों की सेवा और कानूनी सहायता देते हैं. उन्होंने राज्य के वकीलों की दशा का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य के सिविल और अन्य अदालतों में बुनियादी सुविधाओं का काफी अभाव है. न वकीलों के बैठने की सही व्यवस्था है, ना ही शौचालय की व्यवस्था होती है.


"महिला अधिवक्ताओं की दशा और भी बुरी है. इन्ही स्थितियों के कारण इन कोर्ट में महिला अधिवक्ताओं की भागीदारी काफी कम है. वकीलों के साथ बदसलूकी और हत्याओं की काफी घटनाएं होती हैं. इसके लिए एडवोकेट एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत है."- मनन कुमार मिश्रा, अध्यक्ष, बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया


सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय कॉल, जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस माहेश्वरी, जस्टिस एम एम सूंदरश ने भी इस सेमिनार को सम्बोधित किया. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल ने भी सेमिनार को सम्बोधित किया. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यू यू ललित, किरेन रिजिजू समेत अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम सभागार और व्यवस्था की भूरी भूरी प्रशंसा की.

Last Updated : Sep 24, 2022, 7:50 PM IST
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